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फसलों के नुकसान का मुआवजा देने में लापरवाही पर सीएम सख्त, 17 जिलों के अधिकारियों से जवाब तलब

उत्तर प्रदेश के किसानों की फसलों के नुकसान का मुआवजा (Compensation for Crop Loss) देने में लापरवाही पर बरतने पर सीएम योगी ने सख्त नाराजगी जाहिर की है. योगी के निर्देश पर 17 जिलों के अधिकारियों से जवाब तलब किया गया है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 30, 2024, 5:38 PM IST

लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने फसलों के नुकसान का मुआवजा देने में लापरवाही बरतने पर नाराजगी जताई है. सीएम योगी ने 17 जिलों के अधिकारियों से जवाब तलब किया है. शासन की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि मुख्यमंत्री ने हाल ही में विभिन्न आपदाओं से क्षतिग्रस्त हुई फसलों के मुआवजे और अन्य राहत को लेकर समीक्षा की थी. इस दौरान उन्होंने त्रुटियों के कारण फसलों के नुकसान के दोबारा सत्यापन में लापरवाही और मुआवजा नहीं देने पर नाराजगी जताई थी और अधिकारियों को ऐसे मामलों में तत्काल सत्यापन कराकर किसानों को मुआवजा राशि प्रदान करने के स्पष्ट निर्देश दिए थे. मामलों में तकनीकी कमियों के कारण कुछ किसानों की फसलों का सत्यापन पूर्ण नहीं हो सका है और दोबारा सत्यापन नहीं किया गया. जिससे कुछ किसान सरकार द्वारा प्रदान की जाने वाली राहत और मुआवजा राशि प्राप्त नहीं कर सके हैं.


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समीक्षा बैठक में पाया कि वित्तीय वर्ष 2021-22 और वर्ष 2022-23 में आपदाओं से क्षतिग्रस्त फसलों से प्रभावित हजारों किसानों को डाटा फीडिंग के दौरान आधार, खाता संख्या और डुप्लीकेसी के कारण मुआवजे का भुगतान नहीं किया जा सका. सीएम योगी के निर्देश के बाद भी प्रदेश के कई जिलों के अधिकारियों ने क्षतिग्रस्त फसलों से प्रभावित किसानों का सर्वे नहीं कराया. इसकी वजह से समय से किसानों को मुआवजा नहीं मिल सका. इस पर उन्होंने नाराजगी जाहिर करते हुए कड़ी फटकार लगाई है. उन्होंने लापरवाह 17 एडीएम एफआर से जवाब तलब करते हुए कड़ा एक्शन लेने के निर्देश दिए हैं. सीएम योगी की नाराजगी के बाद हरकत में अधिकारियों ने अपने-अपने जिले में मुआवजे से वंचित किसानों का दोबारा सर्वे कराकर शासन से बजट की डिमांड की है.

अपर मुख्य सचिव राजस्व सुधीर गर्ग ने बताया कि प्रदेश के विभिन्न जिलों से क्षतिग्रस्त फसलों से प्रभावित वंचित किसानों को तत्काल मुआवजा देने के लिए डिमांड के अनुसार धनराशि उपलब्ध कराई जा रही है. अभी तक 35 करोड़ से अधिक की धनराशि का भुगतान किया जा चुका है. साथ ही विभिन्न जिलों के जिलाधिकारियों को जल्द से जल्द मुआवजे से छूटे किसानों का सत्यापन कराकर धनराशि के डिमांड के निर्देश दिए गए हैं. मुख्यमंत्री के निर्देश पर 17 जिलों के एडीएम एफआर से लापरवाही पर जवाब तलब किया गया है. इनमें अलीगढ़, हाथरस, बाराबंकी, मऊ, बरेली, बदांयू, अंबेडकरनगर, शाहजहांपुर, महोबा, देवरिया, कुशीनगर, महाराजगंज, झांसी, ललितपुर, गाजियाबाद, बिजनौर और कौशांबी के एडीएम एफआर शामिल हैं. सभी एडीएम को एक हफ्ते में अपना जवाब शासन को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं. सभी एडीएम से जवाब मिलते ही रिपोर्ट मुख्यमंत्री के समक्ष प्रस्तुत की जाएगी.

राहत आयुक्त जीएस नवीन ने बताया कि बाढ़, ओलावृष्टि और बेमौसम बारिश से 33 प्रतिशत से अधिक क्षतिग्रस्त फसलों से प्रभावित किसानों को मुआवजा दिया जाता है. सीएम योगी के निर्देश पर किसानों को मुआवजा धनराशि सर्वे के 24 घंटे में डीबीटी के माध्यम से उनके खातों में भेजी जा रही है. वर्ष 2021-22 में प्रदेश के 75 जिलों के क्षतिग्रस्त फसलों से प्रभावित 13 लाख 97 हजार 480 से अधिक किसानों को 5 अरब 8 करोड़ 31 लाख 80 हजार 715 रुपये से अधिक की सहायता धनराशि दी गई. वर्ष 2022-23 में 10 लाख 44 हजार 387 से अधिक किसानों को चार अरब 25 करोड़ 22 लाख 41 हजार 276 रुपये से अधिक की सहायता धनराशि दी गई, जबकि वर्तमान वित्तीय वर्ष में जनवरी तक एक लाख 87 हजार 845 से अधिक किसानों को 80 करोड़ 88 लाख 68 हजार 299 रुपये से अधिक की सहायता धनराशि वितरित की जा चुकी है.


यह भी पढ़ें : उत्तराखंड में विवादों के 'अधिकारी' हैं ये अफसर, कोई गया जेल, कईयों पर निलंबन के साथ लटकी जांच की 'तलवार'
सीएम योगी ने राजस्व मामलों में लापरवाही पर एक दर्जन District Magistrates से मांगा स्पष्टीकरण

लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने फसलों के नुकसान का मुआवजा देने में लापरवाही बरतने पर नाराजगी जताई है. सीएम योगी ने 17 जिलों के अधिकारियों से जवाब तलब किया है. शासन की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि मुख्यमंत्री ने हाल ही में विभिन्न आपदाओं से क्षतिग्रस्त हुई फसलों के मुआवजे और अन्य राहत को लेकर समीक्षा की थी. इस दौरान उन्होंने त्रुटियों के कारण फसलों के नुकसान के दोबारा सत्यापन में लापरवाही और मुआवजा नहीं देने पर नाराजगी जताई थी और अधिकारियों को ऐसे मामलों में तत्काल सत्यापन कराकर किसानों को मुआवजा राशि प्रदान करने के स्पष्ट निर्देश दिए थे. मामलों में तकनीकी कमियों के कारण कुछ किसानों की फसलों का सत्यापन पूर्ण नहीं हो सका है और दोबारा सत्यापन नहीं किया गया. जिससे कुछ किसान सरकार द्वारा प्रदान की जाने वाली राहत और मुआवजा राशि प्राप्त नहीं कर सके हैं.


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समीक्षा बैठक में पाया कि वित्तीय वर्ष 2021-22 और वर्ष 2022-23 में आपदाओं से क्षतिग्रस्त फसलों से प्रभावित हजारों किसानों को डाटा फीडिंग के दौरान आधार, खाता संख्या और डुप्लीकेसी के कारण मुआवजे का भुगतान नहीं किया जा सका. सीएम योगी के निर्देश के बाद भी प्रदेश के कई जिलों के अधिकारियों ने क्षतिग्रस्त फसलों से प्रभावित किसानों का सर्वे नहीं कराया. इसकी वजह से समय से किसानों को मुआवजा नहीं मिल सका. इस पर उन्होंने नाराजगी जाहिर करते हुए कड़ी फटकार लगाई है. उन्होंने लापरवाह 17 एडीएम एफआर से जवाब तलब करते हुए कड़ा एक्शन लेने के निर्देश दिए हैं. सीएम योगी की नाराजगी के बाद हरकत में अधिकारियों ने अपने-अपने जिले में मुआवजे से वंचित किसानों का दोबारा सर्वे कराकर शासन से बजट की डिमांड की है.

अपर मुख्य सचिव राजस्व सुधीर गर्ग ने बताया कि प्रदेश के विभिन्न जिलों से क्षतिग्रस्त फसलों से प्रभावित वंचित किसानों को तत्काल मुआवजा देने के लिए डिमांड के अनुसार धनराशि उपलब्ध कराई जा रही है. अभी तक 35 करोड़ से अधिक की धनराशि का भुगतान किया जा चुका है. साथ ही विभिन्न जिलों के जिलाधिकारियों को जल्द से जल्द मुआवजे से छूटे किसानों का सत्यापन कराकर धनराशि के डिमांड के निर्देश दिए गए हैं. मुख्यमंत्री के निर्देश पर 17 जिलों के एडीएम एफआर से लापरवाही पर जवाब तलब किया गया है. इनमें अलीगढ़, हाथरस, बाराबंकी, मऊ, बरेली, बदांयू, अंबेडकरनगर, शाहजहांपुर, महोबा, देवरिया, कुशीनगर, महाराजगंज, झांसी, ललितपुर, गाजियाबाद, बिजनौर और कौशांबी के एडीएम एफआर शामिल हैं. सभी एडीएम को एक हफ्ते में अपना जवाब शासन को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं. सभी एडीएम से जवाब मिलते ही रिपोर्ट मुख्यमंत्री के समक्ष प्रस्तुत की जाएगी.

राहत आयुक्त जीएस नवीन ने बताया कि बाढ़, ओलावृष्टि और बेमौसम बारिश से 33 प्रतिशत से अधिक क्षतिग्रस्त फसलों से प्रभावित किसानों को मुआवजा दिया जाता है. सीएम योगी के निर्देश पर किसानों को मुआवजा धनराशि सर्वे के 24 घंटे में डीबीटी के माध्यम से उनके खातों में भेजी जा रही है. वर्ष 2021-22 में प्रदेश के 75 जिलों के क्षतिग्रस्त फसलों से प्रभावित 13 लाख 97 हजार 480 से अधिक किसानों को 5 अरब 8 करोड़ 31 लाख 80 हजार 715 रुपये से अधिक की सहायता धनराशि दी गई. वर्ष 2022-23 में 10 लाख 44 हजार 387 से अधिक किसानों को चार अरब 25 करोड़ 22 लाख 41 हजार 276 रुपये से अधिक की सहायता धनराशि दी गई, जबकि वर्तमान वित्तीय वर्ष में जनवरी तक एक लाख 87 हजार 845 से अधिक किसानों को 80 करोड़ 88 लाख 68 हजार 299 रुपये से अधिक की सहायता धनराशि वितरित की जा चुकी है.


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