लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बाढ़ राहत में ढिलाई बरतने वाले अधिकारियों पर सख्ती दिखाई है. सीएम योगी ने प्रदेश भर में आपदाओं में हुई जनहानि और क्षतिग्रस्त फसलों का मुआवजा देने में लापरवाही बरतने वाले आठ अधिकारियों से जवाब तलब किया है. इसमें पांच जिलों के एडीएम एफआर को प्रतिकूल प्रविष्टि दी गई है, जबकि तीन एसडीएम से स्पष्टीकरण मांगा गया है. वहीं बाढ़ संबंधी कार्यों में लापरवाही पर कानपुर देहात के आपदा विशेषज्ञ को निलंबित कर दिया. मुख्यमंत्री ने सभी लापरवाह अधिकारियों को दो दिनों में अपना स्पष्टीकरण शासन के सौंपने के निर्देश दिए हैं. बताया जा रहा है कि, अगर जवाब संतोषजनक नहीं हुआ तो सीएम योगी सख्त कार्रवाई कर सकते हैं. बता दें कि, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश है कि, आपदा से हुई जनहानि का मुआवजा 24 घंटे के अंदर पीड़ित को मिल जाना चाहिए.
राहत आयुक्त जीएस नवीन ने बताया कि, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रदेश भर में आपदा से हुई जनहानि का सर्वे पूरा कर 24 घंटे में मुआवजा दिया जा रहा है. वहीं मुआवजा देने में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है. ऐसे ही आठ अधिकारियों पर एक्शन लिया गया है. इनमें पांच एडीएम एफआर बांदा के संताेष सिंह, चित्रकूट के उमेश चंद्र निगम, सिद्धार्थनगर के उमा शंकर, सुल्तानपुर के एस सुधाकरन और मुजफ्फनगर गजेंद्र कुमार को प्रतिकूल प्रविष्टि सौंपी गई है.
वहीं लापरवाही बरतने पर सिद्धार्थनगर की सदर तहसील के एसडीएम ललित कुमार मिश्रा, हाथरस की शादाबाद तहसील के एसडीएम संजय कुमार सिंह और अलीगढ़ की अतरौली तहसील के एसडीएम अनिल कुमार कटियार से स्पष्टीकरण मांगा गया है. वहीं बाढ़ संबंधी कार्यों में लापरवाही पर कानपुर देहात के आपदा विशेषज्ञ अश्विनी कुमार को निलंबित कर दिया है. सभी से दो दिनों के अंदर जवाब मांगा गया है.
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