शिमला: प्रियंका गांधी के नामांकन से फारिग होकर हिमाचल के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू दिल्ली में मोदी सरकार के बड़े नेताओं से बात व मुलाकात करेंगे. मोदी सरकार के चार बड़े मंत्रियों राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी, अश्विनी वैष्णव व गजेंद्र शेखावत से उनकी मुलाकात का कार्यक्रम है. केंद्रीय मंत्रियों के कार्यालय में ये मुलाकातें होंगी. इसके अलावा सीएम का नीति आयोग में भी एक मुलाकात का कार्यक्रम है. सीएम इस दौरान सभी के साथ हिमाचल के मसलों पर चर्चा करेंगे. सीएम के साथ उच्च अधिकारी भी होंगे.
केंद्र के सामने उठाएंगे भूभू जोत टनल का मुद्दा
सीएम के साथ अफसरों के दल ने राज्य के मसलों पर मीटिंग के लिए एजेंडा तैयार किया है. सीएम सुक्खू आज नितिन गडकरी, गजेंद्र सिंह शेखावत, राजनाथ सिंह और अश्विनी वैष्णव के साथ मिलकर हिमाचल के मुद्दों को उठाएंगे. केंद्रीय सड़क मंत्री नितिन गडकरी के साथ मुलाकात में सीएम सुक्खू मंडी जिले के जोगिंदर नगर के घटासनी से भूभू जोत होते हुए कुल्लू के लिए नेशनल हाईवे बनाने का आग्रह जोरदार तरीके से करेंगे. इस नए प्रस्तावित नेशनल हाईवे में टनल का निर्माण भी होगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए नेशनल हाईवे घोषित करने पर फिलहाल रोक लगा रखी है. इसलिए हिमाचल ने भी बाकी प्रोजेक्ट के बजाए सिर्फ एक प्रोजेक्ट पर फोकस करने के तहत रणनीति को बदला है.
कांगड़ा एयरपोर्ट के विस्तार की फंडिंग पर होगी चर्चा
इसके अलावा सीएम सुक्खू केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के साथ कांगड़ा एयरपोर्ट के विस्तार की फंडिंग को लेकर चर्चा करेंगे. उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने कांगड़ा एयरपोर्ट में विस्तार के लिए भूमि अधिग्रहण का काम शुरू कर दिया है. हाल ही में इसके लिए 32 करोड़ रुपये की रकम भी जारी कर दी गई है. इस परियोजना में 6000 करोड़ से ज्यादा की लागत प्रस्तावित है. इसलिए हिमाचल सरकार को अन्य स्रोतों से पैसे की जरूरत है. इसके साथ ही सीएम की तरफ से केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ सीमा सुरक्षा से संबंधित मसले उठाए जाएंगे, जबकि केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के साथ रेल विस्तार के मामले चर्चा में आएंगे.
कई मुद्दों पर होगी चर्चा
इन बैठकों के लिए राज्य सरकार में पहले से तैयारी चल रही थी. इसके बाद नीति आयोग के उपाध्यक्ष के साथ भी हिमाचल के मसलों पर चर्चा है. मुख्यमंत्री बुधवार रात वायनाड से दिल्ली पहुंच चुके थे. गुरुवार का दिन हिमाचल के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा. अगर राज्य सरकार सभी मंत्रालयों से अपने लिए प्रोजेक्ट्स की गति तेज करने में कामयाब हुई तो विकास का मार्ग प्रशस्त होगा. वैसे भी हिमाचल विकास के लिए केंद्र पर निर्भर है. मुख्य सचिव की अगुवाई में अफसर लंबे समय से इन मीटिंग्स के एजेंडे पर काम कर रहे थे.