शिमला: सुख की सरकार में अब तक का सबसे बड़ा व्यवस्था परिवर्तन हुआ है. सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार ACR यानी सालाना कॉन्फिडेंशियल रिपोर्ट का पूरा फॉर्मेट बदल रही है. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में सरकारी कर्मचारियों की एनुअल कॉन्फिडेंशियल रिपोर्ट यानी एसीआर की व्यवस्था को बदलने पर चर्चा हुई. अब सीएम की तरफ से इसे लेकर बयान भी आ गया है. अब आईएएस से लेकर अन्य वर्गों में हर पोस्ट के सालाना लक्ष्य तय होंगे. पदोन्नति भी अब टारगेट ओरिएंटिड होगी. साथ ही अचीवमेंट को भी देखा जाएगा. गुड, वेरी गुड आदि का फार्मूला बदलेगा.
सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा, "इस नई व्यवस्था से प्रशासनिक कार्यों में और सुधार होगा. इससे जिम्मेदारी व जवाबदेही बढ़ेगी. अफसर काम के प्रति और गंभीर होंगे. यह कदम व्यवस्था परिवर्तन में अहम भूमिका निभाएगा".
कांग्रेस सरकार ने सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों की असेसमेंट के लिए डिस्क्रिप्टिव ग्रेडिंग की जगह पर अब न्यूमेरिकल ग्रेडिंग की व्यवस्था कर दी है. सीएम सुखविंदर सुक्खू ने इस पर मुहर लगा दी है. यानी एसीआर या एपीएआर में अब आउटस्टैंडिंग, वेरी गुड या एवरेज नहीं लिखा जाएगा, बल्कि काम के हिसाब से सिर्फ नंबर दिए जाएंगे. यही नहीं, इसमें नेगेटिव ग्रेडिंग की व्यवस्था भी होगी. यदि कर्मचारियों ने कोई गलत एक्शन किया है अथवा कोई एक्शन ही नहीं किया है, तो भी एसीआर से नंबर कट जाएंगे. यदि किसी को नोटिस जारी अथवा एडवाइजरी जारी हुई है, तो भी नंबर कटेंगे. नंबर कटने पर कार्यकाल की पात्रता पूरी होने के बावजूद प्रमोशन नहीं होगी.
नई व्यवस्था के अनुसार अब विभाग में एनुअल वर्क प्लान बनेगा. इस प्लान में सभी पदों के लिए लक्ष्य तय होंगे. वन विभाग के उदाहरण से इसे समझते हैं. मान लो किसी डिवीजन के डीएफओ को साल में नई प्लांटेशन, पुरानी प्लांटेशन की इंस्पेक्शन और नर्सरी प्रोडक्शन के लक्ष्य दिए जाएंगे और वे लक्ष्य उन्हें पूरे करने होंगे. इसी तरह शिक्षा विभाग में टीचर्स को कक्षा का रिजल्ट, प्रिंसिपल को स्कूल का एनरोलमेंट जैसे लक्ष्य दिए जाएंगे, हासिल करने होंगे.
ऑनलाइन भरी जाएगी एसीआर
नई व्यवस्था में ACR अब सिर्फ ऑनलाइन ही भरी जाएगी. हर साल 31 दिसंबर से पहले प्रक्रिया पूरी करनी होगी. कैबिनेट में हुए फैसले के बाद कार्मिक विभाग के प्रधान सचिव ने संबंधित फाइल को भी क्लियर कर दिया. वह सेंट्रल डेपुटेशन पर भारत सरकार जा रहे हैं. बड़ी बात है कि वर्तमान में पूरे देश में कहीं इस तरह की व्यवस्था संभवत नहीं है.