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वर्दी की कार्यशाला ! सिपाही हो या सीनियर ड्यूटी पर इंसल्ट नहीं हो, एसपी नहीं दे पाए जवाब तो गुस्सा हुए सीएम - CM Review Meeting

प्रदेश की कानून व्यवस्था को लेकर मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने शनिवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में समीक्षा की और क्राइम कंट्रोल के लिए पुलिस अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की. इस दौरान सीएम ने पुलिस अधीक्षकों से सवाल जवाब किया, जिसमे कई पुलिस अधीक्षक जवाब नही दे पाए. बैठक में डीजीपी यूआर साहू, मुख्य सचिव सुधांश पंत से लेकर गृह विभाग और पुलिस के अधिकारी मौजूद रहे.

अफसरों के साथ बैठक
अफसरों के साथ बैठक (फोटो ईटीवी भारत जयपुर)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jun 2, 2024, 12:24 PM IST

जयपुर. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने राजस्थान की कानून व्यवस्था के साथ ही क्राइम कंट्रोल को लेकर एक्शन मोड में है. प्रदेश में क्राइम कंट्रोल को लेकर सीएम ने पुलिस अफसरों के साथ समीक्षा बैठक की. मीटिंग में जिलों के पुलिस अधीक्षकों से लेकर डीजीपी तक के अफसर शामिल थे. सीएम ने अफसरों को दो टूक कहा कि अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें, साथ ही ड्यूटी पर सिपाही हो या सीनियर अफसर उसकी बेइज्जती सरकार की बेइज्जती है. इस दौरान मुख्यमंत्री ने खबरों की कटिंग के साथ रेंज में एसपी या आईजी से सवाल किए तो कुछ जवाब नहीं दे पाए, इस पर सीएम ने नाराजगी दिखाई.

पड़ोसी राज्यों से समन्वय बनाए : बैठक के दौरान मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि पुलिस की जिम्मेदारी है कि अवैध गतिविधियों पर खुद आगे बढ़कर कार्रवाई करें. छोटे-छोटे अपराधों पर कार्रवाई होगी तो बड़ी घटना को टाला जा सकता है. मुख्यमंत्री ने 5 पड़ोसी राज्यों से समन्वय स्थापित कर अंतर्राज्यीय अपराधियों के विरुद्ध संयुक्त अभियान चलाने के भी निर्देश दिए. राज्य में निवेश और विकास तभी संभव है, जब प्रदेश में शांति और कानून व्यवस्था सुदृढ़ रहेगी. मुख्यमंत्री ने सीएलजी, सुरक्षा सखी, जन प्रतिनिधियों से तालमेल बनाए रखने की बात कही. युवाओं को अपराध से दूर रखने के लिए सकारात्मक गतिविधियों से जोड़ने के भी निर्देश दिए.

पढ़ें: सीएम की अधिकारियों को सख्त हिदायत : हर गांव-कस्बे तक हो पानी-बिजली की आपूर्ति, हीटवेव से राहत को करें पुख्ता इंतजाम

अवैध खनन पर नकेल कसने की तैयारी : सीएम ने कहा कि राजस्थान में माइनिंग लाइसेंस दिए जा रहे हैं, लेकिन अवैध खनन भी बढ़ा है. अवैध खनन रोकने के सीएम ने विभागों को संयुक्त अभियान चलाने के निर्देश दिए, साथ ही महिलाओं के खिलाफ अपराध पर समय से कार्रवाई करने तथा गो-तस्करी के खिलाफ अभियान जारी रखने के निर्देश दिए. इधर महिला अत्याचारों के कुछ मामलों की खबरों को लेकर मुख्यमंत्री ने अजमेर सहित कुछ रेंजों के पुलिस अधीक्षकों से कार्रवाई के बारे में पूछा. इस दौरान कुछ ने जवाब दे दिया, जबकि कुछ जवाब नहीं दे पाए तो सीएम ने नाराजगी जताई और उन्होंने इन तरह के मामलों में संवेदनशील रहकर कार्रवाई करने के निर्देश दिए.

थानों से लेकर अधिकारी समय पर जन सुनवाई करे : मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने कहा कि जनता की समस्याओं और मुद्दों को गौर से सुनें और उनका त्वरित समाधान करें. जनता को जनसुनवाई का जो समय दें उस पर अधिकारी मौजूद रहें. प्राथमिक रूप से परिवादियों को सुनें और कार्रवाई करें. अधिकारी थानों में जाकर स्टाफ से बात करें. पुलिस को जनता के साथ संवेदनशील व्यवहार रखकर उनकी समस्याओं का त्वरित समाधान सुनिश्चित करना चाहिए, सभी संभाग एवं जिला स्तरीय पुलिस अधिकारी नियमित रूप से जनसुनवाई करें, ताकि परिवादियों की समस्या का समाधान स्थानीय स्तर पर हो सके.

वर्दी की कार्यशाला !
वर्दी की कार्यशाला ! (फोटो ईटीवी भारत जयपुर)

शर्मा ने कहा कि राज्य के किसी भी क्षेत्र में आपराधिक घटना होने पर पुलिस अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाएगी. राज्य सरकार अच्छा काम करने वाले पुलिस अधिकारियों को सम्मानित करेगी. साथ ही अपने कर्तव्य के प्रति लापरवाही बरतने वाले और भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

पढ़ें: मुख्यमंत्री भजनलाल पहुंचे पंप हाउस, कहा- पेयजल की सहज उपलब्धता सरकार की प्राथमिकता

मादक पदार्थों के खिलाफ चलाया जाएगा प्रदेशव्यापी अभियान : मुख्यमंत्री ने एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स और पेपर लीक की जांच के लिए गठित एसआईटी के कार्यों पर संतोष व्यक्त किया. संगठित गिरोह और अपराधियों की मदद करने वालों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए. मुख्यमंत्री ने कहा कि युवाओं को नशीले पदार्थों के चंगुल से मुक्त कराना हमारी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग, सामाजिक कल्याण विभाग के साथ ही पुलिस विभाग की राज्य स्तर से लेकर जिला स्तर तक कमेटियों का गठन कर नशा मुक्ति अभियान चलाने के निर्देश दिए. साथ ही प्रदेश के बॉर्डर जिलों में मादक पदार्थों की तस्करी के खिलाफ कार्रवाई को और तेज करने के निर्देश दिए.

साइबर क्राइम की रोकथाम के लिए विशेषज्ञों की सेवाएं : CM ने कहा कि साइबर क्राइम रोकने के लिए विशेषज्ञों की सेवाएं ली जाएं और पुलिस अधिकारियों को विशेष प्रशिक्षण दिलाया जाए. साइबर क्राइम बहुल जिलों के लिए अतिरिक्त पुलिस अधिकारियों की नियुक्ति करने के निर्देश दिए, साथ ही, उन्होंने सोशल मीडिया तथा अन्य माध्यमों से आमजन को साइबर क्राइम के प्रति जागरूक करने के लिए भी कहा. सीएम ने आपराधिक घटनाओं के अनुसंधान में सीसीटीवी कैमरों की भूमिका को देखते हुए इनकी संख्या में बढ़ोतरी करने और अभय कमाण्ड सेन्टर को अधिक प्रभावी बनाने के भी निर्देश दिए.

पढ़ें: राजस्थान में अब ऐसे सरकारी कर्मचारियों को घर भेजेगी भजनलाल सरकार! निर्देश से मचा हड़कंप

100 दिवसीय कार्ययोजना से प्रदेश में कम हुए अपराध : बैठक में मुख्य सचिव सुधांश पंत ने कहा कि राज्य सरकार की 100 दिवसीय कार्ययोजना के तहत पुलिस को अपराध पर अंकुश लगाने में विशेष कामयाबी मिली है. अभियान के तहत संगठित अपराधियों और नकल गिरोह से जुड़े कई प्रमुख मुजरिमों की गिरफ्तारी, मादक पदार्थों की तस्करी में कमी, सरकारी सम्पत्ती को अतिक्रमण से मुक्ति जैसी कई उपलब्धियां हासिल हुई हैं.

जयपुर. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने राजस्थान की कानून व्यवस्था के साथ ही क्राइम कंट्रोल को लेकर एक्शन मोड में है. प्रदेश में क्राइम कंट्रोल को लेकर सीएम ने पुलिस अफसरों के साथ समीक्षा बैठक की. मीटिंग में जिलों के पुलिस अधीक्षकों से लेकर डीजीपी तक के अफसर शामिल थे. सीएम ने अफसरों को दो टूक कहा कि अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें, साथ ही ड्यूटी पर सिपाही हो या सीनियर अफसर उसकी बेइज्जती सरकार की बेइज्जती है. इस दौरान मुख्यमंत्री ने खबरों की कटिंग के साथ रेंज में एसपी या आईजी से सवाल किए तो कुछ जवाब नहीं दे पाए, इस पर सीएम ने नाराजगी दिखाई.

पड़ोसी राज्यों से समन्वय बनाए : बैठक के दौरान मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि पुलिस की जिम्मेदारी है कि अवैध गतिविधियों पर खुद आगे बढ़कर कार्रवाई करें. छोटे-छोटे अपराधों पर कार्रवाई होगी तो बड़ी घटना को टाला जा सकता है. मुख्यमंत्री ने 5 पड़ोसी राज्यों से समन्वय स्थापित कर अंतर्राज्यीय अपराधियों के विरुद्ध संयुक्त अभियान चलाने के भी निर्देश दिए. राज्य में निवेश और विकास तभी संभव है, जब प्रदेश में शांति और कानून व्यवस्था सुदृढ़ रहेगी. मुख्यमंत्री ने सीएलजी, सुरक्षा सखी, जन प्रतिनिधियों से तालमेल बनाए रखने की बात कही. युवाओं को अपराध से दूर रखने के लिए सकारात्मक गतिविधियों से जोड़ने के भी निर्देश दिए.

पढ़ें: सीएम की अधिकारियों को सख्त हिदायत : हर गांव-कस्बे तक हो पानी-बिजली की आपूर्ति, हीटवेव से राहत को करें पुख्ता इंतजाम

अवैध खनन पर नकेल कसने की तैयारी : सीएम ने कहा कि राजस्थान में माइनिंग लाइसेंस दिए जा रहे हैं, लेकिन अवैध खनन भी बढ़ा है. अवैध खनन रोकने के सीएम ने विभागों को संयुक्त अभियान चलाने के निर्देश दिए, साथ ही महिलाओं के खिलाफ अपराध पर समय से कार्रवाई करने तथा गो-तस्करी के खिलाफ अभियान जारी रखने के निर्देश दिए. इधर महिला अत्याचारों के कुछ मामलों की खबरों को लेकर मुख्यमंत्री ने अजमेर सहित कुछ रेंजों के पुलिस अधीक्षकों से कार्रवाई के बारे में पूछा. इस दौरान कुछ ने जवाब दे दिया, जबकि कुछ जवाब नहीं दे पाए तो सीएम ने नाराजगी जताई और उन्होंने इन तरह के मामलों में संवेदनशील रहकर कार्रवाई करने के निर्देश दिए.

थानों से लेकर अधिकारी समय पर जन सुनवाई करे : मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने कहा कि जनता की समस्याओं और मुद्दों को गौर से सुनें और उनका त्वरित समाधान करें. जनता को जनसुनवाई का जो समय दें उस पर अधिकारी मौजूद रहें. प्राथमिक रूप से परिवादियों को सुनें और कार्रवाई करें. अधिकारी थानों में जाकर स्टाफ से बात करें. पुलिस को जनता के साथ संवेदनशील व्यवहार रखकर उनकी समस्याओं का त्वरित समाधान सुनिश्चित करना चाहिए, सभी संभाग एवं जिला स्तरीय पुलिस अधिकारी नियमित रूप से जनसुनवाई करें, ताकि परिवादियों की समस्या का समाधान स्थानीय स्तर पर हो सके.

वर्दी की कार्यशाला !
वर्दी की कार्यशाला ! (फोटो ईटीवी भारत जयपुर)

शर्मा ने कहा कि राज्य के किसी भी क्षेत्र में आपराधिक घटना होने पर पुलिस अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाएगी. राज्य सरकार अच्छा काम करने वाले पुलिस अधिकारियों को सम्मानित करेगी. साथ ही अपने कर्तव्य के प्रति लापरवाही बरतने वाले और भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

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मादक पदार्थों के खिलाफ चलाया जाएगा प्रदेशव्यापी अभियान : मुख्यमंत्री ने एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स और पेपर लीक की जांच के लिए गठित एसआईटी के कार्यों पर संतोष व्यक्त किया. संगठित गिरोह और अपराधियों की मदद करने वालों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए. मुख्यमंत्री ने कहा कि युवाओं को नशीले पदार्थों के चंगुल से मुक्त कराना हमारी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग, सामाजिक कल्याण विभाग के साथ ही पुलिस विभाग की राज्य स्तर से लेकर जिला स्तर तक कमेटियों का गठन कर नशा मुक्ति अभियान चलाने के निर्देश दिए. साथ ही प्रदेश के बॉर्डर जिलों में मादक पदार्थों की तस्करी के खिलाफ कार्रवाई को और तेज करने के निर्देश दिए.

साइबर क्राइम की रोकथाम के लिए विशेषज्ञों की सेवाएं : CM ने कहा कि साइबर क्राइम रोकने के लिए विशेषज्ञों की सेवाएं ली जाएं और पुलिस अधिकारियों को विशेष प्रशिक्षण दिलाया जाए. साइबर क्राइम बहुल जिलों के लिए अतिरिक्त पुलिस अधिकारियों की नियुक्ति करने के निर्देश दिए, साथ ही, उन्होंने सोशल मीडिया तथा अन्य माध्यमों से आमजन को साइबर क्राइम के प्रति जागरूक करने के लिए भी कहा. सीएम ने आपराधिक घटनाओं के अनुसंधान में सीसीटीवी कैमरों की भूमिका को देखते हुए इनकी संख्या में बढ़ोतरी करने और अभय कमाण्ड सेन्टर को अधिक प्रभावी बनाने के भी निर्देश दिए.

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100 दिवसीय कार्ययोजना से प्रदेश में कम हुए अपराध : बैठक में मुख्य सचिव सुधांश पंत ने कहा कि राज्य सरकार की 100 दिवसीय कार्ययोजना के तहत पुलिस को अपराध पर अंकुश लगाने में विशेष कामयाबी मिली है. अभियान के तहत संगठित अपराधियों और नकल गिरोह से जुड़े कई प्रमुख मुजरिमों की गिरफ्तारी, मादक पदार्थों की तस्करी में कमी, सरकारी सम्पत्ती को अतिक्रमण से मुक्ति जैसी कई उपलब्धियां हासिल हुई हैं.

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