छिंदवाड़ा। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा "वह 44 सालों से लगातार छिंदवाड़ा की जनता की सेवा कर रहे हैं. आगे भी ये सिलसिला जारी रहेगा. छिंदवाड़ा की जनता से वे लगातार जुड़े रहेंगे." छिंदवाड़ा से कमलनाथ के बेटे नकुल नाथ बीजेपी के विवेक बंटी साहू से एक लाख 13 हजार वोटों से हारे हैं. इस प्रकार कमलनाथ के गढ़ को बीजेपी ने ढहा दिया है. बीजेपी नेताओं का कहना है "कमलनाथ और उनका परिवार छिंदवाड़ा छोड़कर चला जाए". इस पर कमलनाथ का कहना है "वह छिंदवाड़ा छोड़कर कहीं नहीं जाने वाले."
प्रशासनिक तंत्र के दुरुपयोग पर साधी चुप्पी
मीडिया ने पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ से पूछा कि कांग्रेस प्रत्याशी नकुलनाथ में प्रशासनिक दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए सीसीटीवी फुटेज मांगे थे लेकिन वह उपलब्ध नहीं कराए गए, इस पर कमलनाथ ने कहा "अब इन बातों पर चर्चा करने का कोई मतलब नहीं है. चुनाव परिणाम आ चुके हैं." बता दें कि भाजपा प्रत्याशी विवेक बंटी साहू की जीत के पीछे की रणनीति जिसने तैयार की, उसका नाम दीपक सक्सेना है. दीपक कुछ माह पहले तक कमलनाथ के हनुमान कहे जाते थे. लेकिन चुनाव के एन वक्त पहले पूर्व मंत्री दीपक सक्सेना भाजपा में शामिल हो गए.
कमलनाथ के हनुमान ने बिछाई हार की बिसात
बता दें कि साल 2018 में जब कमलनाथ मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बने तो उन्हें विधायक बनना जरूरी था. कमलनाथ के लिए छिंदवाड़ा विधानसभा सीट से इस्तीफा देने वाले दीपक सक्सेना ही थे. कमलनाथ के सभी चुनाव की रणनीति बनाने वाले दीपक सक्सेना ही हुआ करते थे. लेकिन चुनाव कुछ दिन पहले दीपक सक्सेना ने बीजेपी का दामन थाम लिया और फिर जिस रणनीति से कमलनाथ चुनाव लड़ा करते थे, उनकी ही तर्ज पर भाजपा के लिए उन्होंने रणनीति बनाकर चुनाव जितवाया.
बीते 4 माह में बदल गया पूरा सीन
दिसंबर 2023 में हुए विधानसभा चुनाव में छिंदवाड़ा जिले की सभी सात विधानसभा सीटों पर कांग्रेस ने कब्जा जमाया था, लेकिन उसके 4 माह बाद ही अप्रैल में हुए लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने बड़ा उलटफेर करते हुए सभी 7 विधानसभा सीटों में लोकसभा चुनाव के लिए जीत दर्ज कराई. कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ के चुनाव हारने का सबसे अहम कारण ये है कि भाजपा में शामिल हुए कांग्रेस के अमरवाड़ा से विधायक कमलेश प्रताप शाह सहित पूर्व कैबिनेट मंत्री दीपक सक्सेना और करीब 5 से 6 हजार कार्यकर्ताओं को कांग्रेस से बीजेपी में शामिल कराया.