शिमला: हिमाचल प्रदेश में संजौली व मंडी की मस्जिदों में अवैध निर्माण व प्रवासियों के खिलाफ जनता के विरोध प्रदर्शन को लेकर उपजे तनाव के बाद अब सुखद खबरें आने लगी हैं. शुक्रवार को हिमाचल के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सर्वदलीय मीटिंग बुलाई थी. इस बैठक में पुरानी बातों को भूलने और नई शुरुआत की पहल की गई. इसी दौरान सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने माहौल को हल्का-फुल्का बनाने का प्रयास किया. उन्होंने मीडिया से बातचीत के दौरान कुछ सवालों को रोचक जवाब देकर विवादों को गुड बॉय करने का प्रयास किया.
एक सवाल के जवाब में सीएम ने कहा, हम तो परवाणू से ऊपर की बात करते हैं. सवाल ये था कि राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न नेता मस्जिद विवाद को लेकर तरह-तरह के बयान दे रहे हैं. संजौली व मंडी में प्रदर्शनों को लेकर सीएम सुक्खू ने कहा, "हिमाचल प्रदेश जो है वो प्रदर्शनों का प्रदेश है. हिमाचल में तो हर मुद्दे पर प्रदर्शन होते हैं. कभी सीपीएम वाले प्रदर्शन करते हैं तो कभी भाजपा वाले. यहां कभी सेब उत्पादक प्रदर्शन करते हैं. कभी देवभूमि संघर्ष समिति वाले कर देते हैं. बेरोजगार भी प्रदर्शन करते हैं. विधानसभा के बाहर प्रदर्शन होते रहते हैं. लोकतंत्र में प्रदर्शन करना एक बड़ी व्यवस्था है. प्रदर्शनों के जरिए लोग अपनी बात रखते हैं, लेकिन ये शांतिपूर्ण होना चाहिए".
'हर प्रदर्शनकारी चाहता है कि थोड़ा धक्का-मुक्की हो': सीएम सुक्खू ने राज्य के माहौल में पसरे तनाव को कम करने के लिए हल्के-फुल्के अंदाज में प्रदर्शनों की अंदरूनी हकीकत बयान की. सीएम ने कहा कि हिमाचल में उनके अलावा सीपीएम के राकेश सिंघा, भाजपा के रणधीर शर्मा आदि सभी प्रदर्शनों से बावस्ता रहे हैं. हर प्रदर्शन में ये होता है कि थोड़ा धक्का-मुक्की हो जाए, पानी की बौछारें पड़ जाए, हल्का लाठीचार्ज हो जाए. ये सब प्रदर्शनों में चलता है. विधानसभा के बाहर प्रदर्शन होते हैं तो उसमें शामिल लोग बैरिकेड तोड़ देते हैं. उस समय हल्का सा बल प्रयोग होता है.
'हम तो परवाणू से ऊपर की बात कर सकते हैं यारा': सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू से सवाल किया गया था संजौली में हुए प्रदर्शन की गूंज दिल्ली तक हुई और राष्ट्रीय नेताओं ने इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त की है. इस पर सीएम सुक्खू ने कहा-हम तो परवाणू से ऊपर की बात कर सकते हैं यारा, सच्चाई बताएं आपको, अब दिल्ली वाले क्या करते क्या नहीं. हम तो परवाणू से ऊपर के नेता हैं. उल्लेखनीय है कि परवाणू हिमाचल का प्रवेश द्वार है. आम जनता में कहा जाता है कि हिमाचल के लोग परवाणू से ऊपर की ही बात करते हैं. यही सीएम ने भी कहा कि हम तो परवाणू से ऊपर के नेता हैं.
सीएम ने एफआईआर को लेकर कही ये बात: प्रदर्शन में शामिल लोगों पर एफआईआर को लेकर भी सीएम ने जवाब दिया. सीएम ने कहा कि ये रूटीन की कानूनी प्रक्रिया है. सीएम ने राकेश सिंघा की तरफ इशारा करते हुए कहा कि इन पर 35 एफआईआर हैं. इनका (माकपा) रोज ही प्रदर्शन होता रहता है. सीएम ने कहा कि हम सब स्टूडेंट मूवमेंट से निकले नेता हैं. रणधीर शर्मा व हमने इकट्ठा चुनाव लड़ा है. राकेश सिंघा हमारे ग्रैंड सीनियर हुआ करते थे. जेपी नड्डा का भी सीएम ने जिक्र किया.
उल्लेखनीय है कि सितंबर महीने के आरंभ से ही हिमाचल प्रदेश एक अप्रत्याशित माहौल से गुजर रहा है. यहां राजधानी के सबसे बड़े उपनगर संजौली में मस्जिद में अवैध निर्माण को लेकर उपजा आक्रोश उग्र आंदोलन में बदल गया. संजौली से उठी ये चिंगारी मंडी और फिर प्रदेश के अन्य हिस्सों में फैलने लगी. बाद में आम जनजीवन प्रभावित होने लगा तो फिर सरकार ने सक्रियता दिखाई और अब स्ट्रीट वेंडर्स के लिए नीति बनाने को लेकर कमेटी बनेगी. इस कमेटी में भाजपा व कांग्रेस के सदस्य होंगे.
विधानसभा अध्यक्ष से सीएम सुक्खू इस बारे में आज ही यानी शुक्रवार को बात करने वाले हैं. सीएम ने कहा कि हिमाचल प्रदेश शांतिप्रिय राज्य हैं. यहां सभी को अपना काम करने का अधिकार है. देश भर से कोई भी यहां आकर रोजी कमा सकता है, लेकिन सभी को कानून के दायरे में रहकर काम करना होगा.