जोधपुर. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा मंगलवार को जोधपुर के दौरे पर रहे. यहां एयरपोर्ट पर उनकी अगवानी के लिए कई मंत्री, नेता व पदाधिकारी पहुंचे थे, लेकिन एयरपोर्ट पर सीमित लोगों को प्रवेश दिया गया. इसके लिए बाकायदा सूची और पास बनवाए गए. हालांकि, जब लूणी विधायक व कैबिनेट मंत्री जोगाराम पटेल वहां पहुंचे तो उनको पास नहीं मिला. इससे वो बेहद नाराज हो गए और लगे हाथ मौके पर जिम्मेदारों को खरी खोटी सुना दी. इसका अब वीडियो सामने आया, जो अब चर्चा का विषय बन गया है.
दरअसल, एयरपोर्ट पर प्रवेश करने वालों के पास देहात जिलाध्यक्ष मनोहर पालीवाल व शहर महामंत्री मनीष पुरोहित के पास थे, लेकिन जब जोगाराम पटेल वहां पहुंचे तो उनका पास नहीं था. पटेल इस बात से नाराज हुए कि उनका पास बनाना कैसे कोई भूल सकता है, जबकि वे स्थानीय विधायक व मंत्री हैं. ऐसे में महामंत्री पुरोहित उनका पास लेने गए. इस दौरान चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खिंवसर वहां पहुंच गए. उन्होंने मंत्री जोगाराम से अंदर आने को कहा. इस पर पटेल ने कहा कि नहीं साहब मेरा पास नहीं बना है.
इसे भी पढ़ें - 'कांग्रेस की नाव में छेद नहीं डूबता जहाज है, जिसमें कोई बैठना नहीं चाहता' : CM भजनलाल शर्मा
इस पर मनेाहर पालीवाल ने सफाई दी. उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है. इस बीच मंत्री पटेल एकदम से नाराज हो गए. साथ ही कहा कि पास उनको दे दो, जिनके पास लाख-लाख रुपयों की थैली है. इस दौरान जेडीए के पूर्व अध्यक्ष महेंद्र सिंह राठौड़ भी पटेल के साथ थे. उन्होंने पास बनाने वालों को लेकर उनके कान में कुछ कहा. इस पर पटेल ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जाने दो आगे जिसे जाना है, सब रिपोर्ट देंगे. हालांकि, बाद में मंत्री अंदर गए और सीएम से मुलाकात की.
इसे भी पढ़ें - '...दूसरों की कुर्सी पर क्यों बैठें?' कहकर सामान्य कार्यकर्ताओं के बीच जाकर बैठे विधायक
वहीं, अब नाराज मंत्री के लाख-लाख रुपए की थैथी वाले बयान को लेकर चर्चाओं का बाजार एकदम से गर्म हो गया है. कयास लगाए जा रहे हैं कि आखिर कौन से ऐसे लोग थे, जिन्हें सीएम के स्वागत के लिए अंदर ले जा गया और उनके पास रुपयों की थैलियां थी. हालांकि, भाजपा में इससे पहले पार्टी की एक ही सूची जाती थी, जिसमें लिखे नामों को अंदर प्रवेश मिलता था. इस बार इसमें बदलाव हुआ, जिनके पास बने थे, उन्हें भीतर जाने की अनुमति दी गई. कई लोगों के नाम सीएम के जोधपुर पहुंचने तक जुड़े, जबकि कुछ लोगों को प्रवेश तक नहीं मिल पाया. जीव जंतु कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष जसवंत सिंह विश्नोई ने अपने बेटों के नाम भी बाद में जुड़वाए और उन्हें अपने साथ अंदर लेकर गए.