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"चुनाव दूसरे राज्यों का होता है और BJP नेता करते हैं हिमाचल की बेइज्जती, प्रदेश को नहीं दिलवाते स्पेशल पैकेज" - CM MEDIA ADVISOR NARESH CHAUHAN

सीएम सुक्खू के मीडिया सलाहकार नरेश चौहान ने बीजेपी पर हमला बोला है. डिटेल में पढ़ें खबर...

नरेश चौहान, सीएम सुक्खू के मीडिया सलाहकार
नरेश चौहान, सीएम सुक्खू के मीडिया सलाहकार (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Nov 21, 2024, 3:50 PM IST

शिमला: हिमाचल में हाईकोर्ट से सरकार के खिलाफ आए फैसलों के बाद सर्दियों के मौसम में सियासी पारा चढ़ गया है. प्रदेश उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार के पर्यटन विकास निगम के 18 होटल बंद करने और एक आर्बिट्रेशन अवॉर्ड की अनुपालना सुनिश्चित करने के लिए दिल्ली स्थित हिमाचल भवन को कुर्क करने के आदेश जारी किए हैं. इसके बाद प्रदेश में विपक्षी दल लगातार सरकार के खिलाफ हमलावर हैं.

इसको लेकर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के मीडिया सलाहकार नरेश चौहान ने गुरुवार को इन मामलों पर सरकार का बचाव करते हुए विपक्ष पर तीखे हमले किए हैं. उन्होंने कहा कि HPTDC के होटलों को लेकर भाजपा अनावश्यक बयानबाजी कर रही है. पूर्व में भाजपा की जयराम सरकार के समय में अपने लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए निगम के होटल को लीज पर देने या फिर बेचने का प्रस्ताव लाया था.

नरेश चौहान, सीएम सुक्खू के मीडिया सलाहकार (ETV Bharat)

बीजेपी सरकार में मंत्रिमंडल के सहयोगियों को भी इसका जानकारी नहीं थी. ऐसे में कांग्रेस और मंत्रियों के विरोध पर पूर्व सरकार को यह फैसला वापस लेना पड़ा था. उस दौरान जयराम सरकार टूरिज्म होटल को किसे देने की साजिश कर रही थी, इसकी जांच करवाई जाएगी. नरेश चौहान ने कहा आज विपक्ष में होते हुए भाजपा 18 होटल बंद करने को लेकर आए कोर्ट के फैसले को लेकर शोर मचा रही है.

हिमाचल की छवि खराब कर रही भाजपा

नरेश चौहान ने कहा देशभर में बीजेपी हिमाचल की छवि खराब कर रही है. चुनाव दूसरे राज्यों में होते हैं, लेकिन वहां पर गलत प्रचार कर छवि हिमाचल की खराब की जाती है अगर भाजपा सच में प्रदेश हित को लेकर इतनी हमदर्द है तो केंद्र से योजनाएं लाने में सरकार का सहयोग करे. भाजपा हिमाचल भवन को अटैच करने के मामले को भी मुद्दा बना रही है. वहीं, सच्चाई यह है कि ये प्रोजेक्ट भाजपा के कार्यकाल में अलॉट हुआ है और प्रोजेक्ट लेने वाली कंपनी ने पहले ऊंची बोली लगाकर इसे बनाने में दिलचस्पी दिखाई बाद में प्रोजेक्ट लगाने से हाथ पीछे खींच लिए. संपत्ति अटैच होने का यह पहला मामला नहीं है.

पूर्व सरकार में भी कोर्ट ने ऊना के रेलवे स्टेशन की अटैचमेंट के आदेश दिए थे जहां कंपनी के 64 करोड़ रुपये जमा करने की बात है. प्रदेश सरकार इस मामले को लेकर पैरवी कर रही है. इस मामले को लेकर सरकार बैंच में गई है, लेकिन इस बीच मामले को लेकर सिंगल बैंच का फैसला आया है.

पूर्व भाजपा सरकार ने 280 करोड़ रुपये जंगी थोपन कंपनी को लौटाने का निर्णय ले लिया था लेकिन कांग्रेस सरकार ने 280 करोड़ रुपये के अपफ्रंट के प्रीमियम को लेकर अदालत में चुनौती दी थी, जिसमें हमारी सरकार की जीत हुई थी. ऐसे ही 64 करोड़ रुपये का अपफ्रंट प्रीमियम सेली कंपनी को देने के मामले में कांग्रेस कोर्ट में कानूनी लड़ाई लड़ रही है.

ये भी पढ़ें: हिमाचल में ₹1500 के लिए महिलाओं को करना होगा नए साल का इंतजार, जानें क्या है वजह?

शिमला: हिमाचल में हाईकोर्ट से सरकार के खिलाफ आए फैसलों के बाद सर्दियों के मौसम में सियासी पारा चढ़ गया है. प्रदेश उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार के पर्यटन विकास निगम के 18 होटल बंद करने और एक आर्बिट्रेशन अवॉर्ड की अनुपालना सुनिश्चित करने के लिए दिल्ली स्थित हिमाचल भवन को कुर्क करने के आदेश जारी किए हैं. इसके बाद प्रदेश में विपक्षी दल लगातार सरकार के खिलाफ हमलावर हैं.

इसको लेकर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के मीडिया सलाहकार नरेश चौहान ने गुरुवार को इन मामलों पर सरकार का बचाव करते हुए विपक्ष पर तीखे हमले किए हैं. उन्होंने कहा कि HPTDC के होटलों को लेकर भाजपा अनावश्यक बयानबाजी कर रही है. पूर्व में भाजपा की जयराम सरकार के समय में अपने लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए निगम के होटल को लीज पर देने या फिर बेचने का प्रस्ताव लाया था.

नरेश चौहान, सीएम सुक्खू के मीडिया सलाहकार (ETV Bharat)

बीजेपी सरकार में मंत्रिमंडल के सहयोगियों को भी इसका जानकारी नहीं थी. ऐसे में कांग्रेस और मंत्रियों के विरोध पर पूर्व सरकार को यह फैसला वापस लेना पड़ा था. उस दौरान जयराम सरकार टूरिज्म होटल को किसे देने की साजिश कर रही थी, इसकी जांच करवाई जाएगी. नरेश चौहान ने कहा आज विपक्ष में होते हुए भाजपा 18 होटल बंद करने को लेकर आए कोर्ट के फैसले को लेकर शोर मचा रही है.

हिमाचल की छवि खराब कर रही भाजपा

नरेश चौहान ने कहा देशभर में बीजेपी हिमाचल की छवि खराब कर रही है. चुनाव दूसरे राज्यों में होते हैं, लेकिन वहां पर गलत प्रचार कर छवि हिमाचल की खराब की जाती है अगर भाजपा सच में प्रदेश हित को लेकर इतनी हमदर्द है तो केंद्र से योजनाएं लाने में सरकार का सहयोग करे. भाजपा हिमाचल भवन को अटैच करने के मामले को भी मुद्दा बना रही है. वहीं, सच्चाई यह है कि ये प्रोजेक्ट भाजपा के कार्यकाल में अलॉट हुआ है और प्रोजेक्ट लेने वाली कंपनी ने पहले ऊंची बोली लगाकर इसे बनाने में दिलचस्पी दिखाई बाद में प्रोजेक्ट लगाने से हाथ पीछे खींच लिए. संपत्ति अटैच होने का यह पहला मामला नहीं है.

पूर्व सरकार में भी कोर्ट ने ऊना के रेलवे स्टेशन की अटैचमेंट के आदेश दिए थे जहां कंपनी के 64 करोड़ रुपये जमा करने की बात है. प्रदेश सरकार इस मामले को लेकर पैरवी कर रही है. इस मामले को लेकर सरकार बैंच में गई है, लेकिन इस बीच मामले को लेकर सिंगल बैंच का फैसला आया है.

पूर्व भाजपा सरकार ने 280 करोड़ रुपये जंगी थोपन कंपनी को लौटाने का निर्णय ले लिया था लेकिन कांग्रेस सरकार ने 280 करोड़ रुपये के अपफ्रंट के प्रीमियम को लेकर अदालत में चुनौती दी थी, जिसमें हमारी सरकार की जीत हुई थी. ऐसे ही 64 करोड़ रुपये का अपफ्रंट प्रीमियम सेली कंपनी को देने के मामले में कांग्रेस कोर्ट में कानूनी लड़ाई लड़ रही है.

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