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MBA कड़कनाथ मुर्गी वाले की विदेश में धाक, किस्मत ऐसी चमकी कि पीएम मोदी भी मुरीद

Chhindwara Youth Kadaknath Farming: एमपी में छिंदवाड़ा के एक शख्स ने एमबीए करने के बाद कड़कनाथ का पालन शुरू किया. आज आलम यह है कि कड़कनाथ की सप्लाई विदेशों में भी हो रही है. यहां तक कि शख्स को सम्मानित भी किया जा चुका है.

Chhindwara Youth Kadaknath Farming
एमबीए के बाद शुरू किया कड़कनाथ का पालन
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jan 24, 2024, 8:56 PM IST

Updated : Jan 25, 2024, 9:42 AM IST

छिंदवाड़ा। अच्छी पढ़ाई करने के बाद सिर्फ नौकरी पाकर ही ऊंचाइयों को हासिल नहीं किया जा सकता, बल्कि खुद का व्यापार शुरू कर आत्म संतुष्टि के साथ ही सफलता प्राप्त कैसे की जा सकती है. इसे छिंदवाड़ा के सेमड़ा गांव के रहने वाले प्रवेश पराड़कर से सीखा जा सकता है. एमबीए की पढ़ाई करने के बाद ये शख्स कड़कनाथ मुर्गे का पालन कर रहा है. जिसे अब वह विदेशों तक में निर्यात कर रहे हैं.

Chhindwara Youth Kadaknath Farming
प्रवेश पराड़कर को किया गया सम्मानित

MBA के बाद शुरू किया मुर्गीपालन का काम

प्रवेश पराड़कर ने बताया कि वे चाहते तो एमबीए (MBA) करने के बाद किसी कंपनी में नौकरी कर सकते थे, लेकिन उन्हें नौकरी नहीं बल्कि मालिक बनना था. उन्होंने पुश्तैनी जमीन में कड़कनाथ पोल्ट्री फार्म का व्यापार शुरू किया. जिससे वे खुद भी एक अच्छी आमदनी के साथ-साथ कई लोगों को रोजगार भी उपलब्ध करा रहे हैं. प्रवेश पराड़कर की सफलता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि बांग्लादेश और नेपाल में भी कड़कनाथ का निर्यात उनके पोल्ट्री फार्म से किया जा रहा है.

Kadaknath Poultry Farm
कड़कनाथ मुर्गी पालन

पढ़ाई के बाद कड़कनाथ पोल्ट्री फार्म के लिए थी ट्रेनिंग

एमबीए की पढ़ाई करने के बाद प्रवेश पराड़कर ने कृषि विज्ञान केंद्र से पोल्ट्री की ट्रेनिंग ली और फिर बिजनेस शुरू कर दिया. धीरे-धीरे अपना व्यापार बढ़ाया. जिससे कई किसान उनसे जुड़ते गए. फिलहाल करीब 3000 पक्षी से अधिक क्षमता की पोल्ट्री फार्म का वे संचालन कर रहे हैं. प्रवेश पराड़कर के साथ करीब 700 से 800 किसान जुड़ चुके हैं. मध्य प्रदेश ही नहीं बल्कि भारत के कई स्थानों पर जाकर अब लोगों को इस व्यापर से जुड़ने के लिए ट्रेनिंग भी देते हैं.

PM को दिया प्रजेंटेशन

प्रवेश पराड़कर ने पोल्ट्री फार्म के इस व्यवसाय की उपलब्धियों के बारे में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद दिल्ली के कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने भी प्रेजेंटेशन दिया है. इसके साथ ही भारत के कृषि मंत्री समेत कई विभाग और मंत्रियों से उन्हें सम्मानित किया जा चुका है. प्रवेश पराड़कर अपने पोल्ट्री फार्म में फिलहाल देशी मुर्गी के अंडे, कड़कनाथ के चूजे, कड़कनाथ के अंडे एवं मांस का उत्पादन के साथ ही अंडे से चूजे निकालने की मशीन, मुर्गी दाने का उत्पादन जैसे कई काम कर रहे हैं. इससे उन्हें करीब 15 से 20 लाख रुपए की वार्षिक आय हो रही है.

Chhindwara Youth Kadaknath Farming
कड़कनाथ पालन के लिए मिला सम्मान

यहां पढ़ें...

सिर्फ मांस ही नहीं कड़कनाथ का खून भी होता है काला

कड़कनाथ मुर्गों की खासियत यह होती है कि वह सिर्फ बाहर से ही काले नहीं बल्कि उनका मांस और खून भी काला होता है. यह मुर्गे अपने स्वाद और औषधि गुणों के लिए मशहूर है. अन्य मुर्गों की तुलना में इसके मीट में प्रोटीन अधिक मात्रा में होता है. कोलेस्ट्रॉल का स्तर बहुत कम होता है. इस नस्ल में 18 तरह की आवश्यक अमीनो एसिड भी पाए जाते हैं. इसके मीट में विटामिन बी 1, बी 2, बी 6, बी 12 सी की मात्रा भी अधिक पाई जाती है. विशेषज्ञों का मानना है कि औषधी के रूप में नर्वस डिसऑर्डर को ठीक करने में यह काम आता है.

छिंदवाड़ा। अच्छी पढ़ाई करने के बाद सिर्फ नौकरी पाकर ही ऊंचाइयों को हासिल नहीं किया जा सकता, बल्कि खुद का व्यापार शुरू कर आत्म संतुष्टि के साथ ही सफलता प्राप्त कैसे की जा सकती है. इसे छिंदवाड़ा के सेमड़ा गांव के रहने वाले प्रवेश पराड़कर से सीखा जा सकता है. एमबीए की पढ़ाई करने के बाद ये शख्स कड़कनाथ मुर्गे का पालन कर रहा है. जिसे अब वह विदेशों तक में निर्यात कर रहे हैं.

Chhindwara Youth Kadaknath Farming
प्रवेश पराड़कर को किया गया सम्मानित

MBA के बाद शुरू किया मुर्गीपालन का काम

प्रवेश पराड़कर ने बताया कि वे चाहते तो एमबीए (MBA) करने के बाद किसी कंपनी में नौकरी कर सकते थे, लेकिन उन्हें नौकरी नहीं बल्कि मालिक बनना था. उन्होंने पुश्तैनी जमीन में कड़कनाथ पोल्ट्री फार्म का व्यापार शुरू किया. जिससे वे खुद भी एक अच्छी आमदनी के साथ-साथ कई लोगों को रोजगार भी उपलब्ध करा रहे हैं. प्रवेश पराड़कर की सफलता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि बांग्लादेश और नेपाल में भी कड़कनाथ का निर्यात उनके पोल्ट्री फार्म से किया जा रहा है.

Kadaknath Poultry Farm
कड़कनाथ मुर्गी पालन

पढ़ाई के बाद कड़कनाथ पोल्ट्री फार्म के लिए थी ट्रेनिंग

एमबीए की पढ़ाई करने के बाद प्रवेश पराड़कर ने कृषि विज्ञान केंद्र से पोल्ट्री की ट्रेनिंग ली और फिर बिजनेस शुरू कर दिया. धीरे-धीरे अपना व्यापार बढ़ाया. जिससे कई किसान उनसे जुड़ते गए. फिलहाल करीब 3000 पक्षी से अधिक क्षमता की पोल्ट्री फार्म का वे संचालन कर रहे हैं. प्रवेश पराड़कर के साथ करीब 700 से 800 किसान जुड़ चुके हैं. मध्य प्रदेश ही नहीं बल्कि भारत के कई स्थानों पर जाकर अब लोगों को इस व्यापर से जुड़ने के लिए ट्रेनिंग भी देते हैं.

PM को दिया प्रजेंटेशन

प्रवेश पराड़कर ने पोल्ट्री फार्म के इस व्यवसाय की उपलब्धियों के बारे में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद दिल्ली के कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने भी प्रेजेंटेशन दिया है. इसके साथ ही भारत के कृषि मंत्री समेत कई विभाग और मंत्रियों से उन्हें सम्मानित किया जा चुका है. प्रवेश पराड़कर अपने पोल्ट्री फार्म में फिलहाल देशी मुर्गी के अंडे, कड़कनाथ के चूजे, कड़कनाथ के अंडे एवं मांस का उत्पादन के साथ ही अंडे से चूजे निकालने की मशीन, मुर्गी दाने का उत्पादन जैसे कई काम कर रहे हैं. इससे उन्हें करीब 15 से 20 लाख रुपए की वार्षिक आय हो रही है.

Chhindwara Youth Kadaknath Farming
कड़कनाथ पालन के लिए मिला सम्मान

यहां पढ़ें...

सिर्फ मांस ही नहीं कड़कनाथ का खून भी होता है काला

कड़कनाथ मुर्गों की खासियत यह होती है कि वह सिर्फ बाहर से ही काले नहीं बल्कि उनका मांस और खून भी काला होता है. यह मुर्गे अपने स्वाद और औषधि गुणों के लिए मशहूर है. अन्य मुर्गों की तुलना में इसके मीट में प्रोटीन अधिक मात्रा में होता है. कोलेस्ट्रॉल का स्तर बहुत कम होता है. इस नस्ल में 18 तरह की आवश्यक अमीनो एसिड भी पाए जाते हैं. इसके मीट में विटामिन बी 1, बी 2, बी 6, बी 12 सी की मात्रा भी अधिक पाई जाती है. विशेषज्ञों का मानना है कि औषधी के रूप में नर्वस डिसऑर्डर को ठीक करने में यह काम आता है.

Last Updated : Jan 25, 2024, 9:42 AM IST
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