रायपुर: भारत को फिर विश्व गुरु बनाने के लिए बोरियाकला में गुरुकुलम की स्थापना की गई. श्री शंकराचार्य आश्रम में 6 महीने से बच्चे वैदिक शिक्षा के साथ आधुनिक शिक्षा को हासिल कर रहे हैं. वेदों के साथ साथ अंग्रेजी, गणित और सामाजिक विज्ञान की पढ़ाई कर रहे हैं. करीब छह महीने पहले बोरियाकला में गुरुकुलम की स्थापना की गई.
बच्चों को मिल रही वैदिक शिक्षा: गुरुकुल में बच्चों को वेदों और उपनिषदों की मुकम्मल जानकारी मिले इसके योग्य शिक्षकों को भी रखा गया है. गुरुकुलम में वेदों का ज्ञान देने के लिए 6 आचार्य हैं. बच्चों को आधुनिक शिक्षा भी मिले इसके लिए 4 शिक्षकों को भी नियुक्ति की गई है. बच्चे वेद और आधुनिक शिक्षा के जरिए भारत को फिर से विश्व गुरु बनाने के काम में जुटे हैं.
गुरुकुलम में वेदों की पढ़ाई: गुरुकुलम में फिलहाल 60 बच्चे पढ़ रहे हैं. ज्यादातर बच्चे छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और महाराष्ट्र से हैं. गुरुकुलम में बच्चों को संस्कृत में अजुर्वेद और ऋग्वेद के श्लोक कंठस्थ कराए जा रहे हैं. वेदों की पढ़ाई के साथ साथ बच्चों में सामाजिक भावना भी जगाने का काम किया जा रहा है. गुरुकुलम की कोशिश है कि यहां पढ़ने वाले बच्चों अपनी प्राचीन परंपरा और आधुनिक परंपरा दोनों को सीख सकें.
मेरे मन में भी वेदों को पढ़ने की इच्छा जगी. परिवार की रजामंदी के बाद मैं यहां परीक्षा पास कर पहुंचा. वेद, व्याकरण और ज्योतिष की पढ़ाई यहां हो रही है. - छात्र गुरुकुलम
धोती में क्रिकेट भी खेलते हैं बच्चे: गुरुकुलम में पढ़ने वाले बच्चे सिर्फ वेदों की पढ़ाई ही नहीं करते बल्कि खेलते भी हैं. बच्चों को यहां क्रिकेट, चेस, कैरम जैसे खेल भी खेलने को मिलता है. बच्चों को योग के जरिए ध्यान लगाने की भी ट्रेनिंग दी जाती है. यहां पढ़ने वाले बच्चों का कहना है कि यहां आकर काफी अच्छा लगा. यहां की पढ़ाई से हम बहुत कुछ नया सीख रहे हैं. गुरुकुल में पढ़ने वाले बच्चों ने अजुर्वेद और ऋग्वेद की संस्कृत श्लोकों को बड़े ही शानदार तरीके से सुनाया.
हमारा उद्देश्य है कि यहां से निकले छात्रों की मदद से हम फिर से भारत को विश्व गुरु बनाएं. जिस राम राज्य की हम बात करते हैं हम उसके लायक बनें. राम राज्य एक सोच और संस्कार है. गुरुकुल के जरिए हम बच्चों में यहीं संस्कार दे रहे हैं. - मदन मोहन उपाध्याय, प्रभारी, गुरुकुलम
''बच्चों में संस्कार और संस्कृति की रख रहे नींव'': जगत गुरुकुलम के प्रभारी मदन मोहन उपाध्याय का कहना है कि आधुनिक शिक्षा में संस्कार और संस्कृति काफी दूर चली गई है. संस्कार और संस्कृति को फिर से स्थापित करने के लिए गुरुकुल में बच्चों को शिक्षा दी जा रही है. गुरुकुलम में बच्चों को छठवीं से लेकर 12वीं तक आधुनिक शिक्षा के साथ ही वेद की शिक्षा पढ़ाई जा रही है. जिससे बच्चे वेद के बारे में भी जान सके जो आगे चलकर भारत की संस्कृति और संस्कार को समझकर भारत को विश्व गुरु बनाने में सहायक होंगे.
''ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद, अथर्ववेद की पढ़ाई'': श्री शंकराचार्य आश्रम के प्रमुख डॉक्टर इंदुभवानंद के मुताबिक आश्रम में जगत गुरुकुलम की स्थापना शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने की है. जहां पर आधुनिक शिक्षा के साथ ही चार वेद की पढ़ाई भी कराई जाती है. बच्चों की पढ़ाई लिखाई और खाने पीने का खर्च हम खुद करते हैं. जगत गुरुकुलम में ब्राह्मण परिवार के 108 बच्चों को लिया जाना है.
गौ, बुजुर्ग और वृक्ष सेवा भी सिखाया जाएगा: जिसमें वर्तमान में लगभग 60 बच्चे यहां पर पढ़ रहे हैं. श्री शंकराचार्य आश्रम के प्रमुख का कहना है कि आने वाले दिनों में शंकराचार्य की मंशा है कि 1008 बच्चों को रखा जाएगा. जिसमें एक बच्चे के साथ ही उनके माता-पिता एक गाय और एक वृक्ष होगा. बच्चा माता-पिता की सेवा करने के साथ ही गाय और वृक्ष की सेवा भी करेगा.