ETV Bharat / state

कांकेर में सिटी बसों की बज गई सीटी, खड़े-खड़े हो गई कबाड़, गरीब हुए परेशान - Kanker City Bus Service - KANKER CITY BUS SERVICE

City buses turned into junk in Kanker कांकेर में सिटी बसों की हालत बदहाल है.कोरोना काल से बंद हुईं बसें आज तक शुरु नहीं हो सकी है.सिटी बसें नहीं चलने से गरीबों की हालत खराब है. ग्रामीण इलाकों की जनता दोगुना पैसा चुकाकर यात्रा करने को मजबूर हैं. City Bus Service

City buses turned into junk in Kanker
कांकेर में सिटी बसों की बज गई सीटी (ETV Bharat Chhattisgarh)
author img

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : May 11, 2024, 5:17 PM IST

Updated : May 11, 2024, 5:56 PM IST

कांकेर में सिटी बस हो गई कबाड़ (ETV Bharat Chhattisgarh)

कांकेर : छत्तीसगढ़ के बड़े शहरों में सिटी बसों की सेवा में इजाफा करने की तैयारियां चल रही हैं.वहीं दूसरी तरफ आदिवासी क्षेत्रों में सिटी बस सेवा दम तोड़ रही है.बात यदि कांकेर जिले की करें तो यहां पर सिटी बस सेवा कोरोना काल के बाद से ही बंद है.करोड़ों की लागत से मंगवाई गईं सिटी बसें खड़ी हैं. कई बसें इस हालत में भी नहीं है कि वो अपने पहियों पर दोबारा दौड़ सके.लिहाजा दूर दराज के ग्रामीण अब दूसरे संसाधनों में ज्यादा पैसे देकर अपनी जेबें हल्की करने में मजबूर हैं.

2 बसें अब तक लापता : बस का संचालन कर रहे नवीश चतुर्वेदी ने बताया कि कांकेर को 9 साल पहले 10 सिटी बसें मिलनी थी. इनमें से 8 मिली और 2 कांकेर पहुंची ही नहीं. जो 8 बसें मिली उनमें से 3 के संचालन के लिए तो परमिट तक नहीं मिला.इसके बाद बसों को चलाने के लिए ठेकेदार को जिम्मा सौंपा गया.लेकिन कुछ साल चलाने के बाद कोरोना काल में ठेकेदार ने बसों को खड़ा कर दिया.अब बस एक ही जगह पर खड़े खड़े कंडम हो चुकी हैं.

ग्रामीणों के लिए लाइफलाइन थी सिटी बस : रहवासी मुकेश तिवारी ने बताया कि सिटी बसें कांकेर से हल्बा, कांकेर से दुधावा, कांकेर से पीढ़ापाल, कांकेर से कोरर और कांकेर से नरहरपुर मार्ग में चलती थीं. तीन बसों का संचालन कांकेर से नरहरपुर, कांकेर से बागोड़ और कांकेर से कुम्हानखार मार्ग में होना था, लेकिन इन तीन रूटों के लिए कभी परमिट ही नहीं मिला.

''सिटी बसें गरीब वर्ग के लिए काफी फायदेमंद साबित हो रही थी, लेकिन कोविड में सिटी बसों का संचालन बंद हुआ तो दोबारा शुरू ही नहीं हो पाया.''- मुकेश तिवारी,रहवासी

बसों की थमे पहिए : आपको बता दें कि कोरोना काल से ही बसों के पहिए थमे हैं. बसों के रखरखाव के लिए डिपो तक नहीं बनाया गया है. कांकेर नगरपालिका को सत्र 2015-16 में 10 सिटी बसें मिलनी थी. जगदलपुर बस्तर जिला शहरी सार्वजनिक सोसायटी के माध्यम से 10 में से 8 बसें कांकेर पहुंची, जबकि 2 बसों का अब भी कोई अता पता नहीं है. जो बसें मिली वो अब कबाड़ हो चुकी हैं. वहीं तीन बसें तो ऐसी हैं जो बिना चले ही अब भंगार के भाव बिकेंगी.

धमतरी नगर निगम टैक्स वसूली में फिर फिसड्डी, आखिर के तीन महीने कर्मचारियों को दी बड़ी चेतावनी
सरगुजा संभाग में सर्दी के सितम ने ढाया कहर, अबिकापुर में पारा 6.3 डिग्री तक लुढ़का

कांकेर में सिटी बस हो गई कबाड़ (ETV Bharat Chhattisgarh)

कांकेर : छत्तीसगढ़ के बड़े शहरों में सिटी बसों की सेवा में इजाफा करने की तैयारियां चल रही हैं.वहीं दूसरी तरफ आदिवासी क्षेत्रों में सिटी बस सेवा दम तोड़ रही है.बात यदि कांकेर जिले की करें तो यहां पर सिटी बस सेवा कोरोना काल के बाद से ही बंद है.करोड़ों की लागत से मंगवाई गईं सिटी बसें खड़ी हैं. कई बसें इस हालत में भी नहीं है कि वो अपने पहियों पर दोबारा दौड़ सके.लिहाजा दूर दराज के ग्रामीण अब दूसरे संसाधनों में ज्यादा पैसे देकर अपनी जेबें हल्की करने में मजबूर हैं.

2 बसें अब तक लापता : बस का संचालन कर रहे नवीश चतुर्वेदी ने बताया कि कांकेर को 9 साल पहले 10 सिटी बसें मिलनी थी. इनमें से 8 मिली और 2 कांकेर पहुंची ही नहीं. जो 8 बसें मिली उनमें से 3 के संचालन के लिए तो परमिट तक नहीं मिला.इसके बाद बसों को चलाने के लिए ठेकेदार को जिम्मा सौंपा गया.लेकिन कुछ साल चलाने के बाद कोरोना काल में ठेकेदार ने बसों को खड़ा कर दिया.अब बस एक ही जगह पर खड़े खड़े कंडम हो चुकी हैं.

ग्रामीणों के लिए लाइफलाइन थी सिटी बस : रहवासी मुकेश तिवारी ने बताया कि सिटी बसें कांकेर से हल्बा, कांकेर से दुधावा, कांकेर से पीढ़ापाल, कांकेर से कोरर और कांकेर से नरहरपुर मार्ग में चलती थीं. तीन बसों का संचालन कांकेर से नरहरपुर, कांकेर से बागोड़ और कांकेर से कुम्हानखार मार्ग में होना था, लेकिन इन तीन रूटों के लिए कभी परमिट ही नहीं मिला.

''सिटी बसें गरीब वर्ग के लिए काफी फायदेमंद साबित हो रही थी, लेकिन कोविड में सिटी बसों का संचालन बंद हुआ तो दोबारा शुरू ही नहीं हो पाया.''- मुकेश तिवारी,रहवासी

बसों की थमे पहिए : आपको बता दें कि कोरोना काल से ही बसों के पहिए थमे हैं. बसों के रखरखाव के लिए डिपो तक नहीं बनाया गया है. कांकेर नगरपालिका को सत्र 2015-16 में 10 सिटी बसें मिलनी थी. जगदलपुर बस्तर जिला शहरी सार्वजनिक सोसायटी के माध्यम से 10 में से 8 बसें कांकेर पहुंची, जबकि 2 बसों का अब भी कोई अता पता नहीं है. जो बसें मिली वो अब कबाड़ हो चुकी हैं. वहीं तीन बसें तो ऐसी हैं जो बिना चले ही अब भंगार के भाव बिकेंगी.

धमतरी नगर निगम टैक्स वसूली में फिर फिसड्डी, आखिर के तीन महीने कर्मचारियों को दी बड़ी चेतावनी
सरगुजा संभाग में सर्दी के सितम ने ढाया कहर, अबिकापुर में पारा 6.3 डिग्री तक लुढ़का
Last Updated : May 11, 2024, 5:56 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.