रायपुर : लोकसभा चुनाव 2024 में एनडीए को पूर्ण बहुमत मिलने के बाद नरेंद्र मोदी ने तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली है. मोदी मंत्रिमंडल का गठन हो चुका है. मोदी कैबिनेट में छत्तीसगढ़ से किसे जगह मिलेगी? इसे लेकर लोगों में काफी उत्सुकता थी. लेकिन जैसे ही नए कैबिनेट मंत्रियों की घोषणा हुई, उसमें बिलासपुर से सांसद चुने गए तोखन साहू को केंद्रीय राज्य मंत्री बनाया गया. मोदी कैबिनेट में बृजमोहन अग्रवाल को शामिल नहीं किए जाने से उनके समर्थकों और शहरवासियों में काफी नाराजगी है. राजनीतिक जानकारों का मानना है कि विधानसभा उपचुनाव सामने है, ऐसे में बृजमोहन की अनदेखी भजापा को भारी भी पड़ सकती है.
विधानसभा उपचुनाव में दिख सकता है असर : जनता के साथ कांग्रेस भी यह चाह रही थी कि भाजपा के कद्दावर और वरिष्ठ नेता होने के नाते बृजमोहन को मोदी कैबिनेट में जगह मिलेगी. ऐसा नहीं होने से कांग्रेस को रायपुर दक्षिण विधानसभा सीट पर एक मौका मिल गया है. ऐसे में बृजमोहन अग्रवाल के अनदेखी कहीं भाजपा को भारी न पड़ जाए. क्योंकि रायपुर दक्षिण से बृजमोहन अग्रवाल विधायक हैं और वह साय कैबिनेट में मंत्री भी रहे हैं. ऐसे में बृजमोहन अग्रवाल को मोदी कैबिनेट में जगह नहीं मिलने का असर आगामी दिनों में होने वाले विधानसभा उपचुनाव में भी देखने को मिल सकता.
पार्टी को भुगतना पड़ सकता है इसका खामियाजा : राजनीतिक जानकार और वरिष्ठ पत्रकार उचित शर्मा ने इस संबंध में कहा, "जिस तरह से कद्दावर नेता बृजमोहन अग्रवाल को मोदी कैबिनेट में जगह नहीं दी गई, इसका असर स्वाभाविक है कि आने वाले समय में छत्तीसगढ़ विधानसभा उपचुनाव में भी देखने को मिल सकता है. क्योंकि यदि किसी कद्दावर नेता को केंद्र में तवज्जो न दी जाए, तो उनके साथ-साथ जनता और कार्यकर्ता में भी मायूसी होती है. जिसका खामियाजा पार्टी को भुगतना पड़ सकता है."
"स्वाभाविक है इसका असर उपचुनाव में देखने को मिलेगा. बीजेपी से जो आप उम्मीद कर रहे हैं, उसके अनुरूप मुझे नहीं लगता कि वह रिजल्ट आएंगे. जनता और कार्यकर्ता निराश हैं. ऐसे में होने वाले उपचुनाव में भाजपा को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है." - उचित शर्मा, वरिष्ठ पत्रकार
नई युवा शक्ति को तवज्जो दे रही बीजेपी : उचित शर्मा ने आगे कहा, "जिस तरह से भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व निर्णय ले रहा है, उससे साफ दिख रहा है कि यह पीढ़ी परिवर्तन का दौर है. भाजपा अपने वरिष्ठ नेताओं से दूरी बनाने लगी है. अब बुजुर्ग नेताओं को साइड लाइन करने की परंपरा शुरू हो गई है. अब एक नए पौधे, नई ऊर्जा, नई युवा शक्ति को तवज्जो देने की कोशिश की जा रही है. अब लगता है कि विधानसभा और लोकसभा चुनाव में भी नये लोगों को महत्व दिया जा रहा है."
बृजमोहन समर्थकों की नाराजगी सोशल मीडिया पर छाई : फिलहाल सांसद बनने के बाद बृजमोहन अग्रवाल दिल्ली गए हैं, जहां वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने भाजपा के कई वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात भी की. लेकिन मोदी कैबिनेट में जगह नहीं मिलने पर अब तक बृजमोहन का कोई बयान सामने नहीं आया है.