सुकमा: नौतपा के आखरी दिन 2 जून को बस्तर संभाग के सभी जिलों में जमकर बारिश हुई. बारिश होने से लोगों को गर्मी से राहत तो मिली, लेकिन कई जगहों आकाशीय बिजली के कारण मवेशियों की मौत भी हो गई. बस्तर संभाग के सुकमा जिले में आकाशीय बिजली गिरने के कारण 26 मवेशियों की मौत हो गई है. एक साथ 26 मवेशियों की मौत से पशुपालकों को नुकसान हुआ है. यह पूरी घटना जिले के पोलमपल्ली थाना क्षेत्र के पोलमपल्ली गांव की है.
सुकमा में आकाशीय बिजली गिरने से 26 मवेशियों की मौत - cattle died by lightning in Sukma
By ETV Bharat Chhattisgarh Team
Published : Jun 3, 2024, 6:38 PM IST
सुकमा में रविवार को हुई बारिश कहर बनकर बरसी है. यहां आकाशीय बिजली गिरने से 26 मवेशियों की मौत हो गई.
26 मवेशियों की मौत: इस बारे में पोलमपल्ली गांव के ग्रामीण भीमा मरकाम ने बताया कि बीती रात करीब 8-9 बजे के बीच तेज-आंधी तूफान के साथ जमकर बारिश हुई. इसके साथ ही बिजली भी चमक रही थी. बारिश से बचने के लिए पोलमपल्ली गांव के करीब 10 किसानों के 26 मवेशी पेड़ के नीचे छिपाए थे. इसी दौरान आकाशीय बिजली गिरी. आकाशीय बिजली की चपेट में आने से मौके पर ही सभी मवेशियों की मौत हो गई. कुछ ही देर में मवेशियों के मौत की जानकारी पूरे गांव में फैल गई. जिसके बाद सभी ग्रामीण घटना स्थल पहुंचे. घटना की जानकारी पटवारी को भी दी गई. जिसके बाद पटवारी ने मौके का मुआयना किया और जांच की.
सुकमा: नौतपा के आखरी दिन 2 जून को बस्तर संभाग के सभी जिलों में जमकर बारिश हुई. बारिश होने से लोगों को गर्मी से राहत तो मिली, लेकिन कई जगहों आकाशीय बिजली के कारण मवेशियों की मौत भी हो गई. बस्तर संभाग के सुकमा जिले में आकाशीय बिजली गिरने के कारण 26 मवेशियों की मौत हो गई है. एक साथ 26 मवेशियों की मौत से पशुपालकों को नुकसान हुआ है. यह पूरी घटना जिले के पोलमपल्ली थाना क्षेत्र के पोलमपल्ली गांव की है.
26 मवेशियों की मौत: इस बारे में पोलमपल्ली गांव के ग्रामीण भीमा मरकाम ने बताया कि बीती रात करीब 8-9 बजे के बीच तेज-आंधी तूफान के साथ जमकर बारिश हुई. इसके साथ ही बिजली भी चमक रही थी. बारिश से बचने के लिए पोलमपल्ली गांव के करीब 10 किसानों के 26 मवेशी पेड़ के नीचे छिपाए थे. इसी दौरान आकाशीय बिजली गिरी. आकाशीय बिजली की चपेट में आने से मौके पर ही सभी मवेशियों की मौत हो गई. कुछ ही देर में मवेशियों के मौत की जानकारी पूरे गांव में फैल गई. जिसके बाद सभी ग्रामीण घटना स्थल पहुंचे. घटना की जानकारी पटवारी को भी दी गई. जिसके बाद पटवारी ने मौके का मुआयना किया और जांच की.