देहरादून: दिल्ली के बुराड़ी में बनने जा रही केदारनाथ मंदिर निर्माण से उपजा मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है. धामी कैबिनेट ने प्रदेश भर में बढ़ते विरोध को देखते हुए चारधाम समेत प्रदेश के सभी प्रसिद्ध मंदिरों के नाम इस्तेमाल को लेकर कड़े विधिक प्रावधान करने का निर्णय लिया है. बावजूद इसके दूसरी ओर कांग्रेस, दिल्ली में बनने जा रहे केदारनाथ मंदिर के विरोध में 'केदारनाथ प्रतिष्ठा रथ यात्रा' की शुरुआत कर दी है.
वहीं, सीएम धामी ने कहा कि जो लोग संसद के भीतर या अपनी कार्यशैली और पूरे चुनाव के दौरान सनातन का विरोध करते रहे हैं, ऐसे ने उनकी "केदारनाथ प्रतिष्ठा रक्षा यात्रा" एकमात्र ढकोसला है. ऐसे में इन लोगों को प्रायश्चित यात्रा करनी चाहिए. क्योंकि इन्होंने सनातन को गाली देने का काम किया है और देवी देवताओं के अपमान करने का काम किया है. जो लोग हिंदू और सनातन धर्म को ये कहते है कि ये मलेरिया, वायरल, डेंगू है और जब ऐसे लोग यात्रा की बात कहते हैं तो बहुत आश्चर्य होता है.
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने हरिद्वार से इस यात्रा की शुरुआत कर दी है. कांग्रेस के इस यात्रा को सीएम पुष्कर सिंह धामी ने ढकोसला करार दिया है. 'जय गंगे, जय केदार' का नारा लगाने के साथ शुरू हुई कांग्रेस की पदयात्रा बुधवार की सुबह हरिद्वार से रवाना हो चुकी है. कांग्रेस की यह पदयात्रा गढ़वाल मंडल के तमाम गांव और शहर से होते हुए केदारनाथ में समाप्त होगी. इस पदयात्रा के दौरान कांग्रेस अलग-अलग जगह पर जनसभाओं का भी आयोजन करेगी और जनता को केदारनाथ मंदिर के नाम पर हो रहे व्यवसायीकरण की जानकारी देगा. कांग्रेस का मानना है कि केदारनाथ सनातनी परंपरा की पहचान है, लिहाजा इसका व्यवसायीकरण किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी.
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