बिलासपुर : छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में मसीही समाज ने मंगलवार को प्रेस कांफ्रेंस किया. इस दौरान समाज के प्रमुखों ने कहा कि हमारा समाज हमेशा लोगों के सुख दुख में साथ देने वाला समाज है. छत्तीसगढ़ में आज दोनों प्रमुख राजनीतिक दलों से मसीही समाज उपेक्षित है. मसीही समाज को राजनीतिक दल हमेशा से वोट बैंक समझते रहे हैं, इसीलिए उन्हें अधिकार देने से पीछे हट जाते हैं.
मसीही समाज की उपेक्षा का आरोप : बिलासपुर प्रेस क्लब में मंगलवार को एडवोकेट अल्बर्ट मसीह ने दोनों पार्टी के रवैये पर दुख जताया है. उन्होंने कहा कि दोनों दलों में समाज के लोग शिद्दत के साथ तन, मन, धन से सहयोग करते हैं. मगर जब टिकट देने की बारी आती है तो उन्हें एक तरह से उपेक्षित कर दिया जाता है. इसलिए अब वे निर्दलीय चुनाव लड़कर समाज की सेवा करने जा रहे हैं.
बिलासपुर नगरीय निकाय चुनाव में भी कांग्रेस और भाजपा ने 70 वार्ड में से एक भी सीट पर मसीह समाज के लोगों को प्रतिनिधित्व नहीं दिया है. लगातार दोनों दलों से प्रत्याशी बनाए जाने की मांग समाज के प्रमुख करते रहे हैं, लेकिन उन्हें सिर्फ आश्वासन ही दिया जाता है. इसलिए उपेक्षा से परेशान होकर समाज के लोग अब नई दिशा में जाने को तैयार हैं : अल्बर्ट मसीह, एडवोकेट
निर्दलीय चुनाव लड़ने का किया ऐलान : अल्बर्ट मसीह ने बताया की तारबाहर क्षेत्र वार्ड क्रमांक 29 संजय गांधी नगर से वह कांग्रेस पार्टी से टिकट मांग रहे थे. उन्हें आश्वासन भी मिल रहा था. लेकिन उन्हें टिकट नहीं दी गई. वार्ड में कुल साढ़े सात हजार वोटर हैं, जिनमें डेढ़ हजार वोट मसीही समाज के हैं. इसलिए वे निर्दलीय चुनाव लड़कर वार्ड की सेवा करना चाहते हैं.
अब समाज में बुराइयों को छोड़कर एकजुटता पर ध्यान दिया जाएगा, ताकि अपने अब दूसरों के भरोसे ना रहें और समाज के बीच एक नेतृत्व तैयार हो : अल्बर्ट मसीह, एडवोकेट
नोटा में वोट करने की अपील : अब समाज को एकजुट भी किया जाएगा और उनसे भी इस तरफ ध्यान देने व बिखरे समाज को ताकत के रूप में इकट्ठा किया जाएगा. ताकि जो राजनीतिक दल उन्हें वोट बैंक समझते हैं, उनकी ताकत के आगे उनसे सम्मान पूर्वक चर्चा करें और समाज के नेतृत्व को आगे ले जाएं. उन्होंने मसीह समाज से अपील किया कि दोनों प्रमुख राजनीतिक दलों के प्रत्याशियों के बजाय नोटा में वोट कर अपनी ताकत का एहसास दिलाएं.