कोरबा: कोरबा में नगर पंचायत का तमगा मिलने के बाद भी छुरीकला के लोग पिछड़े गांवों की तरह उपेक्षित जीवन जी रहे हैं. अब से लगभग 9 साल पहले पीएचई की समूह जल आवर्धन योजना अधूरी है. यहां धरातल पर नहीं उतर सकी, जिसके लिए 14 करोड़ की लागत से तैयार किए जा रहे वाटर ट्रीटमेंट प्लांट से समूचे नगरवासियों को जल आपूति होनी थी, लेकिन योजना आज भी अधर में लटकी हुई है. 9 साल में योजना की लागत 4 करोड़ रुपये तक बढ़ चुकी है. अब शासन से अतिरिक्त राशि की मांग की गई है. हालात ऐसे हैं कि भीषण गर्मी में नगरवासी बूंद-बूंद पानी के लिए जद्दोजहद करते हैं.
इस तरह होना था योजना पर काम: योजना के तहत हसदेव नदी पर बने दर्री बांध के पानी उपचारित कर नगर तक पहुंचाना है. पूरी राशि ट्रीटमेंट प्लांट बनाने और डांडगांव हसदेव नदी से पाइप लाइन लगाने में खर्च हो गए. अब 4 करोड़ अतिरिक्त लागत बढ़ने के कारण नया पाइप लाइन बिछाने का काम शुरू नहीं हुआ है. वर्तमान में नगर के नगर में पानी की आपूर्ति 22 साल पुराने नलजल योजना से हो रही है. पहले यहां की आबादी ढाई हजार थी, जो बढ़कर 13 हजार से भी अधिक हो गई है. बोर से इतने लोगों के लिए पानी की आपूर्ति संभव नहीं है.
टूटे फूटे पाइप और निजी बोर से आपूर्ति: फिलहाल जगह-जगह से टूट चुके पाइप लाइन से मटमैला पानी आने से समस्या बनी हुई है. जल आवर्धन को मूर्तरुप दिए जाने के लिए तीन चरणों में काम किया जाना था. इसमें दर्री बांध से छुरी तक पाइप बिछाना, जल उपचार संयंत्र तैयार करना और नगरीय क्षेत्र में नया पाइप लाइन बिछाना शामिल था. तीनों कार्य के लिए अलग-अलग निविदा की गई. प्रथम चरण के काम में जल उपचार संयंत्र और बांध से छुरी तक पाइप बिछाने का काम तो हुआ, लेकिन पूरे नगर में एक साथ पानी सप्लाई के लिए पाइप लाइन से पानी आपूर्ति की योजना अभी भी अधूरी है. बीते साल पीएचई विभाग ने इसकी औपचारिक शुरुआत कर दी, लेकिन पूर्ण समाधान के लिए कारगर कदम नहीं उठाया गया. नगर वासियोंं का कहना है कि जब तक नया पाइपलाइन बिछाने का काम पूरा नहीं होगा, तब तक जल संकट से छुरी नगर को मुक्ति मिलना कठिन है.
राजनैतिक खींचतान भी जारी: पूर्व में सत्तारूढ़ कांग्रेस और विपक्ष में बैठे भाजपा के झगड़े के बीच जनता आज भी पिस रही है. अविश्वास प्रस्ताव पारित होने नगर के 15 वार्डों नौ कांग्रेसी पार्षदों का वर्चस्व था. अध्यक्ष नीलम देवांगन अपने पार्टी के पार्षदों से तालमेल नहीं बैठा सकी. भाजपा के पार्षदों ने अविश्वास प्रस्ताव में सफलता हासिल की और अध्यक्ष को अपने पद से हाथ धोना पड़ा. स्थाई जनप्रतिनिधित्व नहीं होने की वजह से नगर का कामकाज पूरी तरह से ठप है. 6 वार्डों में अब भी पाइप लाइन नहीं बिछी है. कोसगाई वार्ड, संत पुलाहारी, बिंझपुर, सतनाम आदि ऐसे वार्ड हैं जिन्हे अब भी मुख्य पाइप लाइन से नहीं जोडा़ गया है. इन वार्डों में वैकल्पिक व्यवस्था के तहत बोर खुदाई कर पानी आपूर्ति की जा रही है. बोर खराब होने की वजह से आए दिन यहां पानी की समस्या रहती है. यहां लगभग 25 टैंकर के माध्यम से जल आपूर्ति की जा रही है.
कोरबा जिले की रिव्यू मीटिंग ली है. इस विषय पर विस्तार से समीक्षा की गई है. जल जीवन मिशन के तहत 31 परियोजनाओं को पूरा किया गया है. कई ऐसी योजनाएं हैं, जो अधूरी है. जिन पर काम जारी है. जो समस्या आपने बताई है. वह भी बनी हुई है. इसके लिए हम तेजी से कम कर रहे हैं. अधूरी परियोजनाओं को तेज गति के साथ पूर्ण करने के निर्देश दिए गए हैं. -अरुण साव, डिप्टी सीएम
लागत बढ़ चुकी है, पैसों की मांग की गई: इस विषय में पीएचई के कार्यपालन अभियंता अनिल कुमार का कहना है कि योजना काफी पुरानी है. जब योजना लॉन्च हुई थी. तब काम जोरों पर चल रहा था. उसके बाद कई अड़चने आई. कोरोना काल में भी काम बंद हो गया. वर्तमान में काम लंबित होने के कारण इसकी लागत बढ़ चुकी है. शासन से अतिरिक्त पैसों की डिमांड की गई है. राशि मिलते ही दोबारा काम शुरू कराया जाएगा.