धमतरी: जिले के स्कूलों में अव्यवस्था की समस्या लंबे समय से चली आ रही है. इसके लिए बीच-बीच में आंदोलन भी होता रहा है. कहीं शिक्षक की कमी तो कहीं स्कूल भवन जर्जर है. इसकी लगातार शिकायत भी सामने आ रही है.
जर्जर स्कूल भवन में पढ़ रहे बच्चे: धमतरी जिले का वनांचल इलाका खल्लारी गांव, जिसे घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र भी कहा जाता है. यहां के स्थानीय निवासियों ने कई गंभीर आरोप लगाए हैं. लोगों के मुताबिक" यहां के सरकारी स्कूल के बच्चों की जान के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. यहां जर्जर स्कूल भवन के अंदर स्कूली बच्चों को पढ़ाया जा रहा है. क्लास रूम के छत का प्लास्टर अब गिरने की कगार पर है."
"जर्जर भवन में बच्चों को नहीं बैठाया जाता है, लेकिन पता नहीं आज कैसे बैठे है? भवन 2 से 3 साल से जर्जर स्थिति में है." -बाल कृष्ण, शिक्षक, खल्लारी
"मैं अभी इस क्षेत्र में नई-नई हूं. इससे पहले स्थानीय ध्रुव सर थे. मैंने बच्चों को जर्जर क्लॉस रूम में बैठने को मना किया था. फिर भी बच्चे कैसे बैठे पता नहीं. जर्जर भवन के मरम्मत के लिए कई बार आवेदन दिया जा चुका है." -प्रतिमा ध्रुव, प्रभारी प्राचार्य, खल्लारी शासकीय स्कूल
विधायक ने राज्य सरकार पर लगाया आरोप: इस पूरे मामले में सिहावा विधानसभा क्षेत्र की विधायक अम्बिका मरकाम ने कहा कि, "खल्लारी स्कूल भवन के लिए डीईओ से बात करेंगी. पूर्व की भूपेश बघेल की सरकार में स्कूलों के लिए विशेष ध्यान दिया गया था, लेकिन अभी 8 माह के विष्णु देव सरकार में विकास नहीं दिख रहा है. खल्लारी के स्कूल के लिए मैं बात करूंगी."
बता दें कि शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार धमतरी में जर्जर स्कूलों की संख्या 52 है. इनमें से 33 स्कूल काफी जर्जर अवस्था में है. इन स्कूलों के बारे में प्रशासन को जानकारी दी गई है, हालांकि अब तक स्कूल भवन निर्माण को लेकर शासन की ओर से कोई पहल नहीं की गई है.