बालोद : छत्तीसगढ़ के बालोद जिले में सीएम विष्णुदेव साय ने लोकसभा चुनाव के मद्देनजर चुनावी रैली की. डौंडीलोहारा में सीएम साय ने विशाल जनसमूह को संबोधित किया.इस दौरान सीएम साय ने कांकेर से लोकसभा उम्मीदवार भोजराज नाग को जिताने की अपील की.इससे पहले गुंडरदेही में विष्णुदेव साय ने चुनावी सभा को संबोधित किया था.वहीं आज डौंडीलोहारा में भोजराज नाग के पक्ष में वोट मांगे.
1500 लोगों ने बीजेपी में किया प्रवेश : सभा के दौरान 1500 लोगों को सीएम ने बीजेपी में प्रवेश करवाया. जिसमें कांग्रेस से जुड़े तीन सरपंच भी थे.इस दौरान सीएम साय ने कहा कि जो साथी कांग्रेस को छोड़कर हमारे साथ आए हैं उनके सुख दुख के लिए हम सदैव खड़ा रहेंगे.हम मोदी जी के लिए आशीर्वाद मांगने आए हैं. ये वो मोदी जी हैं जिन्होंने अपना 10 साल का कार्यकाल जनता को समर्पित किया. गांव गरीब और अंतिम व्यक्ति तक शासन की योजनाओं को लेकर गए. राज्यमंत्री का दायित्व मुझे भी मोदी जी ने दिया था. मेरी सरकार गरीबों की सरकार रहेगी.
महतारी वंदन योजना को लेकर बड़ा बयान : इस दौरान सीएम ने महतारी वंदन योजना को लेकर बड़ा बयान भी दिया है. सीएम विष्णुदेव साय ने कहा कि उन्होंने वित्त मंत्री ओपी चौधरी से आग्रह किया है कि इस बार अप्रैल माह के शुरुआती हफ्ते में ही महतारी वंदन योजना से जुड़ी महिलाओं के खाते में पैसे डाल दिए जाए.जिसके बाद वित्त मंत्री ने आग्रह स्वीकारते हुए अप्रैल माह की 1 या 2 तारीख को पैसा खाते में भेजने की बात कही है.
''बीजेपी ने जो वादा किया उसे निभाया भी. हमने 22 जनवरी को भव्य राम मंदिर का उद्घाटन देखा. धारा 370 हटाने की बात हुई थी उसे मोदी जी ने पूरा किया. मुस्लिम समाज की महिलाओं को सशक्त बनाने तीन तलाक बिल को पास किया. अब उन्हें तीसरी बार प्रधानमंत्री बनाना है. इसलिए भोजराज नाग को जिताना है. सांसद के सदन तक जाने कांकेर लोकसभा की भी सहभागिता भी हो.ताकि कांग्रेस को जड़ से उखाड़ फेका जाए.'' विष्णुदेव साय, सीएम छग
कांग्रेस डूबती जहाज जहां से निकल रहे लोग : प्रदेश के डिप्टी सीएम अरुण साव ने सभा में कांग्रेस पर तंज कसा.साव ने कहा कि कांग्रेस डूबती जहाज है.अब जहाज से लोग भाग रहे हैं. कांग्रेस के लोग हमारे भाजपा में आ रहे हैं. आज कांग्रेस पार्टी में ना नेता है ना नियत है. छत्तीसगढ़ में 11 लोकसभा में टिकट देने वाला कोई नहीं था. कहीं अनशन, कहीं चिट्ठी लिखे जा रहे हैं. कांग्रेस को नेता नहीं मान रही तो जनता कहां से मानेगी.