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12 हजार से अधिक सीएचओ ने एनएचएम दफ्तर का किया घेराव, रखी प्रमुख मांगें - CHO protest lucknow - CHO PROTEST LUCKNOW

12 हजार से अधिक सीएचओ ने अपनी मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन प्रदर्शन शुरु कर दिया है. सीएचओ अपने शोषण के खिलाफ केंद्र सरकार से न्याय की मांग कर रहे है. इसके साथ ही उन्होंने सरकार के सामने अपनी कुछ मांगे रखी है.

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सीएचओ ने एनएचएम दफ्तर का किया घेराव (photo credit- Etv Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Aug 28, 2024, 12:56 PM IST

लखनऊ: प्रदेश भर से करीब 12 हजार से अधिक सामुदायिक स्वास्थ्य ऑफिसर (सीएचओ) ने अपनी मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन प्रदर्शन बुधवार से शुरू कर दिया हैं. बता दें, कि प्रदेश के लगभग सभी अस्पतालों में परमानेंट से अधिक संविदा स्वास्थ्य कर्मी है. इन्हीं कर्मचारियों के भरोसे पूरा स्वास्थ्य विभाग टिका है. लेकिन, इन्हीं कर्मचारियों के ऊपर समस्याओं का ढेर हैं. महिलाओं के लिए ऐसी पोस्टिंग है, कि दूरदराज तक स्वास्थ्य केंद्र जाने का साधन तक नहीं मिल पाता है. भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस मौके पर पहुंची है. सुबह से ही सीएचओ जुटने शुरू हो गए है. शहर में बीते दिन से लगातार बारिश हो रही है. बारिश के दौरान भी प्रदर्शन जारी है.

प्रदेश महामंत्री योगेश उपाध्यक्ष ने बताया, कि एएमएस और अपनी मांगों को लेकर आंदोलनरत सीएचओ का अगर समाधान नहीं किया जाता है, तो पूरे एनएचएम के एक लाख कर्मचारी इनके सहयोग में मांगो को पूर्ण कराने के लिए संयुक्त राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कर्मचारी संघ के नेतृत्व के साथ खड़े रहेंगे. इनकी मांगे पूरी तरह से सही है.

मंत्री योगेश ने कहा, कि सबसे बड़ी समस्या है कि महिला सामुदायिक स्वास्थ्य ऑफिसर को तमाम चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. इनकी पोस्टिंग ग्रामीण क्षेत्रों में होती है. जिसकी वजह से आवागमन में समस्या तो होती है, उस केंद्र पर सुरक्षा व्यवस्था भी होती है. महिला स्वास्थ्य कर्मी जहां पर हैं, वहां पर सुरक्षा व्यवस्था भी होनी चाहिए. हाल ही में कोलकाता में इतना बड़ा मामला हो गया. इसके बाद भी स्वास्थ्य विभाग की आंखें नहीं खुल रही है.

इसे भी पढ़े-अपनी मांगों को लेकर एनएचएम कार्यालय के बाहर अनिश्चितकालीन प्रदर्शन करेंगे सीएचओ


प्रदेश अध्यक्ष हिमालय कुमार ने कहा, कि सभी सीएचओ अपने शोषण के खिलाफ केंद्र सरकार से न्याय मांग रहा है. ऑनलाइन उपस्थिति केवल सीएचओ पर लागू करने के तानाशाही आदेश केंद्र सरकार कई बार दे चुकी है. बावजूद इसके धूल फांक रही करियर उन्नति एवं बेहतर कार्य का सम्मान प्राप्त करने के लिए सीएचओ विवश हो चुके हैं.

महिला सीएचओ ने कहा, कि शोषण सह कर तंग आ चुके हैं. हम लोगों ने कई बार एमडी मैडम से बात की. स्वास्थ्य मंत्री डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक से मिलकर भी अपनी बात रखी. यहां तक की केंद्र सरकार तक अपनी बात पहुंचाई. लेकिन, आश्वासन के अलावा किसी को कुछ नही मिला. एएमएस एप के जरिए हम लोगों की हाजिरी लगाई जा रही है. हमारी मांग हैं, कि या तो इसे सभी को समान रूप से लागू किया जाए या फिर हमारे लिए लागू करने का आदेश हो.

प्रदेश भर से जुटेंगे सीएचओ: प्रदर्शनकारियों ने कहा, कि यदि हमारी मांगे नहीं मानी जाती है, तो प्रदर्शन कर रहे लोगों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जाएगी. हम लोगों की मांगें नहीं मानी जाएगी तो यहां जनसैलाब आ जाएगा. प्रदेश भर के सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी यहीं जुटेंगे. मांगे जब तक नहीं मानी जाती प्रदर्शन जारी रहेगा. सुबह से प्रदर्शन चलेगा. हमारी समस्याओं की कोई सुनवाई नहीं होती. कार्यक्रम में संरक्षक एनके शर्मा, प्रदेश महामंत्री जनक सिंह, प्रदेश सचिव नित्यम विश्वकर्मा, प्रदेश उपाध्यक्ष रामबाबू वर्मा, प्रदेश कोषाध्यक्ष हितेश, प्रदेश मीडिया प्रभारी प्रदीप राजपूत, जिला अध्यक्ष सीतापुर अतुल पाण्डेय, जिला अध्यक्ष लखनऊ ममता कुमारी, जिला महामंत्री रितु रानी सिंह, सदस्य संदीप तिवारी, इत्यादि मौजूद रहें.

प्रदर्शनकारियों की प्रमुख मांग: परमानेंट किया जाए. गृह जनपद में मिले तैनाती.वेतन विसंगति दूर की जाए. एएमएस एप के जरिए हाजिरी लगाने का विरोध. पीबीआई के नाम पर हो रही उगाही, सैलरी में हो मर्ज.

यह भी पढ़े-सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्ट डाली तो होगी उम्रकैद; सीएम योगी की सख्ती, मानहानि का मुकदमा भी चलेगा - UP Digital Media Policy 2024

लखनऊ: प्रदेश भर से करीब 12 हजार से अधिक सामुदायिक स्वास्थ्य ऑफिसर (सीएचओ) ने अपनी मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन प्रदर्शन बुधवार से शुरू कर दिया हैं. बता दें, कि प्रदेश के लगभग सभी अस्पतालों में परमानेंट से अधिक संविदा स्वास्थ्य कर्मी है. इन्हीं कर्मचारियों के भरोसे पूरा स्वास्थ्य विभाग टिका है. लेकिन, इन्हीं कर्मचारियों के ऊपर समस्याओं का ढेर हैं. महिलाओं के लिए ऐसी पोस्टिंग है, कि दूरदराज तक स्वास्थ्य केंद्र जाने का साधन तक नहीं मिल पाता है. भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस मौके पर पहुंची है. सुबह से ही सीएचओ जुटने शुरू हो गए है. शहर में बीते दिन से लगातार बारिश हो रही है. बारिश के दौरान भी प्रदर्शन जारी है.

प्रदेश महामंत्री योगेश उपाध्यक्ष ने बताया, कि एएमएस और अपनी मांगों को लेकर आंदोलनरत सीएचओ का अगर समाधान नहीं किया जाता है, तो पूरे एनएचएम के एक लाख कर्मचारी इनके सहयोग में मांगो को पूर्ण कराने के लिए संयुक्त राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कर्मचारी संघ के नेतृत्व के साथ खड़े रहेंगे. इनकी मांगे पूरी तरह से सही है.

मंत्री योगेश ने कहा, कि सबसे बड़ी समस्या है कि महिला सामुदायिक स्वास्थ्य ऑफिसर को तमाम चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. इनकी पोस्टिंग ग्रामीण क्षेत्रों में होती है. जिसकी वजह से आवागमन में समस्या तो होती है, उस केंद्र पर सुरक्षा व्यवस्था भी होती है. महिला स्वास्थ्य कर्मी जहां पर हैं, वहां पर सुरक्षा व्यवस्था भी होनी चाहिए. हाल ही में कोलकाता में इतना बड़ा मामला हो गया. इसके बाद भी स्वास्थ्य विभाग की आंखें नहीं खुल रही है.

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प्रदेश अध्यक्ष हिमालय कुमार ने कहा, कि सभी सीएचओ अपने शोषण के खिलाफ केंद्र सरकार से न्याय मांग रहा है. ऑनलाइन उपस्थिति केवल सीएचओ पर लागू करने के तानाशाही आदेश केंद्र सरकार कई बार दे चुकी है. बावजूद इसके धूल फांक रही करियर उन्नति एवं बेहतर कार्य का सम्मान प्राप्त करने के लिए सीएचओ विवश हो चुके हैं.

महिला सीएचओ ने कहा, कि शोषण सह कर तंग आ चुके हैं. हम लोगों ने कई बार एमडी मैडम से बात की. स्वास्थ्य मंत्री डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक से मिलकर भी अपनी बात रखी. यहां तक की केंद्र सरकार तक अपनी बात पहुंचाई. लेकिन, आश्वासन के अलावा किसी को कुछ नही मिला. एएमएस एप के जरिए हम लोगों की हाजिरी लगाई जा रही है. हमारी मांग हैं, कि या तो इसे सभी को समान रूप से लागू किया जाए या फिर हमारे लिए लागू करने का आदेश हो.

प्रदेश भर से जुटेंगे सीएचओ: प्रदर्शनकारियों ने कहा, कि यदि हमारी मांगे नहीं मानी जाती है, तो प्रदर्शन कर रहे लोगों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जाएगी. हम लोगों की मांगें नहीं मानी जाएगी तो यहां जनसैलाब आ जाएगा. प्रदेश भर के सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी यहीं जुटेंगे. मांगे जब तक नहीं मानी जाती प्रदर्शन जारी रहेगा. सुबह से प्रदर्शन चलेगा. हमारी समस्याओं की कोई सुनवाई नहीं होती. कार्यक्रम में संरक्षक एनके शर्मा, प्रदेश महामंत्री जनक सिंह, प्रदेश सचिव नित्यम विश्वकर्मा, प्रदेश उपाध्यक्ष रामबाबू वर्मा, प्रदेश कोषाध्यक्ष हितेश, प्रदेश मीडिया प्रभारी प्रदीप राजपूत, जिला अध्यक्ष सीतापुर अतुल पाण्डेय, जिला अध्यक्ष लखनऊ ममता कुमारी, जिला महामंत्री रितु रानी सिंह, सदस्य संदीप तिवारी, इत्यादि मौजूद रहें.

प्रदर्शनकारियों की प्रमुख मांग: परमानेंट किया जाए. गृह जनपद में मिले तैनाती.वेतन विसंगति दूर की जाए. एएमएस एप के जरिए हाजिरी लगाने का विरोध. पीबीआई के नाम पर हो रही उगाही, सैलरी में हो मर्ज.

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