पटना: मसौढ़ी प्रखंड के विभिन्न विद्यालयों में एक बार फिर से बच्चों के निवाले की हकमारी होने लगी है. दरअसल एक तरफ सरकार कुपोषण के खिलाफ पोषण का अभियान चलाकर गांव से लेकर शहर तक स्कूलों में आंगनबाड़ी केंद्रो में कुपोषित बच्चों को पोषण के प्रति जागरूक कर रही है. वहीं दूसरी ओर मसौढ़ी के मध्य विद्यालय हासांडीह में बच्चों के साथ मिड डे मील के नाम पर मजाक किया जा रहा है.
मिड डे मील में बच्चों की थाली से दाल गायब: मध्याह्न भोजन में बच्चों की थाली से दाल ही गायब मिला. मेन्यू के हिसाब से गुरुवार को चावल मिश्रित दाल और सब्जी है, लेकिन बच्चों के थाली में महज चावल और थोड़ी सी सब्जी दिखी. दाल तो पूरी तरह से गायब ही हो गया है. दाल बच्चों के पोषण के लिए बहुत जरूरी माना जाता है, क्योंकि दाल में प्रचुर मात्रा में प्रोटीन पाई जाती हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या ऐसे बच्चों को कुपोषण से बचाएंगे.?
"स्कूलों में मध्याह्न भोजन में काफी घपला घोटाला चल रहा है. रोजाना बच्चों के बीच बिना स्वाद का खाना दिया जा रहा है. गुरुवार को भी खिचड़ी दी गई थी. एकदम पानी जैसा था, दाल तो देता ही नहीं है सब्जी में भी कटौती होती है."- मोहन प्रसाद, हांसाडीह निवासी, मसौढ़ी
बीईओ ने दिया आश्वासन का भरोसा: यह उन शिक्षकों की लापरवाही है जो बच्चों के मध्याह्न भोजन का हक भी उनसे छीन रहे हैं और सरकार की योजनाओ पर भी कई सवाल खड़े कर रहे हैं. इस पूरे मामले में प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी राजेंद्र ठाकुर से बात की गई तो उन्होंने कहा कि जांच होगी और कार्रवाई होगी. शिक्षकों को मध्याह्न भोजन में मेन्यू के हिसाब से ही भोजन बनाने का निर्देश है. लापरवाही बरतने वाले शिक्षकों पर कार्रवाई होगी.
ग्रामीणों के द्वारा जानकारी दी गई है. तस्वीर मेरे पास आई है. जांच कर कार्रवाई करेंगे और सबसे पहले उनसे स्पष्टीकरण लिया जा रहा है कि किन परिस्थितियों में बच्चों के मध्याह्न भोजन में दाल नहीं दी गई. जांच उपरांत कार्रवाई होगी.- राजेंद्र ठाकुर, प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी, मसौढ़ी
"स्कूलों में मध्याह्न भोजन के गुणवत्ता पर काफी सवाल उठते हैं. काफी शिकायतें हमारे पास आ रही है. जिला प्रोग्राम पदाधिकारी को हमने पत्र लिखा है कि स्कूलों की जांच की जाए. बच्चों के बीच मिलने वाली मध्याह्न भोजन में कई अनियमितता दिख रही है."- सद्दाम हुसैन, प्रखंड प्रमुख, मसौढ़ी
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