देहरादूनः उत्तराखंड में करीब 70 फीसदी वन क्षेत्र है. ऐसे में प्रदेश में विकास कार्यों के लिए हर साल बड़े पैमाने पर वन भूमि का हस्तांतरण किया जाता है. इसके साथ ही तमाम योजनाओं और परियोजनाओं के लिए वन भूमि हस्तांतरण किए जाने को लेकर केंद्रीय वन मंत्रालय से भी अनुमति लेनी होती है. जिसको देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को केंद्रीय वन मंत्री भूपेंद्र यादव से दिल्ली में मुलाकात की. केंद्रीय वन मंत्री से मुलाकात के दौरान सीएम धामी ने जौलीग्रांट एयरपोर्ट के एक्सपेंशन को लेकर वन भूमि का ट्रांसफर करने समेत अन्य योजनाओं और परियोजनाओं के लिए वन भूमि हस्तांतरण प्रस्तावों को अनुमोदन का अनुरोध किया.
दरअसल, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पिछले तीन दिन से दिल्ली दौरे पर हैं. इस दौरे के दौरान मुख्यमंत्री धामी अभी तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत कई केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात कर चुके हैं. इसी क्रम में सीएम धामी ने केंद्रीय वन मंत्री भूपेंद्र यादव से मुलाकात कर उन्हें पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय का दोबारा दायित्व मिलने पर बधाई और शुभकामनाएं दी. साथ ही वन मंत्री से कहा कि मौजूदा समय में जौलीग्रांट एयरपोर्ट के एक्सपेंशन का कार्य चल रहा है. जौलीग्रांट के आस-पास के क्षेत्रों की कुल 96.2182 हेक्टेयर भूमि में से 87.0815 हेक्टेयर भूमि वन विभाग का भी अधिग्रहण किया जाना है.
नई दिल्ली में केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री @byadavbjp जी से भेंट कर उन्हें केंद्रीय मंत्री के रूप में दूसरे कार्यकाल की बधाई व शुभकामनाएँ दीं। इस अवसर पर उन्हें हाउस ऑफ हिमालयाज ब्रांड के स्थानीय उत्पाद भेंट किए।
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) June 26, 2024
इस अवसर पर माननीय केन्द्रीय मंत्री जी से… pic.twitter.com/yzAeP0qA9J
इस संबंध में नैनीताल हाईकोर्ट, पहले ही राज्य सरकार के पक्ष में निर्णय पारित कर चुका है. ऐसे में हाईकोर्ट के निर्णय के बाद जौलीग्रांट एयरपोर्ट के एक्सपेंशन को वन विभाग की 87.0815 हेक्टेयर भूमि, नागरिक विभाग को हस्तांतरण करने में किसी भी तरह की कोई दिक्कत नहीं है. ऐसे में वन मंत्रालय भी इसपर अनुमोदन प्रदान कर दे. साथ ही सीएम ने कहा कि जौलीग्रांट एयरपोर्ट से काठमांडू (नेपाल) के लिए वायुयान सेवा संचालित किए जाने के लिए टेंडर की कार्रवाई पूरी की जा चुकी है. जिसके चलते जौलीग्रांट एयरपोर्ट को इंटरनेशनल एयरपोर्ट का दर्जा देने की कार्रवाई के लिए इस भूमि की जरूरत है. वन भूमि अधिग्रहण और कब्जे की प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण की ओर से जौलीग्रांट एयरपोर्ट के एक्सपेंशन का कार्य शुरू कर दिया जाएगा.
सीएम ने केंद्रीय वन मंत्री से ये भी अनुरोध किया कि उत्तराखंड की भौगोलिक, सामरिक महत्व और पर्वतीय क्षेत्र में आम जनमानस को मूलभूत सुविधा प्रदान किए जाने को लेकर भारत सरकार के उपक्रमों की ओर से परियोजना संचालित की जा रही है. जिसके तहत गैर वानिकी परियोजना के लिए पहले की तरह ही राज्य में उपलब्ध ‘अधिसूचित अवनत वन भूमि’ में क्षतिपूरक वृक्षारोपण किए जाने और इन सभी कार्यों के लिए चल रहे वन भूमि हस्तांतरण प्रस्तावों पर अनुमोदन दिया जाए.
इसके अलावा, रुद्रप्रयाग जिले के विधानसभा क्षेत्र केदारनाथ के तहत चोपता (तल्लानागपुर) में साल 2014 से राजकीय पॉलिटेक्निक चोपता का संचालन किराये के भवन में किया जा रहा है. जिसको देखते हुए राजकीय पॉलिटेक्निक चोपता की स्थापना के लिए पहले भी राजस्व ग्राम कुंडा दानकोट में चयनित दो हेक्टेयर वन भूमि को हस्तांतरण करने का अनुरोध किया. क्योंकि राजकीय पॉलिटेक्निक, चोपता की स्थापना के लिए इस क्षेत्र में कहीं भी गैर वन भूमि उपलब्ध नहीं हो पा रही है. ऐसे में राजकीय पॉलिटेक्निक, चोपता की स्थापना के लिए चयनित वन भूमि करीब 08 सालों से संस्था को हस्तांतरित न होने के चलते संस्था का संचालन किराये के भवन में किया जा रहा है, जिससे संस्थान के छात्रों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
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