छिंदवाड़ा: रक्षाबंधन का त्योहार प्यार और विश्वास के साथ अब पर्यावरण को भी सहजने में अपनी भूमिका निभाएगा. पूर्व वन मंडल के सीएफसी यानि कॉमन फेसेल्टी सेंटर में स्वयं-सहायता समूह की महिलाओं के द्वारा राखी तैयार की जा रही हैं. बांस से तैयार हो रही इन राखियों की विशेषता यह है कि इसमें अलग-अलग प्रकार के फल और फूल के पौधों के बीज डाले जा रहे हैं, यानी त्योहार में बहनें अपने भाइयों की कलाई में इस राखी को बांधेगी और राखी पहनने के बाद जहां-जहां ये बीज बिखरेंगे, वहां पौधे उग आएंगे.
बांस से बनाई जा रही हैं राखी
रक्षाबंधन के खास मौके पर स्वयं सहायता समूह से जुड़ीं महिलाओं के द्वारा राखियों में विभिन्न किस्म के बीजों का इस्तेमाल कर बनाया जा रहा है. जिसके जरिए पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी दिया जा रहा है. पोआमा के सीएफसी सेंटर में महिलाएं इन राखियों को तैयार कर रही हैं. बांस से बनने वाली इन राखियों को बम्बू हैडीक्रॉफ्ट एक्सपर्ट अरुणा डेहरिया, सीमा डेहरिया, ज्योति चौरसिया सहित अन्य महिलाओं के द्वारा तैयार किया जा रहा है. इनका कहना है कि पिछले साल भी राखियां तैयार की गई थीं. सीड राखी बनाने के लिए उन्हें पहले ट्रेनिंग दी गई, जिसके बाद अब यह दूसरा साल है.
इन राखियों की हो रही है भारी डिमांड
सीएफसी में पहले चरण में 500 राखियां बनाई गई हैं, जिन्हें पूर्व वनमंडल के मुख्य कार्यालय से बेंचा जाएगा. इस कार्य में आधा दर्जन महिलाओं को रोजगार मिला है. इन राखियों की काफी डिमांड रहती है. पूर्व वनमंडल के अंतर्गत आने वाला ये सीएफसी पोआमा के पास है. आने वाले दिनों में यहां पर कारीगरों के द्वारा बांस से आभूषण के अलावा बांस से बनी हर तरह की सामग्री जैसे पलंग, सोफा सेट, पानी बॉटल, लैंप, रेस्टिंग चेयर, मंदिर आदि बनाए जाएंगे. यहां अलग-अलग समूहों के माध्यम से इन्हें तैयार किया जाएगा, जिससे रोजगार के अवसर मिलेंगे. छिंदवाड़ा में यह पहला सीएफसी है जो पिछले वर्ष शुरू हुआ है.
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राखियों में भरे जा रहे बीज
इस सीएफसी में बनने वाली बांस की राखियों के ऊपरी हिस्से में बांस, यूकोलिप्टस, करंज, कचनार, नीलगिरी, नीम, ककड़ी, बबूल, बांस, सीताफल, तुलसी, आंवला, इमली और पपीता सहित अन्य पौधों के बीज लगाए गए हैं. पूर्व वनमंडल के डीएफओ ब्रिजेन्द्र श्रीवास्तव ने बताया कि, ''सीएफसी में बांस से निर्मित राखियों को बनाया जा रहा है. यहां पर विभिन्न वृक्ष प्रजाति के बीजों के युक्त राखियां बनाई गई हैं, जिन्हें पूर्व वन मंडल के खजरी चौक स्थित रेंज ऑफिस में इन राखियों को बेचने के लिए रखा जाएगा. स्व-सहायता समूह की महिलाओं के द्वारा सीड राखी बनाई जा रही है. इसका यह दूसरा वर्ष है.''