ETV Bharat / state

सीएम योगी ने किसानों के हित में कई फैसले लिए, मंडियों में ये सुविधाएं लागू करने के दिए निर्देश - CM Yogi Instructions

author img

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jul 16, 2024, 9:51 PM IST

योगी आदित्यनाथ ने राज्य कृषि उत्पादन मंडी परिषद के संचालक मंडल की बैठक में किसानों के हित में कई फैसले लेते हुए अधिकारियों को लागू करने के निर्देश दिए हैं. आइए जानते हैं किसानों को कौन सी सुविधाएं योगी सरकार देने जा रही है.

Etv Bharat
सीएम योगी आदित्यनाथ. (Etv Bharat)

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को राज्य कृषि उत्पादन मंडी परिषद के संचालक मंडल की समीक्षा बैठक की. सीएम ने कहा कि राज्य कृषि उत्पादन मंडी परिषद द्वारा किसानों के हित का ध्यान रखते हुए किये जा रहे प्रयास सराहनीय है. मंडी शुल्क को न्यूनतम करने के बाद भी राजस्व से संग्रह में मंडियों का अच्छा योगदान है. वित्तीय वर्ष 2022-23 में जहां 1553 करोड़ की आय हुई थी, वहीं 2023-24 में लगभग 1862 करोड़ की आय हुई. वर्तमान वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही में लगभग 400 करोड़ का राजस्व संग्रहीत हो चुका है. मंडी शुल्क न्यूनतम होने के बाद भी मंडियों से राजस्व संग्रह में हुई बढ़ोतरी सराहनीय है. यह राजस्व किसानों के हित में ही व्यय किया जाए.


मुख्यमंत्री ने कहा कि मंडी किसानों के लिए है, यहां दूरदराज से किसान अपनी फसल लेकर यहां आता है. ऐसे में यहां उनकी सुविधा और सुरक्षा के सभी प्रबंध होने चाहिए. मंडियों में साफ-सफाई, जल निकासी की अच्छी व्यवस्था हो, प्रकाश की समुचित व्यवस्था हो. जलभराव की स्थिति न हो और शौचालय/पेयजल के पर्याप्त इंतज़ाम रखें. किसानों के लिए विश्राम कक्ष और सस्ते दर वाली कैंटीन की व्यवस्था भी कराई जाए. मंडी परिसर में कहीं भी अतिक्रमण नहीं होना चाहिए. जिस दुकान का जितना क्षेत्र है, उसका फैलाव उस सीमा के अंदर ही होना चाहिए. इस व्यवस्था को प्रभावी ढंग से लागू कराएं.


मुख्यमंत्री ने कहा कि नव स्थापित प्रसंस्करण इकाई को मंडी शुल्क से छूट देने की व्यवस्था का सरलीकरण किया जाना चाहिए. वर्तमान में इकाई स्थापना के दिनांक से छः माह के भीतर मंडलायुक्त के समक्ष आवेदन करना होता है, जिसे मंडलायुक्त द्वारा रिपोर्ट के लिए जिला मैजिस्ट्रेट को भेजा जाता है. इस व्यवस्था का सरलीकरण करते हुए इकाई द्वारा आवेदन सीधे जिला मैजिस्ट्रेट के समक्ष ही किया जाए और जिला मैजिस्ट्रेट द्वारा अगले 07 दिनों में रिपोर्ट के लिए मंडी समिति को भेज दिया जाए.

सीएम ने कहा कि गोरखपुर, मुजफ्फरनगर, मेरठ, बरीपाल और मुरादाबाद की मंडी समिति में खाद्य तेलों पर यूजर चार्ज लिए जाने की व्यवस्था है. व्यापारियों के हित में इसे समाप्त किया जाना चाहिए. यदि कोई व्यापारी वर्ष भर में मंडी की दुकान से जितने मूल्य के खाद्य तेलों का व्यापार करे, न्यूनतम उतने ही मूल्य के कृषि उत्पाद, जिन पर मण्डी शुल्क या यूजर चार्ज लिया जाता है, तो भी यूजर चार्ज न लिया जाए.


मुख्यमंत्री ने कहा कि जनप्रतिनिधियों द्वारा ग्रामीण अंचलों के अतिरिक्त कतिपय नगरीय क्षेत्रों में भी हाट-पैठ निर्माण कराये जाने की मांग की जाती रही है. इसका सम्मान करते हुए जिन नगर पंचायत, नगर पालिका अथवा नगर निगम में स्थानीय आवश्यकता के अनुरूप अच्छे हाट-पैठ बनाए जाएं. नए अधिसूचित नगरीय निकायों को प्राथमिकता दें. हाट-पैठ बनने के बाद संबंधित मंडी समिति द्वारा इसे नगर पंचायत, नगर पालिका अथवा नगर निगम को हस्तान्तरित कर दिया जाए. हाट-पैठ के संचालन/अनुरक्षण/साफ-सफाई तथा परिसम्पत्तियों की सुरक्षा व्यवस्था का दायित्व संबंधित नगरीय निकाय का होगा.


इसे भी पढ़ें-कुकरैल में अब नहीं गरजेगा बुलडोजर; सीएम योगी बोले- मकानों पर लाल निशान लगवाने वाले अफसरों पर होगी कार्रवाई

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को राज्य कृषि उत्पादन मंडी परिषद के संचालक मंडल की समीक्षा बैठक की. सीएम ने कहा कि राज्य कृषि उत्पादन मंडी परिषद द्वारा किसानों के हित का ध्यान रखते हुए किये जा रहे प्रयास सराहनीय है. मंडी शुल्क को न्यूनतम करने के बाद भी राजस्व से संग्रह में मंडियों का अच्छा योगदान है. वित्तीय वर्ष 2022-23 में जहां 1553 करोड़ की आय हुई थी, वहीं 2023-24 में लगभग 1862 करोड़ की आय हुई. वर्तमान वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही में लगभग 400 करोड़ का राजस्व संग्रहीत हो चुका है. मंडी शुल्क न्यूनतम होने के बाद भी मंडियों से राजस्व संग्रह में हुई बढ़ोतरी सराहनीय है. यह राजस्व किसानों के हित में ही व्यय किया जाए.


मुख्यमंत्री ने कहा कि मंडी किसानों के लिए है, यहां दूरदराज से किसान अपनी फसल लेकर यहां आता है. ऐसे में यहां उनकी सुविधा और सुरक्षा के सभी प्रबंध होने चाहिए. मंडियों में साफ-सफाई, जल निकासी की अच्छी व्यवस्था हो, प्रकाश की समुचित व्यवस्था हो. जलभराव की स्थिति न हो और शौचालय/पेयजल के पर्याप्त इंतज़ाम रखें. किसानों के लिए विश्राम कक्ष और सस्ते दर वाली कैंटीन की व्यवस्था भी कराई जाए. मंडी परिसर में कहीं भी अतिक्रमण नहीं होना चाहिए. जिस दुकान का जितना क्षेत्र है, उसका फैलाव उस सीमा के अंदर ही होना चाहिए. इस व्यवस्था को प्रभावी ढंग से लागू कराएं.


मुख्यमंत्री ने कहा कि नव स्थापित प्रसंस्करण इकाई को मंडी शुल्क से छूट देने की व्यवस्था का सरलीकरण किया जाना चाहिए. वर्तमान में इकाई स्थापना के दिनांक से छः माह के भीतर मंडलायुक्त के समक्ष आवेदन करना होता है, जिसे मंडलायुक्त द्वारा रिपोर्ट के लिए जिला मैजिस्ट्रेट को भेजा जाता है. इस व्यवस्था का सरलीकरण करते हुए इकाई द्वारा आवेदन सीधे जिला मैजिस्ट्रेट के समक्ष ही किया जाए और जिला मैजिस्ट्रेट द्वारा अगले 07 दिनों में रिपोर्ट के लिए मंडी समिति को भेज दिया जाए.

सीएम ने कहा कि गोरखपुर, मुजफ्फरनगर, मेरठ, बरीपाल और मुरादाबाद की मंडी समिति में खाद्य तेलों पर यूजर चार्ज लिए जाने की व्यवस्था है. व्यापारियों के हित में इसे समाप्त किया जाना चाहिए. यदि कोई व्यापारी वर्ष भर में मंडी की दुकान से जितने मूल्य के खाद्य तेलों का व्यापार करे, न्यूनतम उतने ही मूल्य के कृषि उत्पाद, जिन पर मण्डी शुल्क या यूजर चार्ज लिया जाता है, तो भी यूजर चार्ज न लिया जाए.


मुख्यमंत्री ने कहा कि जनप्रतिनिधियों द्वारा ग्रामीण अंचलों के अतिरिक्त कतिपय नगरीय क्षेत्रों में भी हाट-पैठ निर्माण कराये जाने की मांग की जाती रही है. इसका सम्मान करते हुए जिन नगर पंचायत, नगर पालिका अथवा नगर निगम में स्थानीय आवश्यकता के अनुरूप अच्छे हाट-पैठ बनाए जाएं. नए अधिसूचित नगरीय निकायों को प्राथमिकता दें. हाट-पैठ बनने के बाद संबंधित मंडी समिति द्वारा इसे नगर पंचायत, नगर पालिका अथवा नगर निगम को हस्तान्तरित कर दिया जाए. हाट-पैठ के संचालन/अनुरक्षण/साफ-सफाई तथा परिसम्पत्तियों की सुरक्षा व्यवस्था का दायित्व संबंधित नगरीय निकाय का होगा.


इसे भी पढ़ें-कुकरैल में अब नहीं गरजेगा बुलडोजर; सीएम योगी बोले- मकानों पर लाल निशान लगवाने वाले अफसरों पर होगी कार्रवाई

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.