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विटामिन ए की कमी से बच्चों को बचाएं, नहीं तो आपका बच्चा रतौंधी का हो सकता है शिकार !

Child Protection Month campaign in Korba: कोरबा में विटामिन ए की कमी से बच्चों को बचाने के लिए स्वास्थ्य विभाग शिशु संरक्षण माह अभियान चला रहा है. इस अभियान के तहत प्रत्येक सप्ताह में दो दिन पांच साल के बच्चों को ये खुराक दी जा रही है.

Child Protection Month campaign
शिशु संरक्षण माह अभियान
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Feb 21, 2024, 8:17 PM IST

Updated : Feb 21, 2024, 11:06 PM IST

विटामिन ए की कमी से बच्चों को बचाएं

कोरबा: जिले में 5 साल तक के बच्चों को रतौंधी सहित अन्य बीमारियों से बचने के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से 1 माह का विशेष अभियान चलाया जा रहा है. अभियान के तहत जिले भर के आंगनबाड़ी और स्वास्थ्य केंद्रों में बच्चों को विटामिन ए की खुराक और आवश्यक टीके लगाए जा रहे हैं. इससे उन्हें आने वाले खतरों से बचाया जा सकेगा. दरअसल, 5 साल से कम उम्र के बच्चों में विटामिन ए की कमी पाई जाती है. विटामिन ए की कमी से बच्चे आसानी से किसी भी बीमारी की चपेट में आ जाते हैं. इससे बचने के लिए 22 मार्च तक स्वास्थ्य विभाग शिशु संरक्षण मनाया जा रहा है. इसकी शुरुआत जिले में भी की गई है.

पोषण न मिलने से बच्चों में बढ़ता है खतरा: बचपन में ही पोषण नहीं मिलने से बच्चों में रोगों से लड़ने की क्षमता विकसित नहीं हो पाती है. इसके लिए उन्हें मां का दूध, समय पर टीकाकरण और दवाइयों की आवश्यक खुराक पिलाई जानी चाहिए. ऐसा नहीं होने पर बच्चों में कुपोषण और रतौंधी जैसी बीमारी होने का खतरा रहता है. इसलिए वर्ष में दो बार शिशु संरक्षण माह मनाया जाता है. इसका पहला चरण बीते शुक्रवार से शुरू हुआ है. कुपोषण, रक्त की कमी, सांस की मुश्किलें और खासकर आंखों की रोशनी पर फोकस करते हुए विटामिन ए की खुराक भी बच्चों को दी जा रही है. ऐसे में 22 मार्च तक (शिशु सरक्षण माह) विटामिन ए सप्लीमेंट्री कार्यक्रम आयोजित किया गया है.

विटामिन ए के साथ ही आईएफए सिरप भी बच्चों को पिलाया जा रहा है. साथ ही उन्हें जरूरी टीके भी लगाये जा रहे हैं. बढ़ते हुए बच्चों के लिए विटामिन ए काफी जरूरी हो जाता है. बच्चे जब छोटे होते हैं, तब उन्हें पोषण युक्त भोजन और पर्याप्त मात्रा में कई बार मां का दूध नहीं मिल पाता. इससे उनमें विटामिन ए की कमी हो जाती है. विटामिन ए की कमी से रतौंधी का खतरा बढ़ जाता है. बच्चों का संपूर्ण विकास नहीं हो पता. बढ़ते उम्र में बच्चों के लिए पोषण युक्त खाना बेहद जरूरी है. सभी बच्चों को यह उपलब्ध नहीं हो पाता. यही कारण है स्वास्थ्य विभाग की ओर से हर साल दो बार शिशु संरक्षण माह चलाया जाता है. अभी भी ये अभियान चलाया जा रहा है. -डॉ दीपक सिंह राज, बीएमओ, कोरबा

प्रत्येक मंगल और शुक्रवार को मिलेगी खुराक: जिले के समस्त शहरी और ग्रामीण आंगनबाड़ी केन्द्रों, टीकाकरण केन्द्रों और स्वास्थ्य केन्द्रों में 9 माह से 5 साल तक के बच्चों को विटामिन-ए की खुराक दी जा रही है. 6 माह से 5 वर्ष तक के बच्चों को आईएफए सिरप पिलाया जा रहा है. साथ ही हितग्राहियों को आईएफए सिरप बांटा जाएगा. प्रत्येक मंगलवार और शुक्रवार को आयोजित होने वाले निर्धारित टीकाकरण सत्रों में यह कार्यक्रम किया जा रहा है.

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विटामिन ए की कमी से बच्चों को बचाएं

कोरबा: जिले में 5 साल तक के बच्चों को रतौंधी सहित अन्य बीमारियों से बचने के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से 1 माह का विशेष अभियान चलाया जा रहा है. अभियान के तहत जिले भर के आंगनबाड़ी और स्वास्थ्य केंद्रों में बच्चों को विटामिन ए की खुराक और आवश्यक टीके लगाए जा रहे हैं. इससे उन्हें आने वाले खतरों से बचाया जा सकेगा. दरअसल, 5 साल से कम उम्र के बच्चों में विटामिन ए की कमी पाई जाती है. विटामिन ए की कमी से बच्चे आसानी से किसी भी बीमारी की चपेट में आ जाते हैं. इससे बचने के लिए 22 मार्च तक स्वास्थ्य विभाग शिशु संरक्षण मनाया जा रहा है. इसकी शुरुआत जिले में भी की गई है.

पोषण न मिलने से बच्चों में बढ़ता है खतरा: बचपन में ही पोषण नहीं मिलने से बच्चों में रोगों से लड़ने की क्षमता विकसित नहीं हो पाती है. इसके लिए उन्हें मां का दूध, समय पर टीकाकरण और दवाइयों की आवश्यक खुराक पिलाई जानी चाहिए. ऐसा नहीं होने पर बच्चों में कुपोषण और रतौंधी जैसी बीमारी होने का खतरा रहता है. इसलिए वर्ष में दो बार शिशु संरक्षण माह मनाया जाता है. इसका पहला चरण बीते शुक्रवार से शुरू हुआ है. कुपोषण, रक्त की कमी, सांस की मुश्किलें और खासकर आंखों की रोशनी पर फोकस करते हुए विटामिन ए की खुराक भी बच्चों को दी जा रही है. ऐसे में 22 मार्च तक (शिशु सरक्षण माह) विटामिन ए सप्लीमेंट्री कार्यक्रम आयोजित किया गया है.

विटामिन ए के साथ ही आईएफए सिरप भी बच्चों को पिलाया जा रहा है. साथ ही उन्हें जरूरी टीके भी लगाये जा रहे हैं. बढ़ते हुए बच्चों के लिए विटामिन ए काफी जरूरी हो जाता है. बच्चे जब छोटे होते हैं, तब उन्हें पोषण युक्त भोजन और पर्याप्त मात्रा में कई बार मां का दूध नहीं मिल पाता. इससे उनमें विटामिन ए की कमी हो जाती है. विटामिन ए की कमी से रतौंधी का खतरा बढ़ जाता है. बच्चों का संपूर्ण विकास नहीं हो पता. बढ़ते उम्र में बच्चों के लिए पोषण युक्त खाना बेहद जरूरी है. सभी बच्चों को यह उपलब्ध नहीं हो पाता. यही कारण है स्वास्थ्य विभाग की ओर से हर साल दो बार शिशु संरक्षण माह चलाया जाता है. अभी भी ये अभियान चलाया जा रहा है. -डॉ दीपक सिंह राज, बीएमओ, कोरबा

प्रत्येक मंगल और शुक्रवार को मिलेगी खुराक: जिले के समस्त शहरी और ग्रामीण आंगनबाड़ी केन्द्रों, टीकाकरण केन्द्रों और स्वास्थ्य केन्द्रों में 9 माह से 5 साल तक के बच्चों को विटामिन-ए की खुराक दी जा रही है. 6 माह से 5 वर्ष तक के बच्चों को आईएफए सिरप पिलाया जा रहा है. साथ ही हितग्राहियों को आईएफए सिरप बांटा जाएगा. प्रत्येक मंगलवार और शुक्रवार को आयोजित होने वाले निर्धारित टीकाकरण सत्रों में यह कार्यक्रम किया जा रहा है.

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Last Updated : Feb 21, 2024, 11:06 PM IST
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