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'मुख्यमंत्री उद्यमी योजना से 40 हजार युवाओं को मिला लाभ, सरकार का लक्ष्य 50 हजार तक पहुंचना'- उद्योग मंत्री - Chief Minister Udyami Yojana - CHIEF MINISTER UDYAMI YOJANA

nitish mishra बिहार में बेरोजगारी की समस्या से जूझते युवाओं के लिए सरकार ने एक नई उम्मीद जगाई है. राज्य सरकार, मुख्यमंत्री उद्यमी योजना और लघु उद्यम योजना के तहत युवाओं को व्यवसाय शुरू करने के लिए आर्थिक सहायता प्रदान कर रही है. इन योजनाओं का उद्देश्य राज्य के युवाओं को आत्मनिर्भर बनाना और बिहार में उद्यमिता को बढ़ावा देना है, ताकि वे अपनी आर्थिक स्थिति को सशक्त कर सकें और रोजगार के नए अवसर पैदा कर सकें. पढ़ें, विस्तार से.

नीतीश मिश्रा, उद्योग मंत्री
नीतीश मिश्रा, उद्योग मंत्री. (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Aug 8, 2024, 5:07 PM IST

नीतीश मिश्रा, उद्योग मंत्री. (ETV Bharat)

पटनाः बिहार सरकार ज्यादा से ज्यादा लोगों को स्वरोजगार करने का अवसर प्रदान कर रही है. राज्य सरकार, मुख्यमंत्री उद्यमी योजना और लघु उद्यम योजना के तहत युवाओं को व्यवसाय शुरू करने के लिए आर्थिक सहायता प्रदान कर रही है. बिहार में अभी तक इस योजना का लाभ 40 हजार युवाओं को मिल चुका है. सरकार का लक्ष्य है कि यह संख्या 50 हजार तक पहुंचे. उद्योग मंत्री नीतीश मिश्रा ने कहा कि इस साल अभी तक पांच लाख लोगों ने उद्यमी योजना को लेकर रेजिस्ट्रेशन करवाए हैं.

"बिहार में हर साल उद्यमी योजना को लेकर काम किया जा रहा है. इस बार विभिन कैटोगरी में 9240 लोगों को इस बात लोन देना है, जिसमें दो हजार युवाओं को, दो हजार महिलाओं को, दो हजार ओबीसी कैटोगेरी के लोगों को, दो हजार अनुसूचित जाति जनजाति के लोगों को और एक हजार दो सौ चालीस अल्पसंख्यकों को लोन दिया जायेगा."- नीतीश मिश्रा, उद्योग मंत्री, बिहार सरकार

लघु उद्यम योजनाः मुख्यमंत्री ने जातीय गणना के बाद बिहार में आर्थिक रूप से पिछड़े परिवार को लघु उद्यम योजना के तहत दो लाख रुपए लोन देने की घोषणा की थी, इस सवाल पर उद्योग मंत्री ने कहा कि फरवरी में इसको लेकर पोर्टल के जरिए आवेदन भी मांगे गए थे. मंत्री ने कहा कि इस योजना के तहत 40 हजार लोगों को लोन की पहली किस्त दी गई है. उन्होंने कहा की इस योजना को लेकर इस साल वित्तीय वर्ष को लेकर जल्द ही आवेदन भी आमंत्रित किए जाएंगे.

रोजगार देना उद्देश्यः नीतीश मिश्रा ने कहा कि लघु उद्यम योजना के तहत इस योजना के तहत 40 हजार लोगों को लोन दिया जा चुका है. उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य है ज्यादा से ज्यादा युवाओं को स्वरोजगार का मौका मिले. साथ ही ऐसे उद्योग के जरिए अन्य युवाओं को भी रोजगार मिले. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री उद्यमी योजना और लघु उद्यम योजना के तहत स्वरोजगार को लेकर विभाग लगातार काम कर रहा है. जल्द ही लघु उद्यम योजना के लोन के लिए भी आवेदन आमंत्रित किए जाएंगे.

क्या है योजनाः वर्ष 2016 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उद्यमी योजना की शुरुआत की थी. इस योजना के तहत युवाओं को उद्योग विभाग द्वारा उद्योग लगाने के लिए 10 लाख रुपए का लोन दिया जाता है. जिसमे पांच लाख रुपए की सब्सिडी दी जाती है. लाभुक को पांच लाख रुपए ही वापस करने होते हैं, जिसे लाभुक को 84 किस्त में यानी सात वर्ष में लौटाने होते हैं. इस योजना के तहत पांच लाख की राशि के लिए युवाओं को एक प्रतिशत ब्याज के साथ राशि जमा करना होता है. अन्य केटोगरी के लोगों को ब्याज मुक्त लोन दिया जाता है.

कब तक कर सकते हैं आवेदनः इस बार भी उद्योग विभाग के द्वारा उद्यमी लोन देने की घोषणा की गई है. इसको लेकर आवेदन लिए जा रहे हैं. एक जुलाई से आवेदन लिए जा रहे हैं. 16 अगस्त तक आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि निर्धारित की गई है. इस योजना का मुख्य उद्देश्य युवाओं को स्वरोजगार को लेकर प्रेरित करना है. फिलहाल बिहार में इस लोन को लेकर 4 लाख 60 हजार से ज्यादा आवेदन आ जा चुके हैं. इस योजना के तहत रैंडम लॉटरी सिस्टम से लाभुकों का चयन किया जाता है.

कैसे मिलती है राशिः इस योजना के तहत चुने गए लाभुक को सरकार पहली किस्त में 25 प्रतिशत की राशि देती है. साथ ही जो सामान उन्हें उद्योग लगाने के लिए चाहिए उसके लिए भी राशि दूसरी किस्त के दे दी जाती है. चुने हुए लोगों को उद्योग विभाग पहले एक सप्ताह की ट्रेनिंग देता है. ट्रेनिंग के लिए लाभुको को पहुंचना अनिवार्य रहता है. जिला उद्योग केंद्र में ट्रेनिंग के पश्चात उन्हें उद्योग लगाने के लिए जितने पैसे को जरूरत होती है वो उपलब्ध कराया जाता है. उद्योग शुरू होने के बाद जिला उद्योग विभाग इसकी मॉनिटरिंग करता है.

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नीतीश मिश्रा, उद्योग मंत्री. (ETV Bharat)

पटनाः बिहार सरकार ज्यादा से ज्यादा लोगों को स्वरोजगार करने का अवसर प्रदान कर रही है. राज्य सरकार, मुख्यमंत्री उद्यमी योजना और लघु उद्यम योजना के तहत युवाओं को व्यवसाय शुरू करने के लिए आर्थिक सहायता प्रदान कर रही है. बिहार में अभी तक इस योजना का लाभ 40 हजार युवाओं को मिल चुका है. सरकार का लक्ष्य है कि यह संख्या 50 हजार तक पहुंचे. उद्योग मंत्री नीतीश मिश्रा ने कहा कि इस साल अभी तक पांच लाख लोगों ने उद्यमी योजना को लेकर रेजिस्ट्रेशन करवाए हैं.

"बिहार में हर साल उद्यमी योजना को लेकर काम किया जा रहा है. इस बार विभिन कैटोगरी में 9240 लोगों को इस बात लोन देना है, जिसमें दो हजार युवाओं को, दो हजार महिलाओं को, दो हजार ओबीसी कैटोगेरी के लोगों को, दो हजार अनुसूचित जाति जनजाति के लोगों को और एक हजार दो सौ चालीस अल्पसंख्यकों को लोन दिया जायेगा."- नीतीश मिश्रा, उद्योग मंत्री, बिहार सरकार

लघु उद्यम योजनाः मुख्यमंत्री ने जातीय गणना के बाद बिहार में आर्थिक रूप से पिछड़े परिवार को लघु उद्यम योजना के तहत दो लाख रुपए लोन देने की घोषणा की थी, इस सवाल पर उद्योग मंत्री ने कहा कि फरवरी में इसको लेकर पोर्टल के जरिए आवेदन भी मांगे गए थे. मंत्री ने कहा कि इस योजना के तहत 40 हजार लोगों को लोन की पहली किस्त दी गई है. उन्होंने कहा की इस योजना को लेकर इस साल वित्तीय वर्ष को लेकर जल्द ही आवेदन भी आमंत्रित किए जाएंगे.

रोजगार देना उद्देश्यः नीतीश मिश्रा ने कहा कि लघु उद्यम योजना के तहत इस योजना के तहत 40 हजार लोगों को लोन दिया जा चुका है. उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य है ज्यादा से ज्यादा युवाओं को स्वरोजगार का मौका मिले. साथ ही ऐसे उद्योग के जरिए अन्य युवाओं को भी रोजगार मिले. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री उद्यमी योजना और लघु उद्यम योजना के तहत स्वरोजगार को लेकर विभाग लगातार काम कर रहा है. जल्द ही लघु उद्यम योजना के लोन के लिए भी आवेदन आमंत्रित किए जाएंगे.

क्या है योजनाः वर्ष 2016 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उद्यमी योजना की शुरुआत की थी. इस योजना के तहत युवाओं को उद्योग विभाग द्वारा उद्योग लगाने के लिए 10 लाख रुपए का लोन दिया जाता है. जिसमे पांच लाख रुपए की सब्सिडी दी जाती है. लाभुक को पांच लाख रुपए ही वापस करने होते हैं, जिसे लाभुक को 84 किस्त में यानी सात वर्ष में लौटाने होते हैं. इस योजना के तहत पांच लाख की राशि के लिए युवाओं को एक प्रतिशत ब्याज के साथ राशि जमा करना होता है. अन्य केटोगरी के लोगों को ब्याज मुक्त लोन दिया जाता है.

कब तक कर सकते हैं आवेदनः इस बार भी उद्योग विभाग के द्वारा उद्यमी लोन देने की घोषणा की गई है. इसको लेकर आवेदन लिए जा रहे हैं. एक जुलाई से आवेदन लिए जा रहे हैं. 16 अगस्त तक आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि निर्धारित की गई है. इस योजना का मुख्य उद्देश्य युवाओं को स्वरोजगार को लेकर प्रेरित करना है. फिलहाल बिहार में इस लोन को लेकर 4 लाख 60 हजार से ज्यादा आवेदन आ जा चुके हैं. इस योजना के तहत रैंडम लॉटरी सिस्टम से लाभुकों का चयन किया जाता है.

कैसे मिलती है राशिः इस योजना के तहत चुने गए लाभुक को सरकार पहली किस्त में 25 प्रतिशत की राशि देती है. साथ ही जो सामान उन्हें उद्योग लगाने के लिए चाहिए उसके लिए भी राशि दूसरी किस्त के दे दी जाती है. चुने हुए लोगों को उद्योग विभाग पहले एक सप्ताह की ट्रेनिंग देता है. ट्रेनिंग के लिए लाभुको को पहुंचना अनिवार्य रहता है. जिला उद्योग केंद्र में ट्रेनिंग के पश्चात उन्हें उद्योग लगाने के लिए जितने पैसे को जरूरत होती है वो उपलब्ध कराया जाता है. उद्योग शुरू होने के बाद जिला उद्योग विभाग इसकी मॉनिटरिंग करता है.

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