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सीएम सुक्खू ने "चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट" को दिया तोहफा, हवाई जहाज में सफर, 3 स्टार होटल में स्टे, चंडीगढ़, दिल्ली और गोवा का ट्रिप - HIMACHAL CHILDREN OF THE STATE

सीएम सुखविंदर ने चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट के पहले दल को रवाना किया. इस दल में शामिल 22 अनाथ बच्चे चंडीगढ़, दिल्ली और गोवा घूमेंगे.

सीएम सुक्खू ने "चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट" को दिया तोहफा
सीएम सुक्खू ने "चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट" को दिया तोहफा (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Jan 2, 2025, 3:16 PM IST

शिमला: सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने 'चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट' के 22 निराश्रित बच्चों के पहले दल को 13 दिवसीय भ्रमण पर रवाना किया. सीएम सुक्खू ने बच्चों की वोल्वो बस को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया और दल को इस टूर के लिए शुभकामनाएं दी.

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा, "वर्तमान राज्य सरकार ने प्रदेश के 6000 अनाथ बच्चों को कानून बनाकर चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट के रूप में अपनाया है. उनका कल्याण सुनिश्चित करने के लिए मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना लागू की है, जिसके अंतर्गत अनाथ बच्चों की देखभाल, उन्हें शिक्षा प्रदान करने और आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रावधान किए गए हैं. इन 22 बच्चों को इसी योजना के तहत चंडीगढ़, दिल्ली और गोवा के भ्रमण पर भेजा गया".

सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि भ्रमण पर निकले 22 बच्चों में 16 लड़कियां और 6 लड़के शामिल हैं. ये बच्चे 2 जनवरी से 4 जनवरी तक का चंडीगढ़ भ्रमण करेंगे और हिमाचल भवन चंडीगढ़ में ठहरेंगे. इसके बाद 5 जनवरी को ये शताब्दी ट्रेन से दिल्ली जाएंगे और 8 जनवरी तक दिल्ली में ठहरेंगे. वहां, विभिन्न ऐतिहासिक स्थलों का दौरा करेंगे. 9 जनवरी को चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट हवाई जहाज से गोवा के लिए रवाना होंगे और 13 जनवरी तक गोवा में एक थ्री स्टार होटल में ठहरेंगे और वहां के विभिन्न पर्यटन और ऐतिहासिक स्थलों का भ्रमण करेंगे. 14 जनवरी को ये सभी बच्चे गोवा से हवाई जहाज के माध्यम से चंडीगढ़ पहुंचेंगे.

सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि इन अनाथ बच्चों का हिमाचल की संपदा पर अधिकार है. इन बच्चों की सरकार ही माता है और सरकार ही पिता है. जिस प्रकार हम अपने परिवार के सदस्यों के साथ घूमने जाते हैं, उसी तरह से राज्य सरकार ने इन्हें भ्रमण पर भेजा है. भ्रमण करने से ज्ञान बढ़ता है और इसका लाभ बच्चों को आने वाले समय में मिलेगा. ये बच्चे आने वाले समय में देश सेवा में अपना महत्वपूर्ण योगदान देंगे.

स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धनीराम शांडिल ने कहा कि राज्य सरकार की यह सराहनीय पहल है. अनाथ बच्चों की देखभाल राज्य सरकार कर रही है. पहले इन बच्चों की कोई सुनवाई नहीं होती थी, लेकिन अब वर्तमान राज्य सरकार उनकी हर जरूरत का परिवार की तरह ध्यान रख रही है.

ये भी पढ़ें: कमाई अधिकतम 16 हजार करोड़ और खर्च 27 हजार करोड़, सैलरी-पेंशन की टेंशन दूर करने को अब लोन लिमिट पर सुक्खू सरकार की नजर

शिमला: सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने 'चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट' के 22 निराश्रित बच्चों के पहले दल को 13 दिवसीय भ्रमण पर रवाना किया. सीएम सुक्खू ने बच्चों की वोल्वो बस को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया और दल को इस टूर के लिए शुभकामनाएं दी.

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा, "वर्तमान राज्य सरकार ने प्रदेश के 6000 अनाथ बच्चों को कानून बनाकर चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट के रूप में अपनाया है. उनका कल्याण सुनिश्चित करने के लिए मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना लागू की है, जिसके अंतर्गत अनाथ बच्चों की देखभाल, उन्हें शिक्षा प्रदान करने और आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रावधान किए गए हैं. इन 22 बच्चों को इसी योजना के तहत चंडीगढ़, दिल्ली और गोवा के भ्रमण पर भेजा गया".

सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि भ्रमण पर निकले 22 बच्चों में 16 लड़कियां और 6 लड़के शामिल हैं. ये बच्चे 2 जनवरी से 4 जनवरी तक का चंडीगढ़ भ्रमण करेंगे और हिमाचल भवन चंडीगढ़ में ठहरेंगे. इसके बाद 5 जनवरी को ये शताब्दी ट्रेन से दिल्ली जाएंगे और 8 जनवरी तक दिल्ली में ठहरेंगे. वहां, विभिन्न ऐतिहासिक स्थलों का दौरा करेंगे. 9 जनवरी को चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट हवाई जहाज से गोवा के लिए रवाना होंगे और 13 जनवरी तक गोवा में एक थ्री स्टार होटल में ठहरेंगे और वहां के विभिन्न पर्यटन और ऐतिहासिक स्थलों का भ्रमण करेंगे. 14 जनवरी को ये सभी बच्चे गोवा से हवाई जहाज के माध्यम से चंडीगढ़ पहुंचेंगे.

सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि इन अनाथ बच्चों का हिमाचल की संपदा पर अधिकार है. इन बच्चों की सरकार ही माता है और सरकार ही पिता है. जिस प्रकार हम अपने परिवार के सदस्यों के साथ घूमने जाते हैं, उसी तरह से राज्य सरकार ने इन्हें भ्रमण पर भेजा है. भ्रमण करने से ज्ञान बढ़ता है और इसका लाभ बच्चों को आने वाले समय में मिलेगा. ये बच्चे आने वाले समय में देश सेवा में अपना महत्वपूर्ण योगदान देंगे.

स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धनीराम शांडिल ने कहा कि राज्य सरकार की यह सराहनीय पहल है. अनाथ बच्चों की देखभाल राज्य सरकार कर रही है. पहले इन बच्चों की कोई सुनवाई नहीं होती थी, लेकिन अब वर्तमान राज्य सरकार उनकी हर जरूरत का परिवार की तरह ध्यान रख रही है.

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