लखनऊ: राज्य कर्मचारी व पेंशनर्स को कैशलेस चिकित्सा सुविधा में धन की कमी आड़े ना आए इसके लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने महत्वपूर्ण कदम उठाया है. प्रदेश सरकार ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय राज्य कर्मचारी कैशलेस चिकित्सा योजना के मद में 50 करोड़ रुपये की वित्तीय स्वीकृति प्रदान की है. साथ ही वाराणसी के 17 शहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में दिल की बीमारी का इलाज होगा. सीएचसी को आधुनिक उपकरणों से लैस किया जाएगा.
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने बताया कि प्रदेश के कर्मचारियों व पेंशनर्स को बेहतर इलाज उपलब्ध कराने की दिशा में लगातार प्रयास किया जा रहा है. पंडित दीनदयाल योजना के मद में 50 करोड़ रुपये की वित्तीय स्वीकृति को मंजूरी प्रदान की गई है. ताकि योजना का लाभ मरीजों को निर्बाध रूप से प्राप्त हो सके.
नोएडा स्थित बाल चिकित्सा एवं स्नातकोत्तर शैक्षणिक संस्थान (जिम्स) में आधुनिक उपकरणों के लिए 15 करोड़ की वित्तीय स्वीकृति दी गई है. 17 केंद्रों में दिल की बीमारी का इलाज होगा. वाराणसी के 17 जिला व शहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में हृदयरोग से संबंधित चिकित्सकीय उपकरणों को स्थापित करने के लिए 53,05,496 रुपये की वित्तीय स्वीकृति प्रदान कर दी गयी है. प्रत्येक केंद्र को 3,12,088 रुपये को मंजूरी दी गई है.
ब्रजेश पाठक ने बताया कि एसजीपीजीआई के पीएमएसएसवाई ब्लॉक में स्थापित केन्द्रीय वातानुकूलन प्रणाली के उच्चीकरण के लिए 611.60 लाख की धनराशि जारी की गई है. साथ ही संस्थान परिसर में जैव चिकित्सा अनुसंधान केन्द्र में आधुनिक उपकरणों एवं संयंत्र के लिए 20 करोड़ की वित्तीय स्वीकृति दी गयी है.
उन्नाव के पुरवा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के नवीनीकरण के लिए 29.62 लाख की वित्तीय स्वीकृति प्रदान की गयी है. रायपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के भवन का निर्माण होगा. इसके लिए 334.48 लाख की वित्तीय स्वीकृति प्रदान की गयी. इसमें आधुनिक सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी.
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