बिलासपुर : छत्तीसगढ़ के कथित शराब घोटाले मामले में ईडी और एसीबी की एफआईआर को निरस्त करने की मांग की गई है.इसके लिए अनिल टूटेजा,अनवर ढेबर समेत दूसरे आरोपियों ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी. हाईकोर्ट में इसे लेकर क्रिमिनल मिस्लेनियस पिटीशन पर सुनवाई चली. मामले में लंबी बहस के बाद चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच ने फैसला सुरक्षित रख लिया है.
नई एफआईआर को लेकर दर्ज कराई आपत्ति : शराब घोटाले को लेकर एसीबी और ईडी ने अनिल टुटेजा , यश टुटेजा , अनवर ढेबर , विधु गुप्ता , निरंजन दास और एपी त्रिपाठी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. ये सभी पहले से ही रायपुर सेन्ट्रल जेल मे निरुद्ध हैं. अपने खिलाफ किए गए नए एफआईआर को निरस्त करने की मांग लेकर सभी आरोपियों ने हाईकोर्ट का रुख किया. मामले में बुधवार को चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस रविन्द्र अग्रवाल की डीबी में सुबह से बहस शुरू हुई.
क्या दिया गया है याचिका में तर्क : सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं के वकीलों ने कहा, कि एक बार सुप्रीम कोर्ट ने जब एफआईआर क्वेश कर दी थी, तब पुराने तथ्यों और आधारों पर ही फिर एफआईआर दर्ज करना वैधानिक नहीं है. मामले में नए सिरे से जांच किए जाने के बाद ही यह कार्रवाई हो सकती थी. मामले में सभी पक्षों के तर्कों और बहस सुनने के बाद हाईकोर्ट की डीबी ने अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया है.