शिमला: सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश में पिछले साल मानसून सीजन में भारी बरसात से 22 हजार से अधिक परिवार प्रभावित हुए थे. जिनके पुनर्वास की जिम्मेदारी सरकार ने उठाई है. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने राहत एवं पुनर्वास के लिए अपने स्तर पर 4500 करोड़ का विशेष राहत पैकेज लाया है. जिससे हजारों परिवार लाभान्वित हुए हैं. उन्होंने कहा कि पूरी तरह से क्षतिग्रस्त मकानों के लिए 2968 परिवारों को 3 लाख रुपये की पहली किस्त जारी की जा चुकी है. इसके बाद जल्द ही 4 लाख की राहत राशि दी जाएगी. ऐसे में पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हुए मकानों के लिए 7 लाख की राशि दी जा रही है.
'राहत पैकेज में की कई गुणा वृद्धि'
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि सरकार ने वित्तीय सहायता में संशोधन कर राहत पहुंचाई है. उन्होंने कहा कि ये राशि संशोधित मानदंडों के अनुसार जारी की गई है. जिसके तहत राहत पैकेज में कई गुणा वृद्धि की गई है. उन्होंने कहा कि 10 हजार से अधिक परिवारों को आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त घरों की मरम्मत के लिए, 3648 लाभार्थियों को क्षतिग्रस्त गौशालाओं की मरम्मत के लिए और करीब 1800 परिवारों को पशुधन के नुकसान के लिए सहायता राशि प्रदान की गई है.
मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि इसके अलावा राज्य सरकार ने किसानों को फसल के नुकसान और खेती योग्य भूमि के नुकसान के लिए भी सहायता राशि दी है. जिससे करीब 2600 किसानों को राहत मिली है. उन्होंने कहा कि क्षतिग्रस्त 507 दुकानों और ढाबों के मालिकों को भी मुआवजा दिया गया है. जो उनके व्यवसाय को पुनः आरम्भ करने के लिए फायदेमंद साबित हुआ है.उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश ने बीते वर्ष बरसात के मौसम में अभूतपूर्व प्राकृतिक आपदा का सामना किया जिस दौरान भारी बारिश के कारण आई बाढ़ और भू-स्खलन ने जन-जीवन तथा सम्पत्ति को काफी नुकसान पहुंचाया.
'केंद्र सरकार ने नहीं की आपदा प्रभावितों की मदद'
मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि आपदा से उपजी चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों का प्रदेशवासियों ने हिम्मत से सामना किया. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने प्रभावित परिवारों को सहायता प्रदान करने को सीमित आर्थिक संसाधनों के बावजूद 4500 करोड़ का विशेष राहत पैकेज जारी किया. उन्होंने कहा कि ऐसी विकट परिस्थितियों के बावजूद केंद्र सरकार ने आपदा प्रभावित परिवारों को राहत प्रदान करने एवं उनके पुनर्वास के लिए बिल्कुल भी मदद नहीं की.
'1.30 लाख से 7 लाख की सहायता राशि'
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने आपदा के दौरान पूर्व में प्रदान की जा रही सहायता राशि में अभूतपूर्व वृद्धि की. जिसके तहत पूरी तरह से क्षतिग्रस्त घर के पुनर्निर्माण के लिए सहायता राशि को 1.30 लाख से बढ़ाकर 7 लाख, आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त कच्चे घरों के लिए सहायता राशि को 6 हजार रुपये से बढ़ाकर एक लाख, दुकान या ढाबे के नुकसान पर सहायता राशि को 25 हजार से बढ़ाकर एक लाख और गौशालाओं को नुकसान होने पर सहायता राशि को 3 हजार से बढ़ाकर 50 हजार किया गया है.
'ग्रामीण क्षेत्रों के लिए 5000 और शहरी के लिए 10 हजार प्रतिमाह दिया जा रहा किराया'
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार आपदा प्रभावितों को किराए के रूप में ग्रामीण क्षेत्रों में 5 हजार और शहरी क्षेत्रों में 10 हजार प्रतिमाह प्रदान कर रही है. इसके अलावा राज्य सरकार आपदा प्रभावित परिवारों को सरकारी दरों पर निःशुल्क राशन, गैस कनेक्शन, निःशुल्क बिजली व पानी कनेक्शन और सरकारी दरों पर सीमेंट भी उपलब्ध करवा रही है.
ये भी पढ़ें- रामशिला से नग्गर होते हुए मनाली सड़क होगी डबल लेन, केंद्र सरकार खर्च करेगी 1 हजार करोड़