छिंदवाड़ा: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार के वन नेशन वन इलेक्शन प्रस्ताव को कैबिनेट से मंजूरी मिल गई है. वन नेशन वन इलेक्शन को लेकर देश भर के तमाम नेता अपनी-अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं. वहीं मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम कमलनाथ ने भी वन नेशन वन इलेक्शन पर अपनी राय रखी है. कमलनाथ ने इसे एक शिगुफा बताया है. उन्होंने कहा है कि 'जनता को उलझाने के लिए मोदी सरकार ऐसे खिलौने लेकर आती है.'
जनता को उलझाने का एक और खिलौना
छिंदवाड़ा पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने केंद्रीय वन नेशन वन इलेक्शन को कैबिनेट से मंजूरी पर कहा है कि 'यह प्रैक्टिकल नहीं है. आज अगर देश में कोई पार्टी अविश्वास प्रस्तावना ला दे, तो देश के क्या हालात होंगे. यह मोदी सरकार का एक और खिलौना है, जो जनता को उलझाने के लिए लाया गया है. इसके साथ ही पूर्व सीएम कमलनाथ ने कहा कि भाजपा के के पास कुछ बचा नहीं है. इसलिए फिजूल की बयानबाजी राहुल गांधी की झूठी आलोचना की जा रही है.'
आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के दूरदर्शी नेतृत्व में आज भारतीय लोकतंत्र ने One Nation-One Election की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम बढ़ाया है।
— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) September 18, 2024
केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा One Nation-One Election को दी गई स्वीकृति का मैं समस्त मध्य प्रदेशवासियों की ओर से हार्दिक स्वागत… pic.twitter.com/PWY73inFsC
सीएम ने बताया ऐतिहासिक कदम
वहीं प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने वन नेशन वन इलेक्शन को ऐतिहासिक कदम बताया है. उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा One Nation-One Election को दी गई स्वीकृति का मैं समस्त मध्य प्रदेशवासियों की ओर से हार्दिक स्वागत करता हूं. इस पहल से न केवल भारतीय लोकतांत्रिक मूल्यों व आदर्शों को और अधिक मजबूती मिलेगी, बल्कि यह हमारी संसदीय प्रणाली में एक ऐतिहासिक सुधार भी साबित होगा. मुझे अत्यंत प्रसन्नता हो रही है कि आज के इस निर्णय के साथ बीजेपी के संकल्प पत्र में की गई एक और महत्वपूर्ण घोषणा साकार होने जा रही है. इस ऐतिहासिक कदम के लिए प्रधानमंत्री का आभार और सभी देशवासियों को बधाई.'
क्या है वह नेशन वन इलेक्शन का कॉन्सेप्ट
वन नेशन-वन इलेक्शन का मतलब है कि भारत में लोकसभा और सभी राज्यों के विधानसभा चुनाव एक साथ कराए जाएं. साथ ही स्थानीय निकायों के चुनाव भी एक ही दिन या एक तय समय सीमा में कराए जाएं. पीएम मोदी लंबे समय से वन नेशन वन इलेक्शन की वकालत करते आए हैं. उन्होंने कहा था कि चुनाव सिर्फ तीन या चार महीने के लिए होने चाहिए, पूरे 5 साल राजनीति नहीं होनी चाहिए. साथ ही चुनावों में खर्च कम हो और प्रशासनिक मशीनरी पर बोझ न बढ़े.