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कोर्ट ने श्री अग्रवाल समाज समिति के चुनाव की मतगणना और परिणाम पर लगाई रोक - Civil Court South Mahanagar

जयपुर शहर के सिविल न्यायालय दक्षिण महानगर प्रथम ने श्री अग्रवाल समाज समिति के चुनाव की मतगणना और परिणाम पर रोक लगा दी है.

STAYED THE COUNTING OF VOTES,  SHRI AGGARWAL SAMAJ SAMITI
अग्रवाल समाज समिति के चुनाव की मतगणना और परिणाम पर रोक. (Etv Bharat jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : May 21, 2024, 9:16 PM IST

जयपुर. शहर के सिविल न्यायालय दक्षिण, महानगर प्रथम ने श्री अग्रवाल समाज समिति की मतगणना पर रोक लगा दी है. इसके साथ ही अदालत ने मामले की सुनवाई 22 मई को तय करते हुए चुनाव परिणाम घोषित करने पर भी रोक लगाई है. अदालत ने यह आदेश आनंद गुप्ता व अन्य की ओर से दायर दावे पर अंतरिम सुनवाई करते हुए दिए.

दावे में अधिवक्ता दीपक चौहान ने अदालत को बताया कि श्री अग्रवाल सेवा समिति के त्रिवार्षिक चुनाव गत 19 मई को संपन्न हुए थे. निर्वाचन समिति ने सभी उम्मीदवारों को निर्देश दिए थे कि चुनाव प्रक्रिया के दौरान किसी उम्मीदवार की ओर से मतदान हॉल के अंदर प्रचार नहीं किया जाएगा और न ही उम्मीदवार मतदान स्थल पर उपस्थित होकर मतदाता को अपने पक्ष में वोट देने के लिए कहेगा. दावे में कहा गया कि मतदान के दौरान श्री लखदातार ग्रुप के लीडर चंद्रप्रकाश अग्रवाल व अन्य उम्मीदवारों ने मतदान प्रक्रिया में हस्तक्षेप किया और निष्पक्ष रूप से चुनाव प्रक्रिया संचालित होने में बाधा डाली. मतदान के दौरान चन्द्र प्रकाश अग्रवाल निर्वाचन अधिकारी के रूप में मतदान स्थल पर मौजूद थे और उनका बेटा नितेश अग्रवाल श्री लखदातार ग्रुप के बैलट नंबर 76 का प्रत्याशी था.

पढ़ेंः हाईकोर्ट ने समाज विज्ञान संकाय के डीन और लोक प्रशासन हैड पद से हटाने पर लगाई रोक - Rajasthan High Court

चंद्रप्रकाश ने मतदाताओं को ग्रुप के सदस्यों को वोट डालने के लिए प्रोत्साहित किया, जिसके चलते वादी सहित अन्य उम्मीदवारों के हित प्रभावित हुए. इसके अलावा राजेन्द्र अग्रवाल मंगोड़ी वाला, रमेश नारनौली, राजकुमार तालुका, अजय अग्रवाल, विजय गोयल और विष्णु अग्रवाल का मुख्य कार्य निष्पक्ष चुनाव कराना था, लेकिन उन्होंने कोई पोलिंग एजेंट नियुक्त नहीं किया. वहीं, चंद्रप्रकाश अग्रवाल से मिलीभगत कर मतदान रूम में रिकॉर्डिंग कर मतदाताओं की निजता को भंग किया. दावे में यह भी आरोप लगाया कि चंद्रप्रकाश ने चुनाव में अपने बेटे को बतौर उम्मीदवार खड़ा किया था और उसे जिताने और श्री लखदातार ग्रुप के उम्मीदवारों के पक्ष में फर्जी वोटिंग कराई. इसके अलावा उन्होंने इलेक्शन ऑफिसर का फर्जी कार्ड पहनकर मतदाताओं को प्रभावित किया. ऐसे में चुनाव का परिणाम जारी करने पर रोक लगाई जाए और पुन: मतदान कराया जाए. इस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने मतगणना और परिणाम घोषित करने पर रोक लगा दी है.

जयपुर. शहर के सिविल न्यायालय दक्षिण, महानगर प्रथम ने श्री अग्रवाल समाज समिति की मतगणना पर रोक लगा दी है. इसके साथ ही अदालत ने मामले की सुनवाई 22 मई को तय करते हुए चुनाव परिणाम घोषित करने पर भी रोक लगाई है. अदालत ने यह आदेश आनंद गुप्ता व अन्य की ओर से दायर दावे पर अंतरिम सुनवाई करते हुए दिए.

दावे में अधिवक्ता दीपक चौहान ने अदालत को बताया कि श्री अग्रवाल सेवा समिति के त्रिवार्षिक चुनाव गत 19 मई को संपन्न हुए थे. निर्वाचन समिति ने सभी उम्मीदवारों को निर्देश दिए थे कि चुनाव प्रक्रिया के दौरान किसी उम्मीदवार की ओर से मतदान हॉल के अंदर प्रचार नहीं किया जाएगा और न ही उम्मीदवार मतदान स्थल पर उपस्थित होकर मतदाता को अपने पक्ष में वोट देने के लिए कहेगा. दावे में कहा गया कि मतदान के दौरान श्री लखदातार ग्रुप के लीडर चंद्रप्रकाश अग्रवाल व अन्य उम्मीदवारों ने मतदान प्रक्रिया में हस्तक्षेप किया और निष्पक्ष रूप से चुनाव प्रक्रिया संचालित होने में बाधा डाली. मतदान के दौरान चन्द्र प्रकाश अग्रवाल निर्वाचन अधिकारी के रूप में मतदान स्थल पर मौजूद थे और उनका बेटा नितेश अग्रवाल श्री लखदातार ग्रुप के बैलट नंबर 76 का प्रत्याशी था.

पढ़ेंः हाईकोर्ट ने समाज विज्ञान संकाय के डीन और लोक प्रशासन हैड पद से हटाने पर लगाई रोक - Rajasthan High Court

चंद्रप्रकाश ने मतदाताओं को ग्रुप के सदस्यों को वोट डालने के लिए प्रोत्साहित किया, जिसके चलते वादी सहित अन्य उम्मीदवारों के हित प्रभावित हुए. इसके अलावा राजेन्द्र अग्रवाल मंगोड़ी वाला, रमेश नारनौली, राजकुमार तालुका, अजय अग्रवाल, विजय गोयल और विष्णु अग्रवाल का मुख्य कार्य निष्पक्ष चुनाव कराना था, लेकिन उन्होंने कोई पोलिंग एजेंट नियुक्त नहीं किया. वहीं, चंद्रप्रकाश अग्रवाल से मिलीभगत कर मतदान रूम में रिकॉर्डिंग कर मतदाताओं की निजता को भंग किया. दावे में यह भी आरोप लगाया कि चंद्रप्रकाश ने चुनाव में अपने बेटे को बतौर उम्मीदवार खड़ा किया था और उसे जिताने और श्री लखदातार ग्रुप के उम्मीदवारों के पक्ष में फर्जी वोटिंग कराई. इसके अलावा उन्होंने इलेक्शन ऑफिसर का फर्जी कार्ड पहनकर मतदाताओं को प्रभावित किया. ऐसे में चुनाव का परिणाम जारी करने पर रोक लगाई जाए और पुन: मतदान कराया जाए. इस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने मतगणना और परिणाम घोषित करने पर रोक लगा दी है.

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