मंडी: नगर निगम मंडी के वार्ड नंबर-2 में प्राकृतिक जल स्त्रोत शीतला बावड़ी का पानी दूषित पाया गया है. इस पानी को पीने के बाद कुछ बच्चे पीलिया का शिकार हुए हैं. इन बच्चों के संक्रमित होने के बाद नगर निगम हरकत में आया है. जल शक्ति विभाग के साथ मिलकर शहर की तीन बावड़ियों के सैंपल भरे गए हैं. जांच में वार्ड नंबर-2 में शीतला माता मंदिर के पास बनी बावड़ी का पानी दूषित पाया गया है.
सीएमओ जोनल अस्पताल मंडी डॉ. एनके भारद्वाज ने बताया कि दूषित पानी पीने के बाद पीलिया का शिकार हुए बच्चों में हेपेटाइटिस-ई के लक्षण पाए गए हैं. डॉ. एनके भारद्वाज ने बताया कि गर्मियों में दूषित पानी पीने से जल जनित रोंगों का खतरा बढ़ जाता है. उन्होंने लोगों से गर्मियों के मौसम में जल जनित रोगों से बचने के लिए पानी उबालकर पीने की सलाह दी है. जिला के सभी बीएमओ को भी प्राकृतिक जल स्रोतों की साफ-सफाई करवाने के आदेश दिए गए हैं, ताकि गर्मियों के मौसम में लोग जल जनित रोगों का शिकार होने से बच सकें.
नगर निगम ने भरे करवाई बावड़ी की सफाई
वहीं, नगर निगम मंडी के महापौर वीरेंद्र भट्ट शर्मा ने बताया कि शीतला बावड़ी के पानी के सैंपल फेल होने के बाद नगर निगम ने बावड़ी की साफ सफाई करवा दी है. इसके बाद फिर से दूसरी बार बावड़ी की पानी के सैंपल लिए गए हैं. जल शक्ति विभाग की ओर से दूसरी बावड़ियों के सैंपल भी लिए गए थे. जांच में ये सभी सैंपल सही पाए गए हैं. मंडी नगर निगम में 110 के करीब बावड़ियां और दूसरे प्राकृतिक जल स्त्रोत हैं. इनका जीर्णोद्धार और रख रखाव का काम नगर निगम के साथ जल शक्ति विभाग कर रहा है. उन्होंने लोगों से भी प्राकृतिक जल स्त्रोतों और बावड़ियों की साफ सफाई करने की अपील की है.
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