जयपुर. आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा राजस्थान की सभी 25 सीटों को जीतने के लिए अभी से ही एड़ी चोटी का जोर लगा चुकी है. मिशन 25 को पूरा करने के लिए सत्ता और संगठन दोनों ही स्तर पर प्रचार-प्रसार के सिलसिले तेज हो गए हैं. प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सीपी जोशी स्वयं चित्तौड़ से प्रत्याशी हैं. ऐसे में चुनाव की पूरी कमान मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने संभाल ली है. वहीं, अब सीएम चुनाव प्रचार के साथ ही नाराज पार्टी नेताओं को मनाने में भी लग गए हैं. जोधपुर, चित्तौड़ और बाड़मेर में सीएम की मध्यस्थता से डैमेज कंट्रोल हो गया है, लेकिन अब इसके बाद भरतपुर और चूरू जैसी लोकसभा सीटों पर नाराज नेताओं को मनाने का एक्शन प्लान तैयार किया जा रहा है.
यहां हुआ डैमेज कंट्रोल : लोकसभा चुनावों में 25 सीटों पर जीत दर्ज करने की मुहिम लेकर चल रहे सीएम भजनलाल शर्मा ने लंबे समय से चल रही बाबू सिंह राठौड़ और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के बीच की अदावत को खत्म करवा दिया है. दोनों की पिछले दिनों मुख्यमंत्री निवास पर हुई बैठक के बाद फोटो सामने आई. इसके बाद कहा जा रहा है कि अब सब सामान्य हो गया है. इसके बाद प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी और निर्दलीय विधायक चंद्रभान सिंह आक्या के बीच भी सीएम भजनलाल ने सुलह कराई है. बता दें कि आक्या ने चित्तौड़ से लोकसभा चुनाव लड़ने की घोषणा की थी. इतना ही नहीं बीते विधानसभा चुनाव में टिकट कटने से नाराज आक्या ने सीपी जोशी पर निशाना भी साधा था. साथ ही निर्दलीय लड़कर चुनाव जीते थे.
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इसके बाद बाड़मेर को लेकर सीएम भजनलाल ने कैलाश चौधरी और निर्दलीय विधायक रविंद्र भाटी के बीच भी सुलह कराई. इस दौरान राज्य मंत्री केके विश्नोई, विधायक हमीर सिंह घायल और अरुण चौधरी भी मौजूद रहे. इन तीनों सुलह में सीएम भजनलाल की महती भूमिका रही. पार्टी शीर्ष नेतृत्व के निर्देश पर ये तीनों मीटिंग हुई और अब एकजुटता का संदेश देने की कोशिश की जा रही है.
जानें क्या है भरतपुर और चूरु के लिए मास्टर प्लान : सोशल इंजीनियरिंग के साथ ही क्षेत्रीय इंजीनियरिंग के गठजोड़ के जरिए सीएम भजनलाल ने जोधपुर, चितौड़ और बाड़मेर में तो डैमेज कंट्रोल कर लिया, लेकिन अब सीएम के गृह जिले भरतपुर और चूरू ऐसी लोकसभा सीटें हैं, जहां अपनों की नाराजगी ने पार्टी की मुश्किलें बढ़ा दी है. भरतपुर और चूरू दोनों ही लोकसभा सीट पर भाजपा और कांग्रेस ने अपने प्रत्याशियों के नाम की घोषित कर दिए हैं. इसमें मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के गृह जिले भरतपुर पर पूरे राजस्थान की निगाहें रहेंगी. यहां पार्टी की बागी विधायक डॉ. ऋतु बनावत के चलते चुनाव का रुख बदला दिख रहा है. शिवसेना को समर्थन देने और लोकसभा चुनाव लड़ने का ऐलान करने के साथ ही बनावत अब भाजपा के लिए बड़ी चुनौती बन गई हैं. बनावत पूर्व जिला अध्यक्ष ऋषि बंसल की पत्नी हैं. विधानसभा चुनाव में भाजपा से बगावत कर निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में बनावत बयाना से 40,642 मतों से जीत दर्ज की थी, जो कि भरतपुर में सबसे बड़ी जीत थी.
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अब यदि बनावत लोकसभा चुनाव मैदान में उतरती हैं तो अच्छी संख्या में वोट जुटा सकती हैं. माना जा रहा है कि इसका सबसे बड़ा नुकसान भाजपा प्रत्याशी को होगा. इसी तरह से चूरू से मौजूदा सांसद राहुल कस्वा का टिकट भाजपा ने काट कर पैरा खिलाड़ी रविन्द झाझड़िया को दिया है. उसके बाद कस्वा पार्टी से नाराज होकर कांग्रेस में शामिल हो गए. इतना ही नहीं कस्वा को कांग्रेस ने चूरू से प्रत्याशी भी बना दिया है. राहुल कस्वा के टिकट कटने से क्षेत्र के जाट समाज में खासा नाराजगी है. ऐसे में स्थानीय भाजपा नेता भी कस्वा के साथ दिखाई दे रहे हैं. इन दोनों सीट के लिए भाजपा ने आंतरिक मास्टर प्लान बनाया है, जिससे इस नाराजगी को खत्म किया जा सके. इसको लेकर जल्द ही सीएम भजनलाल नाराज नेताओं के साथ बैठक भी करने वाले हैं.