नई दिल्ली: दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी और पूर्व शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने पेरिस से फ्रेंच भाषा का एडवांस कोर्स कर लौटे 30 छात्र-छात्रों से मुलाकात की और उनका अनुभव जाना. ये सभी छात्र दिल्ली सरकार के स्कूलों में पढ़ रहे हैं और दिल्ली सरकार की ओर से इन्हें फ्रेंच भाषा सीखने के लिए पेरिस भेजा गया था.
वेस्ट विनोद नगर स्थित राजकीय सर्वोदय बाल विद्यालय में आयोजित संवाद सत्र के दौरान बच्चे फ्रेंच भाषा में फर्राटेदार बोलते दिखे, जिसे सुनकर सभी हैरान रह गए। बच्चों ने अरविंद केजरीवाल का धन्यवाद करते हुए कहा कि हमने सपने में भी नहीं सोचा था कि विदेश जाएंगे, लेकिन "आप" सरकार की वजह से पेरिस से पढ़ाई कर वापस आए हैं. इस दौरान मौजूद एक अभिभावक ने कहा कि मेरे परिवार में कोई हवाई जहाज में भी नहीं बैठा है. मेरा बच्चा दिल्ली सरकार की वजह से पेरिस से पढ़ाई कर लौटा, यह सिर्फ एक इमानदार सरकार कर सकती है.
दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले 30 बच्चे फ़्रेंच भाषा का एडवांस कोर्स करने के लिए पैरिस गए थे। @msisodia सर के साथ इन बच्चों से मिलना हुआ।
— Atishi (@AtishiAAP) December 13, 2024
कभी सोचा था? एक ग़रीब परिवार का बच्चा विदेश जाकर पढ़ाई करेगा? ये सिर्फ़ एक सपना नहीं, बल्कि उन लाखों उम्मीदों की जीत है जो अब तक… pic.twitter.com/YMXy0YVMrt
वहीं, आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने एक्स पर पोस्ट कर कहा कि आज दिल्ली के ग़रीब परिवार के बच्चे भी हमारे सरकारी स्कूलों में पढ़कर फर्राटेदार अंग्रेज़ी और फ्रेंच बोल रहे हैं। यह किसी चमत्कार से कम नहीं है। आम आदमी पार्टी को मिलने वाले हर एक वोट से इन बच्चों के उज्जवल भविष्य के दरवाज़े खुल रहे हैं, इनके सपनों को उड़ान मिल रही है.
हमारा सपना आज साकार हो रहा है-मनीष सिसोदिया
पेरिस से लौटे छात्रों से संवाद के दौरान "आप" के वरिष्ठ नेता एवं दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि आज हमारे सरकारी स्कूल में पढ़ने वाली एक बेटी की फ्रेंच भाषा सुनकर मैं एक बार के लिए कन्फ्यूज हो गया कि ये हमारे स्कूल में पढ़ने वाली बच्ची है या फ्रेंच से आई टीम से है. हमें इस बात पर बहुत गर्व है कि हमने जो सपना देखा था कि हमारे बच्चे विदेशों में जाएं, आज वो सच हो रहा है. 2015 में हमने सपना देखा था कि हमारे टीचर्स विदेशों में ट्रेनिंग के लिए जाएं, तो लोगों ने कहा का कि हम यहीं ट्रेनिंग करा लें , विदेश जाना असंभव है. लोगों ने कहा कि आप खुद फिनलैंड चले जाइए और वहां देखकर आइए कि वहां कैसे पढ़ाई होती है? लेकिन मैंने उनसे कहा कि नहीं मैं नहीं जाऊंगा, हमारे टीचर्स ही जाएंगे. आज हमारे हजारों टीचर्स फिनलैंड, कैंब्रिज, ब्रिटेन, अमेरिका समेत कई देशों से ट्रेनिंग लेकर आ रहे हैं और बच्चों को अच्छी शिक्षा दे रहे हैं.
2022 में MOU हुआ था साइन-मनीष सिसोदिया
मनीष सिसोदिया ने आगे कहा कि 2022 में जब मैं दिल्ली का उपमुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री था, तब एक एमओयू साइन हुआ था कि हमारे सरकारी स्कूलों के बच्चे एक प्रोग्राम के तहत फ्रांस जाएंगे. ऐसा नहीं है कि माता-पिता से जिद करके जाएंगे, बल्कि सरकारी स्कूल के बच्चे पढ़ाई के लिए फ्रांस जाएंगे. आज हमने इसे संभव करके दिखाया. बच्चों से बात करते हुए मनीष सिसोदिया ने कहा कि हमें फ्रेंच भाषा नहीं आती क्योंकि हम वही भाषा बोल सकते हैं जो हमारे शिक्षा मंत्री ने हमें पढ़ाई थी. लेकिन हमारे सरकारी स्कूल के बच्चे यह भाषा बोल सकते हैं जो इनके शिक्षा मंत्री ने इन्हें पढ़वाई है.
सपने सिर्फ देखे नहीं जाते, बल्कि पूरे भी होते हैं-सीएम आतिशी
सीएम आतिशी ने कहा कि आज हमें यकीन नहीं हो रहा है कि हमारे गवर्नमेंट स्कूल के बच्चे इतनी शानदार फ्रेंच बोल रहे हैं. जितने आत्मविश्वास से सभी बच्चों ने फ्रेंच, अंग्रेजी और हिंदी में अपनी बात रखी, हमारे बच्चे ऐसे होंगे, ये हमने केवल सपनों में ही सोचा था. आज हमें यह देखने को मिल रहा है, तो यह हमारे लिए बहुत गर्व का पल है. मुझे विश्वास नहीं हो रहा कि जो सपना हमने इतने सालों से देखा था, वह आज हमारी आंखों के सामने सच हो रहा है. मुझे याद है कि 10 साल पहले जब हमारी सरकार बनी ही थी, तो मैं अपने एक दोस्त के यहां खाना खा रही थी. उस दौरान मैंने उनसे कहा था कि अब हम सरकार में आए हैं, तो हम दिल्ली के सरकारी स्कूलों को प्राइवेट स्कूलों जैसा बनाएंगे. तो मेरी दोस्त का भाई मुझ पर हंसने लगा कि कैसे-कैसे सपने देखते हो. ये तो ख्याली पुलाव हैं, ये पूरे नहीं होंगे. लेकिन मैं सोच रही हूं कि वो लोग आज यहां होते तो उन्हें पता चलता कि न सिर्फ सपने देखे जाते हैं, बल्कि वो पूरे भी होते हैं. और आज इन बच्चों के रूप में ये सपने पूरे भी हुए हैं.
सीएम आतिशी ने कहा कि अभी हमने केवल एक मुकाम हासिल किया है. इस पूरी प्रक्रिया से बच्चों में जो आत्मविश्वास आया है, यह उन्हें बहुत आगे लेकर जाएगा. हमारे बच्चे पूरी दिल्ली और देश को दिखा रहे हैं कि सरकारी स्कूल के बच्चे किसी से कम नहीं होते. मुझे आप सब पर बहुत गर्व है. हो सकता है दूर से देखकर राजनेता या मंत्री होना बहुत शानदार लगता हो. लेकिन हमें पता है कि यह कितना मुश्किल होता है. अक्सर हम आपस में यह बात भी करते हैं कि हम जिंदगी में क्या कर रहे हैं? क्यों इतनी मुश्किलों से गुजर रहे हैं? लेकिन इन बच्चों को देखकर लगता है कि जो कर रहे हैं, वह अच्छा कर रहे हैं. आप लोग इसी तरह आगे बढ़िए और बाकी बच्चों के लिए रोल मॉडल बनिए, सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के लिए कोई लिमिट नहीं है. आप बहुत आगे तक जा सकते हैं और अपने परिवार व देश का नाम रोशन करेंगे.
सीएम आतिशी ने X पर लिखा-ये क्रांति जारी रहेगा
दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर कहा कि दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले 30 बच्चे फ़्रेंच भाषा का एडवांस कोर्स करने के लिए पेरिस गए थे. मनीष सिसोदिया सर के साथ इन बच्चों से मिलना हुआ. कभी सोचा था? एक गरीब परिवार का बच्चा विदेश जाकर पढ़ाई करेगा? ये सिर्फ एक सपना नहीं, बल्कि उन लाखों उम्मीदों की जीत है जो अब तक पैसों के अभाव में दबा दी जाती थीं. हमने ये साबित कर दिया कि सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के लिए भी आसमान की कोई सीमा नहीं. दिल्ली का हर बच्चा अब बराबरी के मौके पा रहा है. यही दिल्ली की शिक्षा क्रांति है. ये क्रांति जारी रहेगी.
आज दिल्ली के ग़रीब परिवार के बच्चे भी हमारे सरकारी स्कूलों में पढ़कर फ़र्राटेदार अंग्रेज़ी और फ्रेंच बोल रहे हैं। ये किसी चमत्कार से कम नहीं है।
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) December 13, 2024
आम आदमी पार्टी को मिलने वाले हर एक वोट से इन बच्चों के उज्जवल भविष्य के दरवाज़े खुल रहे हैं, इनके सपनों को उड़ान मिल रही है। https://t.co/5HocZnmEkm
हमने सपने में भी नहीं सोचा था कि हमारे बच्चे पढ़ने फ्रांस भी जा सकते हैं: पेरेंट्स
वहीं दिशा की माता जी ने बताया कि हमें पता था कि बच्चे स्कूल में फेंच भाषा सीख रहे हैं. एक दिन हमें दिशा ने बताया कि हम फ्रांस जा रहे हैं. तो पहले तो हमें यकीन ही नहीं हुआ. क्योंकि हमने आजतक कभी नहीं सुना कि किसी सरकारी स्कूल के बच्चे विदेश में पढ़कर आए हों, लेकिन जब स्कूल से पार्सपोर्ट बनाने के लिए मैसेज आया तो हमें आश्चर्य के साथ बहुत ज्यादा खुशी हुई. हमने पहले सपने में भी कभी नहीं सोचा था कि हमारे बच्चे फ्रांस भी जा सकते हैं. हमारे पास इतना बजट नहीं है. जब से बच्चे वहां से आए हैं वो बार-बार कहते हैं कि उन्हें वहां दोबारा जाना है चाहें इसके लिए उन्हें कितनी भी पढ़ाई करनी पड़े. अब उन्हें दुनिया देखनी है.
पेरिस से लौटने के बाद मेरे बेटे में काफी आत्मविश्वास आया है : अभिभावक
एक अन्य छात्र ज़िदेन के पेरेंट्स ने बताया कि जब मैंने अपने बेटे का नाम रखा था तब कभी सोचा नहीं था कि वो फ्रांस जाएगा. ज़िदेन फ्रांस का फुटबॉल खिलाड़ी है. जब मुझे पता चला कि मेरा बेटा फ्रांस जा रहा है तो मुझे बहुत अच्छा लगा. पहले तो यकीन भी नहीं हो रहा था. जब से वो वहां से आया है उसमें काफी आत्मविश्वास है, उसका ऑरा ही बदल गया है. वो आगे चलकर बहुत कुछ करना चाहता है. फिल्हाल वो नीट एग्जाम की तैयारी कर रहा है. लेकिन हमने कहा है कि अगर बेटे को आगे मौका मिलेगा तो हम जरूर भेजेंगे.
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