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महुए के कुकीज ने मचाया धमाल, चार महिलाओं के हाथ के स्वाद का जादू, देशभर के लोग दीवाने - CHHINDWARA MAHUA COOKIES

आमतौर पर महुआ के फूल को ज्यादातर आदिवासी और ग्रामीण इलाकों में शराब बनाने के लिए उपयोग किया जाता है लेकिन इसी महुआ के फूल से चार महिलाओं ने कुकीज बनाने का काम शुरू किया है.

Mahua cookies making
महुए की कुकीज ने मचाया धमाल (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jan 21, 2025, 9:08 AM IST

Updated : Jan 21, 2025, 10:38 AM IST

छिन्दवाड़ा : जिले में राजाखोह छोटा सा गांव है, इस गांव की चार महिलाओं ने गांव ही नहीं जिले को नई पहचान दिला दी है. महिलाओं ने तीन साल पहले समूह बनाकर महुआ के फूल से कुकीज बनाने का काम शुरू कर रोजगार की शुरुआत की थी. वहीं अब इन महिलाओं के उत्पाद जिले में ही नहीं प्रदेश के बड़े-बड़े शहरों-नगरों में फेमस हो गए हैं. देश भर के लोग इस छोटे से गांव में महुआ वाले कुकीज का स्वाद चखने के लिए पहुंच रहे हैं. महुआ से बनी कुकीज इस गांव की पहचान बन गई है.

हिट हुआ महुआ से कुकीज बनाने के आईडिया

राजाखोह की देवकी चौरे, लता मर्सकोले, नीतू अहिरवार और मंजू चौरे सहित कुछ महिलाओं ने अन्यका महुआ उत्पादक समूह का गठन किया. इन महिलाओं ने 5-5 हजार रुपए इकट्ठे करके आदिवासी जीवन शैली से जुड़े व्यंजनों को व्यवसायिक स्वरूप देने की योजना बनाई. इसी के तहत उन्होंने महुआ के फूल से कुकीज बनाने का फैसला किया और ये आईडिया हिट हो गया.

Chhindwara mahua cookies making
4 महिलाओं ने मिलकर शुरू किया अनोखा स्टार्टअप (Etv Bharat)

मल्टीनेशनल कंपनी ने की मदद, 13 गांव के लोग जुड़े

गांव की महिलाओं का जज्बा देखकर एक मल्टीनेशनल कंपनी ने सीएसआर मद से इन महिलाओं को आधुनिक मशीनें उपलब्ध कराईं. इसके पहले महिलाओं ने सात दिन की ट्रेनिंग भी ली, जिसमें कुकीज बनाने का तरीका सीखा. उनके उत्पाद के लिए आसपास के 13 गांवों के ग्रामीणों से महुआ एकत्र कराया जाता है. इससे जुड़ी महिलाओं को भी रोजगार मिला है. महिलाओं की लगन से उनके उत्पाद की स्थानीय स्तर पर बड़ी डिमांड है. जिला स्तर पर लगने वाले कृषि मेला, वन मेला सहित अन्य आयोजनों में इस समूह के स्टॉल को आमंत्रित किया जाने लगा है. इनके महुआ के कुकीज की डिमांड अब दिल्ली, भोपाल, हरदा, जबलपुर, सूरत, मुंबई, नागपुर सहित दर्जनों शहरों में होने लगी है. इससे समूह का व्यापार भी बढ़ रहा है.

Cookies from mahu flower
मशीनों की से तैयार होते महुआ कुकीज (Etv Bharat)

महुए में रोक दी जाती है एल्कोहॉल की प्रोसेस

अन्यका महुआ उत्पादक समूह द्वारा विशेष तरीके से महुआ बिस्किट व महुआ लड्डू बनाया जाता है. इन उत्पादों में प्रयोग होने वाला महुआ किण्वन विधि (fermentation method) द्वारा नहीं गुजारा जाता है, जिसकी वजह से इस महुए में एल्कोहॉल उत्पन्न नहीं होता. महुआ बिस्किट के अतिरिक्त कुटकी व मैदा के बिस्किट और बेकरी उत्पाद जैसे टोस्ट ब्रेड भी यहां बनाए जाते हैं.

mahua flower benefits
महुआ के फूल (Etv Bharat)

बेहद फायदेमंद है महुए का फूल

जिला अस्पताल के आयुष अधिकारी डॉ प्रवीण रघुवंशी ने बताया, '' महुआ के फूल में आयरन, कैल्शियम, विटामिन सी जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बेहतर बनाने में मदद करता है. महुआ के फूल डायबिटीज के लक्षणों को नियंत्रित करने में मदद करते हैं. महुए में कई चिकित्सीय गुण होते हैं, जो शरीर को अलग-अलग प्रकार के स्वास्थ्य लाभ देते हैं.''

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छिन्दवाड़ा : जिले में राजाखोह छोटा सा गांव है, इस गांव की चार महिलाओं ने गांव ही नहीं जिले को नई पहचान दिला दी है. महिलाओं ने तीन साल पहले समूह बनाकर महुआ के फूल से कुकीज बनाने का काम शुरू कर रोजगार की शुरुआत की थी. वहीं अब इन महिलाओं के उत्पाद जिले में ही नहीं प्रदेश के बड़े-बड़े शहरों-नगरों में फेमस हो गए हैं. देश भर के लोग इस छोटे से गांव में महुआ वाले कुकीज का स्वाद चखने के लिए पहुंच रहे हैं. महुआ से बनी कुकीज इस गांव की पहचान बन गई है.

हिट हुआ महुआ से कुकीज बनाने के आईडिया

राजाखोह की देवकी चौरे, लता मर्सकोले, नीतू अहिरवार और मंजू चौरे सहित कुछ महिलाओं ने अन्यका महुआ उत्पादक समूह का गठन किया. इन महिलाओं ने 5-5 हजार रुपए इकट्ठे करके आदिवासी जीवन शैली से जुड़े व्यंजनों को व्यवसायिक स्वरूप देने की योजना बनाई. इसी के तहत उन्होंने महुआ के फूल से कुकीज बनाने का फैसला किया और ये आईडिया हिट हो गया.

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4 महिलाओं ने मिलकर शुरू किया अनोखा स्टार्टअप (Etv Bharat)

मल्टीनेशनल कंपनी ने की मदद, 13 गांव के लोग जुड़े

गांव की महिलाओं का जज्बा देखकर एक मल्टीनेशनल कंपनी ने सीएसआर मद से इन महिलाओं को आधुनिक मशीनें उपलब्ध कराईं. इसके पहले महिलाओं ने सात दिन की ट्रेनिंग भी ली, जिसमें कुकीज बनाने का तरीका सीखा. उनके उत्पाद के लिए आसपास के 13 गांवों के ग्रामीणों से महुआ एकत्र कराया जाता है. इससे जुड़ी महिलाओं को भी रोजगार मिला है. महिलाओं की लगन से उनके उत्पाद की स्थानीय स्तर पर बड़ी डिमांड है. जिला स्तर पर लगने वाले कृषि मेला, वन मेला सहित अन्य आयोजनों में इस समूह के स्टॉल को आमंत्रित किया जाने लगा है. इनके महुआ के कुकीज की डिमांड अब दिल्ली, भोपाल, हरदा, जबलपुर, सूरत, मुंबई, नागपुर सहित दर्जनों शहरों में होने लगी है. इससे समूह का व्यापार भी बढ़ रहा है.

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मशीनों की से तैयार होते महुआ कुकीज (Etv Bharat)

महुए में रोक दी जाती है एल्कोहॉल की प्रोसेस

अन्यका महुआ उत्पादक समूह द्वारा विशेष तरीके से महुआ बिस्किट व महुआ लड्डू बनाया जाता है. इन उत्पादों में प्रयोग होने वाला महुआ किण्वन विधि (fermentation method) द्वारा नहीं गुजारा जाता है, जिसकी वजह से इस महुए में एल्कोहॉल उत्पन्न नहीं होता. महुआ बिस्किट के अतिरिक्त कुटकी व मैदा के बिस्किट और बेकरी उत्पाद जैसे टोस्ट ब्रेड भी यहां बनाए जाते हैं.

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महुआ के फूल (Etv Bharat)

बेहद फायदेमंद है महुए का फूल

जिला अस्पताल के आयुष अधिकारी डॉ प्रवीण रघुवंशी ने बताया, '' महुआ के फूल में आयरन, कैल्शियम, विटामिन सी जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बेहतर बनाने में मदद करता है. महुआ के फूल डायबिटीज के लक्षणों को नियंत्रित करने में मदद करते हैं. महुए में कई चिकित्सीय गुण होते हैं, जो शरीर को अलग-अलग प्रकार के स्वास्थ्य लाभ देते हैं.''

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Last Updated : Jan 21, 2025, 10:38 AM IST
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