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चार साल का बच्चा कार में तड़पता रहा, पीटता रहा शीशा; डोर लॉक होने से घुटा दम; मौत - child locked in car - CHILD LOCKED IN CAR

मेरठ में एक 4 वर्षीय मासूम की कार में दम घुटने से मौत हो गई. परिजनों को बच्चे की लाश 3 घंटे बाद मिली. बच्चे को लेकर परिजन तुरंत अस्पताल लेकर पहुंचे. लेकिन, डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Apr 28, 2024, 9:15 AM IST

Updated : Apr 28, 2024, 9:49 AM IST

मेरठ: जिले में 4 साल के मासूम की धूप में खड़ी कार के अंदर दम घुटने से मौत हो गई. बच्चा मामा के यहा रहता था. घर के बाहर मामा के दोस्त की गाड़ी खड़ी थी. उस समय तेज धूप थी. बताया जा रहा है, कि बच्चा खेलते खेलते कार के अंदर बैठ गया. दरवाजा बंद होने की वजह से वह बाहर नहीं निकल सका. इसके चलते उसकी दम घुटने से मौत हो गई.

मामला गांव डूंगर का है. यहां रहने वाले नफीस खान की बेटी तमन्ना की शादी 10 साल पहले जिले के ही गांव शेखपुरा के रहने वाले सलीम से हुई थी. तमन्ना की 3 बेटियां और एक 4 साल का बेटा अरहान था. तमन्ना की 2 साल पहले मौत हो गई थी. इसके बाद से ही अरहान की परवरिश के लिए नाना नफीस उसे अपने गांव डूंगर ले आए थे, तभी से वह नाना के घर पर ही रह रहा था. अप्रेल महीने में ही नाना ने उसका स्कूल में एडमिशन करा दिया था.


इसे भी पढे़-मोबाइल पर गेम खेलते हुए कार में लॉक हुआ इकलौता बेटा, दम घुटने से मौत

शुक्रवार को नफीस के परिवार में एक शादी थी. जिसमें, कई रिश्तेदार आये हुए थे. वे लोग अपनी कार को साइड में खड़ा करके चले गये थे. इसी बीच अरहान खेलता हुआ घर से बाहर आ गया था. वह कार खोलकर अंदर बैठ गया. कार अचानक लॉक हो गई. कुछ देर बाद ही अरहान का दम घुट लगने लगा.
बच्चा कार के अंदर तड़पता रहा, शीशे को हाथ मरता रहा. लेकिन, किसी ने उसकी आवाज नहीं सुनी. परिवार के लोग उसकी तलाश कर रहे थे.

करीब 3 घंटे बाद जब एक रिश्तेदार ने अपने घर जाने के लिए कार का दरवाजा खोला था, तो अरहान अंदर अचेत था.वह सीट पर पड़ा था. इसके बाद घरवाले उसे अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. इसके बाद सूचना देकर अरहान के पिता सलीम को शेखपुरा से बुलाया गया. वह अरहान के शव को लेकर शेखपुरा ले गया और वही उसका सुपुर्द खाक किया गया.

मामा राहिल खान की मानें, तो अरहान तीन साल से उनके पास रह रहा था. उनके यहां शादी थी. रिश्तेदार आये हुए थे. इसी बीच हम लोग नमाज पढ़ने चले गए. बच्चा इस दौरान पता नहीं कैसे घर से निकला. खेलते खेलते कब गाड़ी के अंदर बैठ गया. दम घुटने से उसकी मौत हो गई. उनका कहना है कि हमें पता नहीं था कि वो कहां है. जब हमें वह घर में नहीं दिखा, तो हमनें उसे ढूंढना शुरू किया. जिसके बाद उसे गाड़ी में देखा, तो वह बेहोशी की हालत में अंदर पड़ा हुआ था.

कार में बच्चा हो जाए लॉक तो ये करें काम

1- पुलिस और एम्बुलेंस को कॉल करें ताकि, बच्चों को कार से निकालने में मदद मिल सके.

2- कार के शीशे और बॉडी पर पानी डालें या गीले कपड़े से कार का स्टील स्पेस ढक दें. ऐसा करने से कार के अंदर का टेम्प्रेचर नॉर्मल रहेगा. NRMA के मुताबिक, ऐसा करने पर कार के अंदर का टेम्प्रेचर 10 डिग्री तक कम किया जा सकता है.

3- अगर कार धूप में खड़ी है और बच्चे को लॉक हुए 5 से 10 मिनट का समय हो गया है. और आपके पास चाभी ना हो, तो बिना देर किए दरवाजा तोड़ने या खोलने का काम करें.

4-ध्यान रहे विंडो को ब्रेक करने के लिए धीरे-धीरे हथौड़ा मारें ताकि बच्चा कार के भीतर चोटिल न हो.

5- कार का शीशा तोड़ते समय हमेशा बच्चा जहां बैठा हो, उसकी विपरीत दिशा का शीशा ही तोड़े. अगर बच्चा कार के आगे की सीट पर बैठा हो तो पीछे का शीशा तोड़ें. वहीं, पीछे की सीट पर होने की कंडीशन में आगे के गेट का विंडो इतने ही डिग्री के साथ तोड़ें. ध्यान रहे हथौड़े या औजार को 110-130 डिग्री के एंगल पर रखते हुए ही शीशे पर मारें.

6- ज्यादा देर तक कार के अंदर रहने से बच्चे की सांस फूलने लगती है. ऐसे में बच्चे को बाहर निकालने के बाद तुरंत उसे ठंडे टेम्प्रेचर में ना ले जाएं. ना ही ठंडा पानी पिलाएं. ऐसा करने पर निमोनिया हो सकता है.


यह भी पढ़े-यूपी में रफ्तार का कहर: कानपुर और प्रतापगढ़ में दो महिलाओं समेत 6 लोगों की मौत - Accident In Kanpur And Pratapgarh

मेरठ: जिले में 4 साल के मासूम की धूप में खड़ी कार के अंदर दम घुटने से मौत हो गई. बच्चा मामा के यहा रहता था. घर के बाहर मामा के दोस्त की गाड़ी खड़ी थी. उस समय तेज धूप थी. बताया जा रहा है, कि बच्चा खेलते खेलते कार के अंदर बैठ गया. दरवाजा बंद होने की वजह से वह बाहर नहीं निकल सका. इसके चलते उसकी दम घुटने से मौत हो गई.

मामला गांव डूंगर का है. यहां रहने वाले नफीस खान की बेटी तमन्ना की शादी 10 साल पहले जिले के ही गांव शेखपुरा के रहने वाले सलीम से हुई थी. तमन्ना की 3 बेटियां और एक 4 साल का बेटा अरहान था. तमन्ना की 2 साल पहले मौत हो गई थी. इसके बाद से ही अरहान की परवरिश के लिए नाना नफीस उसे अपने गांव डूंगर ले आए थे, तभी से वह नाना के घर पर ही रह रहा था. अप्रेल महीने में ही नाना ने उसका स्कूल में एडमिशन करा दिया था.


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शुक्रवार को नफीस के परिवार में एक शादी थी. जिसमें, कई रिश्तेदार आये हुए थे. वे लोग अपनी कार को साइड में खड़ा करके चले गये थे. इसी बीच अरहान खेलता हुआ घर से बाहर आ गया था. वह कार खोलकर अंदर बैठ गया. कार अचानक लॉक हो गई. कुछ देर बाद ही अरहान का दम घुट लगने लगा.
बच्चा कार के अंदर तड़पता रहा, शीशे को हाथ मरता रहा. लेकिन, किसी ने उसकी आवाज नहीं सुनी. परिवार के लोग उसकी तलाश कर रहे थे.

करीब 3 घंटे बाद जब एक रिश्तेदार ने अपने घर जाने के लिए कार का दरवाजा खोला था, तो अरहान अंदर अचेत था.वह सीट पर पड़ा था. इसके बाद घरवाले उसे अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. इसके बाद सूचना देकर अरहान के पिता सलीम को शेखपुरा से बुलाया गया. वह अरहान के शव को लेकर शेखपुरा ले गया और वही उसका सुपुर्द खाक किया गया.

मामा राहिल खान की मानें, तो अरहान तीन साल से उनके पास रह रहा था. उनके यहां शादी थी. रिश्तेदार आये हुए थे. इसी बीच हम लोग नमाज पढ़ने चले गए. बच्चा इस दौरान पता नहीं कैसे घर से निकला. खेलते खेलते कब गाड़ी के अंदर बैठ गया. दम घुटने से उसकी मौत हो गई. उनका कहना है कि हमें पता नहीं था कि वो कहां है. जब हमें वह घर में नहीं दिखा, तो हमनें उसे ढूंढना शुरू किया. जिसके बाद उसे गाड़ी में देखा, तो वह बेहोशी की हालत में अंदर पड़ा हुआ था.

कार में बच्चा हो जाए लॉक तो ये करें काम

1- पुलिस और एम्बुलेंस को कॉल करें ताकि, बच्चों को कार से निकालने में मदद मिल सके.

2- कार के शीशे और बॉडी पर पानी डालें या गीले कपड़े से कार का स्टील स्पेस ढक दें. ऐसा करने से कार के अंदर का टेम्प्रेचर नॉर्मल रहेगा. NRMA के मुताबिक, ऐसा करने पर कार के अंदर का टेम्प्रेचर 10 डिग्री तक कम किया जा सकता है.

3- अगर कार धूप में खड़ी है और बच्चे को लॉक हुए 5 से 10 मिनट का समय हो गया है. और आपके पास चाभी ना हो, तो बिना देर किए दरवाजा तोड़ने या खोलने का काम करें.

4-ध्यान रहे विंडो को ब्रेक करने के लिए धीरे-धीरे हथौड़ा मारें ताकि बच्चा कार के भीतर चोटिल न हो.

5- कार का शीशा तोड़ते समय हमेशा बच्चा जहां बैठा हो, उसकी विपरीत दिशा का शीशा ही तोड़े. अगर बच्चा कार के आगे की सीट पर बैठा हो तो पीछे का शीशा तोड़ें. वहीं, पीछे की सीट पर होने की कंडीशन में आगे के गेट का विंडो इतने ही डिग्री के साथ तोड़ें. ध्यान रहे हथौड़े या औजार को 110-130 डिग्री के एंगल पर रखते हुए ही शीशे पर मारें.

6- ज्यादा देर तक कार के अंदर रहने से बच्चे की सांस फूलने लगती है. ऐसे में बच्चे को बाहर निकालने के बाद तुरंत उसे ठंडे टेम्प्रेचर में ना ले जाएं. ना ही ठंडा पानी पिलाएं. ऐसा करने पर निमोनिया हो सकता है.


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Last Updated : Apr 28, 2024, 9:49 AM IST
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