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आरटीओ कार्यालय में पासपोर्ट ऑफिस की तरह मिलेंगी हाईटेक सुविधाएं, फर्जी लाइसेंस पर लगेगी रोक, CM योगी ने अफसरों को दिए निर्देश - Chief Minister Yogi Adityanath - CHIEF MINISTER YOGI ADITYANATH

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने परिवहन विभाग की समीक्षा बैठक (Chief Minister Yogi Adityanath) की. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए की फर्जी लाइसेंस न बनने पाए.

CM YOGI ने की परिवहन विभाग की समीक्षा
CM YOGI ने की परिवहन विभाग की समीक्षा (Photo credit: ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Aug 14, 2024, 11:54 AM IST

लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आरटीओ कार्यालयों में पासपोर्ट कार्यालयों की तरह सुविधाएं मुहैया कराने के निर्देश दिए हैं. मंगलवार को देर रात परिवहन निगम एवं परिवहन विभाग की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि आरटीओ कार्यालयों में जनता से जुड़ी सुविधाएं बढ़ाएं. लोगों को अनावश्यक प्रतीक्षा न करनी पड़े. तकनीक का सहारा लें और सभी प्रक्रिया आसान करें.

मुख्यमंत्री ने कहा कि फर्जी लाइसेंस किसी भी स्थिति में न बनने पाए. आरटीओ ऑफिस में बाहरी व्यक्तियों की उपस्थिति नहीं होनी चाहिए. पासपोर्ट कार्यालय की तरह ही सभी आरटीओ कार्यालयों में सुविधाएं जनता को दी जाएं. टेक्नोलॉजी का प्रयोग करते हुए प्रदेश के आरटीओ कार्यालयों को हाईटेक बनाएं. मुख्यमंत्री ने कहा कि ई चालान लागू करने वाला यूपी पहला राज्य है, सीधे जनता से जुड़ा होने के कारण परिवहन विभाग बहुत महत्वपूर्ण विभाग है.

ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए सारथी ऐप एवं पोर्टल की तरह प्रदेश में ज्यादा से ज्यादा फेसलेस सर्विसेज करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि स्कूली बच्चों के जीवन के साथ किसी भी तरह का खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, वह देश का भविष्य हैं. सुरक्षा की दृष्टि से अभियान चलाकर स्कूली वाहनों का फिटनेस टेस्ट कराएं.

मुख्यमंत्री ने कहा कि डग्गामार वाहन सड़कों पर न चलें, इसकी रोक हर हाल में हो और गृह, खनन और परिवहन विभाग टास्क फोर्स बनाकर ओवरलोडिंग करने वाले वाहनों पर भी कार्रवाई करें. नई स्क्रैप पॉलिसी को और प्रभावी बनाकर लागू किया जाए. कंडम वाहनों को जल्द स्क्रैप कर दें, जिससे प्रदूषण का स्तर कम किया जा सके. मुख्यमंत्री ने कहा कि अगले वर्ष 2025 में होने वाला महाकुंभ दिव्य और भव्य होगा.

देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों को यात्रा में कोई असुविधा न हो इसके लिए सात हजार डेडीकेटेड बसों का संचालन किया जाए. चालकों एवं परिचालकों की सही ट्रेनिंग कराई जाए. प्रदेश में नए बस स्टेशनों का निर्माण और डिजाइन ऐसे करें जिससे उनमें उत्तर प्रदेश की कला एवं संस्कृति की झलक लोगों को दिख सके.

यह भी पढ़ें : जलजीवन मिशन की समीक्षा ; योगी बोले-हर गांव में शुद्ध पेयजल की व्यवस्था जल्द करें - Jaljeevan Mission

यह भी पढ़ें : यूपी की 10 सीटों पर उपचुनाव; भाजपा 9 सीटों पर लड़ेगी चुनाव, एक सीट रालोद को देगी - UP By Election

लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आरटीओ कार्यालयों में पासपोर्ट कार्यालयों की तरह सुविधाएं मुहैया कराने के निर्देश दिए हैं. मंगलवार को देर रात परिवहन निगम एवं परिवहन विभाग की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि आरटीओ कार्यालयों में जनता से जुड़ी सुविधाएं बढ़ाएं. लोगों को अनावश्यक प्रतीक्षा न करनी पड़े. तकनीक का सहारा लें और सभी प्रक्रिया आसान करें.

मुख्यमंत्री ने कहा कि फर्जी लाइसेंस किसी भी स्थिति में न बनने पाए. आरटीओ ऑफिस में बाहरी व्यक्तियों की उपस्थिति नहीं होनी चाहिए. पासपोर्ट कार्यालय की तरह ही सभी आरटीओ कार्यालयों में सुविधाएं जनता को दी जाएं. टेक्नोलॉजी का प्रयोग करते हुए प्रदेश के आरटीओ कार्यालयों को हाईटेक बनाएं. मुख्यमंत्री ने कहा कि ई चालान लागू करने वाला यूपी पहला राज्य है, सीधे जनता से जुड़ा होने के कारण परिवहन विभाग बहुत महत्वपूर्ण विभाग है.

ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए सारथी ऐप एवं पोर्टल की तरह प्रदेश में ज्यादा से ज्यादा फेसलेस सर्विसेज करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि स्कूली बच्चों के जीवन के साथ किसी भी तरह का खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, वह देश का भविष्य हैं. सुरक्षा की दृष्टि से अभियान चलाकर स्कूली वाहनों का फिटनेस टेस्ट कराएं.

मुख्यमंत्री ने कहा कि डग्गामार वाहन सड़कों पर न चलें, इसकी रोक हर हाल में हो और गृह, खनन और परिवहन विभाग टास्क फोर्स बनाकर ओवरलोडिंग करने वाले वाहनों पर भी कार्रवाई करें. नई स्क्रैप पॉलिसी को और प्रभावी बनाकर लागू किया जाए. कंडम वाहनों को जल्द स्क्रैप कर दें, जिससे प्रदूषण का स्तर कम किया जा सके. मुख्यमंत्री ने कहा कि अगले वर्ष 2025 में होने वाला महाकुंभ दिव्य और भव्य होगा.

देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों को यात्रा में कोई असुविधा न हो इसके लिए सात हजार डेडीकेटेड बसों का संचालन किया जाए. चालकों एवं परिचालकों की सही ट्रेनिंग कराई जाए. प्रदेश में नए बस स्टेशनों का निर्माण और डिजाइन ऐसे करें जिससे उनमें उत्तर प्रदेश की कला एवं संस्कृति की झलक लोगों को दिख सके.

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