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25 जून अब देश में संविधान हत्या दिवस, इमरजेंसी में एमपी से क्यों हुई थी सबसे ज्यादा गिरफ्तारी - Samvidhan Hatya Diwas on 25 June - SAMVIDHAN HATYA DIWAS ON 25 JUNE

केंद्र सरकार ने एलान किया है कि अब 25 जून को देश में संविधान हत्या दिवस मनाया जाएगा. इमरजेंसी के दौरान मध्य प्रदेश से सबसे ज्यादा गिरफ्तारी हुई थी. केंद्र सरकार के इस फैसले को सीएम मोहन यादव ने ऐतिहासिक प्रयास बताया है.

CM MOHAN ON SAMVIDHAN HATYA DIWAS
संविधान हत्या दिवस पर सीएम का बयान (CM Mohan Yadav Twitter)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jul 12, 2024, 7:16 PM IST

भोपाल। अब 25 जून की तारीख देश में संविधान हत्या दिवस के रुप में मनाई जाएगी. केन्द्र सरकार ने इसका गजट नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. मध्य प्रदेश में लोकतंत्र सेनानी संघ ने भारत सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है. असल में 25 जून 1975 को जब आपातकाल लगा था, तो देश में सबसे ज्यादा जनसंघी एमपी में ही जेल भेजे गए थे. इनकी तादात करीब चार हजार के पार थी. मध्य प्रदेश में आपातकाल का संघर्ष स्कूलों में पढ़ाए जाने का फैसला सरकार पहले ही ले चुकी है.

25 जून अब आपातकाल दिवस नहीं..संविधान हत्या दिवस

भारत सरकार ने गजट नोटिफिकेशन जारी करके 25 जून को संविधान हत्या दिवस के रुप में मनाए जाने का एलान कर दिया है. मध्य प्रदेश जैसे राज्य जहां सबसे ज्यादा जनसंघ के सदस्य जेल गए थे. वहां इस फैसले का स्वागत किया गया है. लोकतंत्र सेनानी संघ के अध्यक्ष तपन भौमिक कहते हैं, '25 जून 1975 को रात के 12 बजे तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की सरकार ने पांच संगठनों पर प्रतिबंध लगा दिया गया था. ये पांच संगठन थे राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ, विश्व हिंदू परिषद आनंद मार्ग, जमायती इस्लामी जमायती उल उलेमा. भौमिक बताते हैं इसके साथ ही पूरे देश में जनसंघ समाजवादी पार्टी लोकदल सीपीएम इन सब पार्टियों के नेताओं को जेल में डाल दिया गया था. हम इसे लोकतंत्र की हत्या का दिवस तो मनाते ही आ रहे थे. सरकार ने संविधान हत्या दिवस के रुप में मनाने का जो निर्णय लिया वो स्वागत योग्य है. असल में भारत के इतिहास में यही वो दिन है जब संविधान की हत्या हुई थी.

Samvidhan Hatya Diwas on 25 June
केन्द्र सरकार ने जारी किया गजट नोटिफिकेशन (ETV Bharat)

यहां पढ़ें...

अरुण यादव को नहीं पहचानते राकेश सिंह, जानिए किस बात पर तिलमिलाए कैबिनेट मंत्री

हर साल इस दिन मनाया जाएगा 'संविधान हत्या दिवस', सरकार ने की घोषणा, जानें क्या है उद्देश्य

एमपी में सबसे ज्यादा जेल भेजे गए जनसंघी

तपन भौमिक कहते हैं, वैसे पूरे देश में सबसे ज्यादा गिरफ्तारियां यूपी में हुई थी. वहां समावजादी बड़ी तादात में जेल में डाले गए, लेकिन एमपी वो राज्य था. जहां सबसे ज्यादा संख्या में जनसंघियों को जेल पहुंचाया गया. उस समय के हमारी पार्टी के सारे बड़े नेता कुशाभाऊ ठाकरे से लेकर कैलाश नारायण, सारंग, कैलाश जोशी, बाबूलाल गौर सब जेल में थे. भौमिक बताते हैं नौजवान पीढ़ी में मेरे अलावा शिवराज सिंह चौहान जैसे युवा थे. हम लोग 11-12वीं में थे और इस आंदोलन में जेल गए.

भोपाल। अब 25 जून की तारीख देश में संविधान हत्या दिवस के रुप में मनाई जाएगी. केन्द्र सरकार ने इसका गजट नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. मध्य प्रदेश में लोकतंत्र सेनानी संघ ने भारत सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है. असल में 25 जून 1975 को जब आपातकाल लगा था, तो देश में सबसे ज्यादा जनसंघी एमपी में ही जेल भेजे गए थे. इनकी तादात करीब चार हजार के पार थी. मध्य प्रदेश में आपातकाल का संघर्ष स्कूलों में पढ़ाए जाने का फैसला सरकार पहले ही ले चुकी है.

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भारत सरकार ने गजट नोटिफिकेशन जारी करके 25 जून को संविधान हत्या दिवस के रुप में मनाए जाने का एलान कर दिया है. मध्य प्रदेश जैसे राज्य जहां सबसे ज्यादा जनसंघ के सदस्य जेल गए थे. वहां इस फैसले का स्वागत किया गया है. लोकतंत्र सेनानी संघ के अध्यक्ष तपन भौमिक कहते हैं, '25 जून 1975 को रात के 12 बजे तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की सरकार ने पांच संगठनों पर प्रतिबंध लगा दिया गया था. ये पांच संगठन थे राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ, विश्व हिंदू परिषद आनंद मार्ग, जमायती इस्लामी जमायती उल उलेमा. भौमिक बताते हैं इसके साथ ही पूरे देश में जनसंघ समाजवादी पार्टी लोकदल सीपीएम इन सब पार्टियों के नेताओं को जेल में डाल दिया गया था. हम इसे लोकतंत्र की हत्या का दिवस तो मनाते ही आ रहे थे. सरकार ने संविधान हत्या दिवस के रुप में मनाने का जो निर्णय लिया वो स्वागत योग्य है. असल में भारत के इतिहास में यही वो दिन है जब संविधान की हत्या हुई थी.

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एमपी में सबसे ज्यादा जेल भेजे गए जनसंघी

तपन भौमिक कहते हैं, वैसे पूरे देश में सबसे ज्यादा गिरफ्तारियां यूपी में हुई थी. वहां समावजादी बड़ी तादात में जेल में डाले गए, लेकिन एमपी वो राज्य था. जहां सबसे ज्यादा संख्या में जनसंघियों को जेल पहुंचाया गया. उस समय के हमारी पार्टी के सारे बड़े नेता कुशाभाऊ ठाकरे से लेकर कैलाश नारायण, सारंग, कैलाश जोशी, बाबूलाल गौर सब जेल में थे. भौमिक बताते हैं नौजवान पीढ़ी में मेरे अलावा शिवराज सिंह चौहान जैसे युवा थे. हम लोग 11-12वीं में थे और इस आंदोलन में जेल गए.

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