नई दिल्ली: राजधानी में मौसम बदलने के साथ प्रदूषण का स्तर भी बढ़ने लगा है. साथ ही इसपर राजनीति भी शुरू हो गई है. दिल्ली सरकार ने राजधानी में प्रदूषण के लिए उत्तर प्रदेश व हरियाणा को जिम्मेदार ठहराया है. वहीं इस बीच प्रदूषण से लोगों को खांसी, जुकाम, आंखों में जलन, सांस लेने में दिक्कत, सीने में दर्द व फेफड़ों में संक्रमण जैसी समस्याएं भी होने लगी हैं.
इन समस्याओं को देखते हुए राम मनोहर लोहिया अस्पताल में प्रदूषण से होने वाली दिक्कतों के लिए एक विशेष क्लीनिक शुरू किया गया है. इसे प्रदूषण जनित रोग निवारण केंद्र नाम दिया गया है. इस क्लीनिक में प्रदूषण की समस्या से पीड़ित कोई भी मरीज आकर डॉक्टर से परामर्श ले सकता है. क्लीनिक में प्रदूषण जनित रोगों से पीड़ित मरीजों के लिए सोमवार का दिन तय किया गया है. दोपहर दो बजे से चार बजे तक कोई भी मरीज यहां आ सकता है.
प्रदूषण का स्तर सामान्य होने तक चलाने की योजना: क्लीनिक के इंचार्ज एवं अस्पताल में रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग के प्रमुख डॉ. अमित सूरी ने बताया कि दिल्ली में बढ़ते हुए प्रदूषण को देखते हुए इस विशेष प्रदूषण जनित रोग निदान केंद्र की शुरुआत की गई है. जब तक दिल्ली में प्रदूषण का स्तर सामान्य नहीं होगा, तब तक इस क्लीनिक को चलाने की योजना है.
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पहले नहीं थी व्यवस्था: उन्होंने आगे बताया कि अस्पताल में कई बीमारियों के मरीज आते हैं, ऐसे में प्रदूषण की समस्या से पीड़ित मरीजों को अलग से देखने की व्यवस्था नहीं थी. इसलिए दिल्ली में प्रदूषण के स्तर को देखते हुए क्लिनिक शुरू किया गया है. इस क्लीनिक में अस्थमा और सांस संबंधी समस्या के पुराने मरीज भी क्लीनिक आकर इलाज करा सकते हैं. उन्होंने बताया कि यहां पर पांच विभागों के डॉक्टर प्रदूषण संबंधी समस्या वाले मरीजों का इलाज करेंगे.
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