रायपुर: छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले में रायपुर के स्पेशल कोर्ट में सोमवार को सुनवाई हुई. रिटायर्ड आईएएस अनिल टुटेजा को ईडी ने 14 दिन की रिमांड खत्म होने के बाद पेश किया. कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद टुटेजा को 3 जून तक के लिए न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया है. इसके साथ ही आबकारी विभाग के पूर्व अधिकारी अरुण पति त्रिपाठी की जमानत याचिका को भी खारिज कर दिया.
पूछताछ में कई नामों का खुलासा: प्रवर्तन निदेशालय के वकील सौरभ कुमार पांडेय ने बताया कि "अनिल टुटेजा से पूछताछ के दौरान बहुत सारे तथ्य जुटाए गए हैं. शराब घोटाले से संबंधित जांच जारी है. पूछताछ में बहुत सारे लोगों के नाम सामने आए हैं. उनका स्टेटमेंट रिकॉर्ड करना अभी बाकी है."
टुटेजा के पास से कुछ डिजिटल डिवाइस भी मिले हैं. जिसमें सारा डाटा है उसका एनालिसिस भी किया जा रहा है. इसमें कई लोगों के नाम भी सामने आए हैं. जिन्हें पूछताछ के लिए प्रवर्तन निदेशालय के कार्यालय में नोटिस भेज कर बुलाया जा रहा है.- सौरभ कुमार पांडेय, वकील, ईडी
"अनिल टुटेजा आर्किटेक्ट ऑफ लिकर स्कैम": प्रवर्तन निदेशालय ने अनिल टुटेजा की गिरफ्तारी को लेकर कई आधार बताएं हैं. करीब 16 पन्नों पर प्रवर्तन निदेशालय ने ग्राउंड ऑफ अरेस्ट का ब्यौरा दिया है. ED ने कहा है कि शराब घोटाले मामले में अनवर ढेबर ने सिंडिकेट बनाया और उस सिंडिकेट को सबसे ज्यादा पावर अनिल टुटेजा से मिलती थी, जो कंट्रोलर की भूमिका में थे. जिसको ED ने आर्किटेक्ट ऑफ लिकर स्कैम बताया.