छिन्दवाड़ा। उत्कृष्ट विद्यालय प्रबंधन की लापरवाही के कारण छिंदवाड़ा जिले के कई होनहार बच्चे मेरिट लिस्ट में आने से चूक गए. छिंदवाड़ा से बारहवीं में तीन बच्चों ने मेरिट लिस्ट में जगह बनाई लेकिन दसवीं के बच्चों को मायूसी झेलनी पड़ी. विद्यालय प्रबंधन पर बच्चों के प्रैक्टिकल के नंबर बोर्ड को नहीं भेजे जाने का आरोप लगाया गया है. इसके लिए अभिभावकों ने शिकायत भी की है और कर्मचारियों के विरुद्ध कार्रवाई की भी मांग की है. बताया जा रहा है कि कई बच्चे ऐसे हैं जो प्रैक्टिकल के नंबर जुड़ जाने के बाद मेरिट लिस्ट में जगह बना सकते थे.
कलेक्टर से की शिकायत
छिंदवाड़ा उत्कृष्ट विद्यालय में दसवीं कक्षा के सैकड़ों बच्चों को स्कूल की लापरवाही का खामियाजा भुगतना पड़ा. तिमाही और छमाही के प्रैक्टिकल के 5-5 अंक बोर्ड को भेजने थे, जो फाइनल रिजल्ट के साथ जोड़ा जाता है. तिमाही और छमाही के प्रैक्टिकल के मार्क्स नहीं भेजे जाने के कारण बच्चों को प्रैक्टिकल में 25 अंक तक के बदले सिर्फ 15 अंक तक ही मिल सके. जिसको लेकर अभिभावकों ने जिला कलेक्टर शीलेंद्र सिंह से शिकायत की. कहा गया कि कुछ बच्चे ऐसे भी जिन्हें ये प्रैक्टिकल के मार्क्स मिल जाते तो प्रदेश के मेरिट लिस्ट में शामिल हो सकते थे.
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सूची भेजी थी नहीं हुआ अपडेट
उत्कृष्ट विद्यालय छिंदवाड़ा के प्रिंसिपल अवधूत काले ने बताया कि "स्कूल की तरफ से माध्यमिक शिक्षा मंडल को सभी विषयों के अंकों की सूची भेजी गई थी, लेकिन बोर्ड से ही उसे अपडेट नहीं किया गया. उन्होंने कहा कि सिर्फ विज्ञान विषय में ऐसा हुआ है जिसके अंक नहीं जोड़े गए हैं, जबकि सभी विषयों के अंक जोड़े गए हैं. जबकि सभी विषयों के अंक एक साथ ही भेजे गए थे. इसके लिए हमने बोर्ड से पत्राचार किया है, सुधार किया जाएगा."