गढ़वा: जिला के नगर उंटारी गोसाइबाग मैदान में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने रविवार को चुनावी सभा को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने राज्य सरकार की उपलब्धियां गिनाई और भाजपा पर कड़ा प्रहार किया. उन्होंने भवनाथपुर विधानसभा क्षेत्र के जेएमएम प्रत्याशी अनन्त प्रताप देव के लिए वोट मांगा.
जनता के लिए हमने कई योजनाएं चलाईः हेमंत
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि जनता की सेवा के लिए हमने कई ऐसी योजनाएं चलाई,जिससे जनता को सीधा लाभ मिला. पांच साल बाद एक बार फिर से आपके बीच आशीर्वाद मांगने आया हूं. उन्होंने कहा कि पांच साल का मेरा कार्यकाल जनता को समर्पित रहा. हर वर्ग के लोगों को लाभ देने की मैंने कोशिश की.
महिलाओं को सशक्त करने के लिए मंईयां योजना
उन्होंने कहा कि यहां के लोग काफी गरीब हैं और कर्ज के बोझ तले दबे थे जिसका एहसास मुझे था. इसलिए लोगों की जिंदगी आसान बनाने के लिए मैंने केसीसी लोन के साथ बिजली बिल को माफ करने का फैसला लिया. सीएम हेमंत ने कहा प्रदेश की महिलाओं ने मेरा खूब साथ दिया. महिलाओं को सशक्त करने के लिए मैंने मंईयां सम्मान योजना लागू किया है. अभी योजना के तहत हर महीने 1000 रुपये दिए जा रहे हैं. दिसंबर से 2500 रुपये देने का फैसला मेरी सरकार ने लिया है. उन्होंने कहा कि अगले कार्यकाल में हर महिला के खाते में एक लाख रुपये डाले जाएंगे.
भाजपा के लोग नफरत की राजनीति करते हैं: सीएम
सीएम हेमंत सोरेन ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा नफरत की राजनीति करती है. हिंदू-मुस्लमान कर लोगों को बांटने का काम करती है, लेकिन जहां हिंदू, मुस्लिम, सिख और ईसाई मिलकर रहते हैं वहां उनकी दाल नहीं गलती है. इसलिए ये लोगों में दरार पैदा कर वोट लेना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि यहां ना तो कोई बंटेगा और ना ही कोई कटेगा, लेकिन अब भाजपाई कूटेगा. इस दौरान सीएम हेमंत सोरेन ने भवनाथपुर में पावर प्लांट लगाने की भी बात कही. उन्होंने कहा कि मेरे अगले कार्यकाल में पावर प्लांट लगाने का काम किया जाएगा.
हिमंता बिस्वा सरमा पर साधा निशाना
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने हिमंता बिस्वा सरमा पर निशाना साधते हुए कहा कि असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा अपने प्रदेश को छोड़कर झारखंड में एक से डेढ़ साल से रहकर यहां के लोगों को बांटने का काम कर रहे हैं. वो घुसपैठियों की बात करते हैं, जबकि सबसे अधिक घुसपैठिए असम में ही रहते हैं. वहां से घुसपैठियों को चुनाव के लिए अलग-अलग प्रदेशों में ट्रांसफर किया जाता है. अगर देश में घुसपैठी आते हैं तो यह केंद्र सरकार की नाकामी है, क्योंकि सीमा की सुरक्षा केंद्र सरकार के हाथों में है.
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