जयपुर. लोकसभा चुनाव में भले ही ईआरसीपी और यमुना जल समझौते भाजपा के लिए कोई लाभ नहीं लेकर आया हो, लेकिन प्रदेश की भजन लाल सरकार ईआरसीपी और ताजेवाला हैडवर्क्स परियोजना को लेकर गंभीर है. यही वजह है आचार संहिता समाप्त होने के साथ ही सरकार अब इन योजनाओं को आगे बढ़ाने में जुट गई है.
इसी कड़ी में ईआरसीपी और ताजेवाला हैडवर्क्स परियोजना को लेकर हुई बैठक में सीएम भजन लाल ने प्राथमिकता के साथ योजना पर काम करने के लिए निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि ईआरसीपी परियोजना के तहत भूमि अवाप्ति की प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है. अधिकारियों को निर्देश दिए कि आवश्यकतानुसार कार्मिकों को नियोजित कर परियोजना को शीघ्र पूरा किया जाए ताकि आमजन को समय पर इसका लाभ पहुंचाया जा सके.
जल्द बने डीपीआरः मुख्यमंत्री भजन लाल ने अधिकारियों को आगामी चार माह में ताजेवाला हैडवर्क्स परियोजना के लिए भी डीपीआर बनाने के निर्देश दिए. उन्होंने निर्देश दिए कि ईआरसीपी परियोजना के राजस्थान पार्ट की डीपीआर का कार्य केन्द्र सरकार से समन्वय कर शीघ्र पूरा कर लिया जाए. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिन भी बांधों को परियोजना के माध्यम से जोड़ना है वहां पर स्वंय जाकर भौतिक स्थिति का अवलोकन करें. मुख्यमंत्री ने नवनेरा बैराज में इसी वर्ष कार्य पूर्ण कर जल भरे जाने के निर्देश भी दिए. शर्मा ने परियोजना के अंतर्गत भूमि अवाप्ति अधिकारी कार्यालय खोलने तथा वाइल्डलाइफ क्लीयरेंस और वन भूमि प्रत्यावर्तन की कार्यवाही शीघ्र प्रारम्भ करने के निर्देश भी दिए. उन्होंने अधिकारियों को परियोजना के तहत गुणवत्ता नियंत्रण के लिए संरचना विकसित करने के निर्देश दिए. साथ ही विस्थापितों के पुनर्वास के लिए आवश्यक कॉलोनी और अन्य सुविधाएं विकसित करने के लिए संबंधित जिला कलेक्टर से भूमि शीघ्र आंवटन कराने के भी निर्देश दिए.
मुख्यमंत्री ने परियोजना के अन्तर्गत बांरा में कूल नदी पर रामगढ़ बैराज, पार्वती नदी पर महलपुर बैराज, बूंदी में मेज नदी पर मेज बैराज, सवाईमाधोपुर में बनास नदी पर नीमोद राठौड बैराज व डूंगरी बांध निर्माण के लिए भूमि अवाप्ति की कार्यवाही शुरू करने के निर्देश दिए. साथ ही अजमेर में मेर सागर बांध तथा अलवर में जल भंडारण के लिए रिजर्वायर निर्माण के लिए आवश्यक भूमि अवाप्ति की कार्यवाही शीघ्र शुरू करने के भी निर्देश दिए.
जल भंडारण के अन्य विकल्प भी तलाशेः शर्मा ने कहा कि ताजेवाला हैडवर्क्स परियोजना के तहत जल भंडारण के अन्य विकल्प भी तलाशे जाएं. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि परियोजना के तहत जल उपलब्धता के लिए पंपिंग पर निर्भरता कम रखते हुए नैसर्गिक भाव से यमुना से जल लाने पर जोर दिया जाए. बैठक में राज्य के लिए माही के अधिशेष जल उपयोग के संबंध में भी प्रस्तुतीकरण दिया गया. बैठक में ईआरसीपी परियोजना की प्रगति के बारे में बताया गया कि सभी जिलों में भूमि अवाप्ति अधिकारी की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू कर कमेटी का गठन किया जा चुका है. परियोजना के प्रथम चरण में 132 गांवों की 6 हजार 409 हेक्टेयर भूमि की अवाप्ति के लिए विज्ञप्ति जारी की जा चुकी है. साथ ही, ईसरदा से रामगढ़ बांध की डीपीआर भी तैयार की जा चुकी है.
डीपीआर का कार्य जल्द होगा पूराः बैठक में ERCP योजना के क्रियान्वयन और डीपीआर को लेकर जल संसाधन मंत्री सुरेन्द्र सिंह रावत ने मीटिंग को लेकर कहा की राजस्थान अपने हक के पानी के लिए हर संभव लड़ाई लड़ेगा. दोनो योजनाओं को लेकर केन्द्र सरकार के मार्गदर्शन में डीपीआर बनाई गई हैं, जल्द डीपीआर मंजूर होगी और धरातल पर हम योजना को उतारेंगे. मंत्री सुरेन्द्र सिंह रावत ने बताया कि ERCP और यमुना जल समझौते को लेकर मध्य प्रदेश और हरियाणा सरकार से लगातार संपर्क में हैं. दोनो राज्यों की सरकारों के साथ भी जल्द इस मुद्दे पर मीटिंग होगी. और काम शुरू होगा. वहीं माही नदी के पानी को सांचौर तक लाने पर भी इस मीटिंग में गुजरात सरकार से भी सम्पर्क कर समाधान करने की बात कही .