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नैमिषारण्य तीर्थ के विकास के लिए योगी सरकार ने बढ़ाया एक और कदम, ये विकास होगा - Naimisharanya Tirtha development - NAIMISHARANYA TIRTHA DEVELOPMENT

नैमिषारण्य के दर्शन बिना चार धाम की यात्रा अधूरी मानी जाती है. इसके पर्यटन विकास और गोमती नदी के तटों पर स्थित घाटों के सौंदर्यीकरण को लेकर सरकार ने एक नए घाट का निर्माण कराने का निर्णय लिया है.

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नैमिषारण्य तीर्थ विकास (photo credit- Etv Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 3, 2024, 9:12 AM IST

लखनऊ: प्रदेश सरकार अट्ठासी हजार ऋषियों की तपोभूमि के रूप में विख्यात तीर्थ नैमिषारण्य धाम में पर्यटन विकास और गोमती नदी के तटों पर स्थित घाटों के सौंदर्यीकरण को लेकर बहुत गंभीर है. सरकार ने नैमिषारण्य स्थित गोमती नदी किनारे एक नए घाट का निर्माण कराने का निर्णय लिया है. इस कार्य का जिम्मा यूपी प्रोजेक्ट कॉरपोरेशन लिमिटेड को सौंपा गया है. माना जा रहा है, कि अगले एक वर्ष में इसका निर्माण कार्य पूरा करा लिया जाएगा. नए घाट के निर्माण से यहां आने वाले लाखों श्रद्धालुओं को सुविधा होगी. इस दौरान भीड़ को भी व्यवस्थित किया जा सकेगा.

गौरतलब है, कि धर्म नगरी नैमिषारण्य में ही महर्षि वेदव्यास ने चार वेदों, छह शास्त्रों और 18 पुराणों के साथ ही श्रीमद्भगवद्गी.गीता महाभारत महाकाव्य और श्री सत्यनारायण व्रत कथा की रचना की थी. नैमिषारण्य के धार्मिक महत्व की बात करें, तो चार धाम की यात्रा नैमिषारण्य के दर्शन बिना अधूरी मानी जाती है. यही कारण है, कि काशी, अयोध्या, मथुरा, वृन्दावन, ब्रज क्षेत्र तथा विंध्य तीर्थ क्षेत्र के विकास के साथ ही योगी सरकार अब नैमिषारण्य में भी कई परियोजनाओं को पूर्ण करने पर फोकस कर रही है.

इसे भी पढ़े-नैमिषारण्य में सीएम योगी ने की विकास कार्यों की समीक्षा, 550 करोड़ की योजनाओं की दी सौगात

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पिछले दिनों नैमिषारण्य के विकास को लेकर समीक्षा बैठकें और यहां के दौरे करते रहे हैं. सरकार ने तीर्थ क्षेत्रों के विकास को लेकर एक कार्ययोजना तैयार की थी. इसी कार्ययोजना के अंतर्गत नैमिषारण्य तीर्थ क्षेत्र में नए घाटों के निर्माण, पुराने घाटों के जीर्णोद्धार, सौंदर्यीकरण और पर्यटन विकास के कार्यों को गति देने की नीति बनी थी. ऐसे में, परियोजना के अंतर्गत जिस नए घाट का निर्माण नैमिष तीर्थ क्षेत्र में होना निश्चित हुआ है, वह राजघाट से दशाश्वमेध घाट के बीच स्थित होगा.

सरकार के प्रवक्ता ने बताया, कि परियोजना के अंतर्गत, राजघाट से दशाश्वमेध घाट के बीच निर्धारित क्षेत्र में गोमती नदी किनारे पक्के घाट का निर्माण कराया जाएगा. पर्यटन विकास की सुविधाओं से भी इसे युक्त किया जाएगा. इस कार्य को 4.27 करोड़ रुपये की लागत से पूरा किया जाएगा. यूपी प्रोजेक्ट कॉरपोरेशन लिमिटेड को इस कार्य को पूरा करने के लिए कॉन्ट्रैक्ट एजेंसी के निर्धारण व कार्यावंटन की प्रक्रिया शुरू कर दी है. माना जा रहा है, कि सितंबर माह के भीतर ही निर्माण कार्य शुरू हो सकता है. इससे पहले भी मुख्यमंत्री ने यहां के तीर्थों के विकास और अन्य निर्माण कार्यों के लिए तमाम काम किए हैं.

यह भी पढ़े-नैमिषाण्य धाम में नज़र आएगी वैदिक शहर की झलक, अयोध्या-काशी और मथुरा की तरह चमकेगा यह तीर्थ

लखनऊ: प्रदेश सरकार अट्ठासी हजार ऋषियों की तपोभूमि के रूप में विख्यात तीर्थ नैमिषारण्य धाम में पर्यटन विकास और गोमती नदी के तटों पर स्थित घाटों के सौंदर्यीकरण को लेकर बहुत गंभीर है. सरकार ने नैमिषारण्य स्थित गोमती नदी किनारे एक नए घाट का निर्माण कराने का निर्णय लिया है. इस कार्य का जिम्मा यूपी प्रोजेक्ट कॉरपोरेशन लिमिटेड को सौंपा गया है. माना जा रहा है, कि अगले एक वर्ष में इसका निर्माण कार्य पूरा करा लिया जाएगा. नए घाट के निर्माण से यहां आने वाले लाखों श्रद्धालुओं को सुविधा होगी. इस दौरान भीड़ को भी व्यवस्थित किया जा सकेगा.

गौरतलब है, कि धर्म नगरी नैमिषारण्य में ही महर्षि वेदव्यास ने चार वेदों, छह शास्त्रों और 18 पुराणों के साथ ही श्रीमद्भगवद्गी.गीता महाभारत महाकाव्य और श्री सत्यनारायण व्रत कथा की रचना की थी. नैमिषारण्य के धार्मिक महत्व की बात करें, तो चार धाम की यात्रा नैमिषारण्य के दर्शन बिना अधूरी मानी जाती है. यही कारण है, कि काशी, अयोध्या, मथुरा, वृन्दावन, ब्रज क्षेत्र तथा विंध्य तीर्थ क्षेत्र के विकास के साथ ही योगी सरकार अब नैमिषारण्य में भी कई परियोजनाओं को पूर्ण करने पर फोकस कर रही है.

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पिछले दिनों नैमिषारण्य के विकास को लेकर समीक्षा बैठकें और यहां के दौरे करते रहे हैं. सरकार ने तीर्थ क्षेत्रों के विकास को लेकर एक कार्ययोजना तैयार की थी. इसी कार्ययोजना के अंतर्गत नैमिषारण्य तीर्थ क्षेत्र में नए घाटों के निर्माण, पुराने घाटों के जीर्णोद्धार, सौंदर्यीकरण और पर्यटन विकास के कार्यों को गति देने की नीति बनी थी. ऐसे में, परियोजना के अंतर्गत जिस नए घाट का निर्माण नैमिष तीर्थ क्षेत्र में होना निश्चित हुआ है, वह राजघाट से दशाश्वमेध घाट के बीच स्थित होगा.

सरकार के प्रवक्ता ने बताया, कि परियोजना के अंतर्गत, राजघाट से दशाश्वमेध घाट के बीच निर्धारित क्षेत्र में गोमती नदी किनारे पक्के घाट का निर्माण कराया जाएगा. पर्यटन विकास की सुविधाओं से भी इसे युक्त किया जाएगा. इस कार्य को 4.27 करोड़ रुपये की लागत से पूरा किया जाएगा. यूपी प्रोजेक्ट कॉरपोरेशन लिमिटेड को इस कार्य को पूरा करने के लिए कॉन्ट्रैक्ट एजेंसी के निर्धारण व कार्यावंटन की प्रक्रिया शुरू कर दी है. माना जा रहा है, कि सितंबर माह के भीतर ही निर्माण कार्य शुरू हो सकता है. इससे पहले भी मुख्यमंत्री ने यहां के तीर्थों के विकास और अन्य निर्माण कार्यों के लिए तमाम काम किए हैं.

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