रायपुर: छत्तीसगढ़ में ढाई हजार करोड़ रुपए से अधिक के शराब घोटाले मामले में ईओडब्ल्यू को महत्वपूर्ण सुराग हाथ लगा है. ईओडब्ल्यू के मुताबिक शराब घोटाला मामले में मुख्य आरोपी अनवर ढेबर के धनेली स्थित परिसर में डुप्लीकेट होलोग्राम की कई अधजले रोल जब्त किए गए है.
11 जुलाई तक EOW को मिली तीनों आरोपियों की रिमांड: दरअसल, साल 2019 से 2022 तक सरकारी दुकानों से अवैध शराब डुप्लीकेट होलोग्राम लगाकर अनवर ढेबर और उसके सिंडिकेट की ओर से अवैध रूप से बिक्री किया गया है. इससे शासन को करोड़ों की आर्थिक क्षति हुई है. नकली होलोग्राम एकत्र करने और नष्ट करने के मामले में ईओडब्ल्यू ने अनुराग द्विवेदी, अमित सिंह और दीपक दुआरी को गिरफ्तार किया है. गुरुवार को तीनों आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया, जिसके बाद ईओडब्ल्यू को 11 जुलाई तक तीनों की रिमांड मिली है. 11 जुलाई तक तीनों आरोपियों से ईओडब्ल्यू की टीम इस मामले में पूछताछ करेगी.
धनेली स्थित जमीन को किया गया सील: जानकारी के मुताबिक धनेली स्थित जमीन पर अनवर ढेबर, अरविंद सिंह और सिंडिकेट के अन्य व्यक्तियों की ओर से नकली होलोग्राम को नोएडा से लाकर भंडारण किया गया था. डिसलारियों को वितरण करने के बाद खाली शीशियां और डिस्लरो को सप्लाई करने के साथ अवैध शराब (पार्ट B) के बिक्री से प्राप्त कमिशन का संग्रहण किया जाता था. साल 2022 में प्रवर्तन निदेशालय की रेड के डर की वजह से अनवर देवर और अरविंद सिंह के कहने पर बचे हुए डुप्लीकेट होलोग्राम को नष्ट किया गया था, जिसकी सूचना मिलने पर ईओडब्ल्यू की टीम ने गवाहों के समक्ष जेसीबी मंगवाकर 6 फीट जमीन की खुदाई कर उसकी वीडियो ग्राफी कराकर विधिवत जब्त कार्रवाई की गई. इसके साथ ही धनेली स्थित उस जमीन के परिसर को सील कर दिया गया है.
बता दें कि डुप्लीकेट होलोग्राम भंडारण, वितरण और नष्टीकरण के मामले में ईओडब्ल्यू ने अनुराग द्विवेदी, अमित सिंह और दीपक दुआरी को गिरफ्तार कर गुरुवार को कोर्ट में पेश किया. कोर्ट ने ईओडब्ल्यू को 11 जुलाई तक रिमांड दी है. 11 जुलाई को तीनों आरोपियों को दोबारा कोर्ट में पेश किया जाएगा.