रायपुर: छत्तीसगढ़ में भी अब मेट्रो की तर्ज पर कारोबारी से रंगदारी की डिमांड की जा रही है. पैसे न दिए जाने पर उन्हें मारने के लिए शूटर भी भेजे जा रहे हैं. सुपारी किलिंग की जा रही है. आखिर ऐसी क्या वजह है कि शूटरों का रुख छत्तीसगढ़ की ओर हो गया है. क्यों शूटरों के निशाने पर छत्तीसगढ़ है.
छत्तीसगढ़ में गैंगस्टर्स की दस्तक: पुलिस की एंट्री क्राइम और साइबर यूनिट ने रविवार को एक बड़ी कार्रवाई करते हुए, कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई और झारखंड के अमन साहू गैंग के चार शूटर्स को गिरफ्तार किया. इन शूटर्स को छत्तीसगढ़ और झारखंड के दो बड़े कोयला कारोबारी की हत्या की सुपारी मिली थी. इसके बाद यह आरोपी 10 दिनों तक रेकी करते रहे और 27 मई को हत्या करने की योजना बनाई गई. इसके लिए तीन शूटर रायपुर पहुंचे जिन्हें पुलिस ने घटना को अंजाम देने के पहले ही पकड़ लिया. वहीं एक शूटर को पुलिस ने कार्रवाई करते हुए राजस्थान से गिरफ्तार किया. फिलहाल आरोपी 2 जून तक पुलिस रिमांड पर है.
शूटर्स से सच उगलवाने की कोशिश में पुलिस: इस मामले में पुलिस फिलहाल शूटर्स से पूछताछ कर रही है. उनके लिंक कहां कहां है उसकी जानकारी हासिल की जा रही है. यह बात भी सामने आ रही है कि झारखंड में उनके द्वारा इस तरह की कितनी घटनाओं को अंजाम देने की कोशिश की गई थी.
मामले को लेकर एडिशनल एसपी लखन पटले का कहना है कि अमन गैंग के लोगों ने कुछ समय पहले छत्तीसगढ़ के दूसरे जिलों में गोलीबारी की थी. उस दौरान कुछ लोगों की गिरफ्तारी भी हुई थी, इसके बाद इन आरोपियों ने दूसरी बार छत्तीसगढ़ में घटना को अंजाम देने की तैयारी कर रखी थी. लेकिन वह किसी घटना को अंजाम देते, उसके पहले ही पुलिस ने उन्हें धर दबोचा. चार शूटर्स को गिरफ्तार किया गया.-लखन पटले, एएसपी, रायपुर
खनन में करोड़ों का कारोबार इसलिए शूटर्स की नजर छत्तीसगढ़ पर: शूटर्स के निशाने पर छत्तीसगढ़ के सवाल पर वरिष्ठ पत्रकार उचित शर्मा का कहना है "छत्तीसगढ़ कांटेक्ट किलिंग से दूर रहा है. यदि कुछ घटनाओं को छोड़ दिया जाए, तो ऐसे ऑर्गेनाइज्ड क्राइम छत्तीसगढ़ में नहीं हुए. जहां-जहां खनन का काम होता है वहां इस तरह के मामले सामने आते हैं. छत्तीसगढ़ की बात की जाए तो यहां भी खनन माफिया हैं, करोड़ों का कारोबार है, इसलिए अब शूटरों की नजर छत्तीसगढ़ पर है."
कारोबारी पर साइकोलॉजीकल प्रेशर बनाकर रंगदारी की मांग: शर्मा बताते हैं कि झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश और ओडिशा भी खनन से जुड़ा है. वहां इस तरह की घटनाएं ज्यादा होती है. इन प्रदेशों में ऑर्गेनाइज्ड क्राइम का अनुपात ज्यादा रहा. लेकिन अब छत्तीसगढ़ में दूसरे राज्य से आकर लोग हमला बोल रहे हैं. प्रदेश में भी अब कॉन्ट्रेक्ट किलिंग का फॉर्मेट चलाने की कोशिश की जा रही है. इस तरह की घटनाओं के जरिए गैंग कारोबारी पर साइकोलॉजीकल प्रेशर और मनोवैज्ञानिक दबाव बनाने की कोशिश करते हैं. क्योंकि सबसे ज्यादा पैसा खनन, रेत, शराब में है और यही वजह है कि अब गैंग की नजर छत्तीसगढ़ की ओर है. सुपारी किलिंग के लिए प्रदेश में बड़े-बड़े गिरोह काम कर रहे हैं.
छत्तीसगढ़ पुलिस ने इन आरोपियों को घटना के पहले ही गिरफ्तार कर लिया. इस तरह से पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए एक बेहतर काम किया है. ऐसा कम ही देखने को मिलता है कि कोई बड़ी घटना को अंजाम देने के पहले आरोपी पुलिस की गिरफ्त में हो.