मनेंद्रगढ चिरमिरी भरतपुर: मनेंद्रगढ चिरमिरी भरतपुर जिला कोल खदानों के लिए जाना जाता है. यहां पर एसईसीएल(South Eastern Coalfields Limited) की कोल माइंस में कोयला निकालने के लिए ब्लास्टिंग का कार्य किया जाता है. ब्लास्टिंग की वजह से आस पास के रिहायशी इलाकों में स्थित स्कूलों की हालत खस्ता हो गई है. स्कूलों में दरार पड़ गई है. जिसकी वजह विद्यार्थियों को खतरे में जीवन डालकर पढ़ाई करना पड़ रहा है.
बरतुंगा ओपन कास्ट माइंस में ब्लास्टिंग जारी: एसईसीएल के चिरमिरी बरतुंगा ओपन कास्ट कोल माइंस में लगातार विस्फोट का काम हो रहा है. इससे बरतुंगा प्राथमिक शाला और डीएवी स्कूल की बिल्डिंग में दरार पड़ गई है. यहां पढ़ने वाले छात्र को रोजाना भूकंप का एहसास होता है. शासकीय प्राथमिक शाला बरतुंगा की हालत तो और भी खतरनाक है. यहां कोयला खदानों में विस्फोट की वजह से स्कूल की इमारत में दरार पड़ चुकी है. जब ब्लास्टिंग के वक्त जमीन हिलती है तो बिल्डिंग में कंपन होता है. जिससे बच्चे पढ़ाई के दौरान क्लास छोड़कर बाहर चले जाते हैं.
बरतुंगा डीएवी स्कूल का भी यही हाल: बरतुंगा डीएवी स्कूल में भी ऐसी ही स्थिति है. डीएवी स्कूल में 1,150 छात्र-छात्राएं और 70 से अधिक शिक्षक कार्यरत हैं. यहां भी विस्फोटों की वजह से बिल्डिंग में कंपन होता है. स्कूल के पास मिट्टी और पत्थरों का ढेर लगा है, जिससे बिल्डिंग और अधिक कमजोर हो गई है. स्कूल की इमारत में दरार जैसी स्थिति है. जिससे खतरे का अंदेशा बना हुआ है.
डीएवी स्कूल की स्थिति बेहद चिंताजनक है. कलेक्टर को इस बारे में अवगत कराया गया है. उन्होंने कहा आगामी शिक्षा सत्र 2025-2026 से डीएवी स्कूल को उस बिल्डिंग में संचालित नहीं किया जाएगा. प्राथमिक शाला बरतुंगा के लिए भी कदम उठाए गए हैं. ब्लास्टिंग का समय दोपहर 2 बजे के बाद रखा गया है, ताकि बच्चों की पढ़ाई सुबह 9:30 से 1:30 के बीच पूरी हो सके- अजय मिश्रा, जिला शिक्षा अधिकारी, मनेंद्रगढ चिरमिरी भरतपुर
मनेंद्रगढ़ के चिरमिरी के बरतुंगा के इन दो स्कूलों की स्थिति चिंताजनक है. ब्लास्टिंग की वजह से स्कूल की दीवार और स्कूल प्रभावित हो रहा है. शिक्षा विभाग स्थिति को लेकर पैनी नजर बनाए हुए है. इसके बावजूद भी स्कूलों पर खतरे की स्थिति है. अब देखना होगा कि इस मसले पर एसईसीएल की तरफ से क्या कहा जाता है.