जगदलपुर: बस्तर जिले में मौजूद कांगेर वैली नेशनल पार्क में चीतल का शिकार करने का मामला सामने आया है. कोटमसर गांव के लोगों पर शिकार का आरोप लगा है. वन विभाग की टीम ने कई लोगों को पकड़ा है. कई फरार है.
कांगेरवैली नेशनल पार्क में शिकार: कोटमसर रेंज के डिप्टी रेंजर पितवास भारती ने बताया कि मुखबिरी से उन्हें चीतल के शिकार की सूचना मिली थी. शिकार की सूचना के बाद वन विभाग की उड़नदस्ता टीम जंगल में पहुंची. रात में लगभग 9 बजे जंगल के बीच लगभग 15 किलो के चीतल को 17 अलग-अलग हिस्सों में बांटा गया था. कुछ मांस पकाया जा रहा था.
शिकार करने वाले 5 गिरफ्तार, 5 फरार: डिप्टी रेंजर ने बताया कि सोमवार शाम 4 बजे जंगल में चीतल का शिकार किया गया था. टीम ने मौके पर दबिश दी तो कई लोग भाग खड़े हुए. दो लोग वहीं बैठे हुए थे. कोटमसर गांव का उपसरपंच भी वहां मौजूद था. पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. पांच फरार है. मौके से चीतल का मांस बरामद किया. जानवर के शरीर के कुछ दूसरे अंग भी मिले हैं. पांचों आरोपियों से पूछताछ के आधार पर अन्य पांच आरोपियों की तलाश की जा रही है. सभी पकड़े गए आरोपियों के खिलाफ वन्य प्राणी अधिनियम के तहत अपराध दर्ज कर उन्हें जेल भेजा जायेगा. यह सभी ग्रामीण कोटमसर गांव के रहने वाले है.
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डियर पार्क में होता है घायल हिरणों का इलाज: लंबे समय बाद कांगेर वैली नेशनल पार्क के अंदर ग्रामीणों द्वारा इस तरह के शिकार का मामला सामने आया है. दरअसल पिछले कुछ समय से कांगेर नेशनल पार्क के अंदर बनाए गए डियर पार्क में घायल हिरण और अन्य जानवर रखे जाते हैं. जब यह स्वस्थ हो जाते हैं तो इन्हें जंगल में छोड़ दिया जाता है. माना जा रहा है कि डियर पार्क से बाहर छोड़े गए हिरण में से ही किसी का शिकार ग्रामीणों ने किया है.
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