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छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने शराब घोटाले में दायर 13 याचिका खारिज की, कहा- आरोपियों ने राज्य के खजाने को भारी नुकसान पहुंचाया - Chhattisgarh Liquor Scam

Liquor Scam, Chhattisgarh High court छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने शराब घोटाले में ईसीआईआर और एफआईआर रद्द करने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी है. 10 जुलाई को कोर्ट ने सभी 13 याचिकाओं पर सुनवाई पूरी कर ली थी. मंगलवार को इस पर फैसला सुनाया

Chhattisgarh High court
शराब घोटाले पर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में सुनवाई (ETV Bharat Chhattisgarh)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Aug 21, 2024, 7:52 AM IST

बिलासपुर: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने कथित 2000 करोड़ रुपये के शराब घोटाले में ED और ACB/EOW के खिलाफ दायर सभी 13 याचिकाओं को खारिज कर दिया. चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच ने मंगलवार को ये फैसला सुनाया. FIR निरस्त करने की मांग को लेकर याचिका लगाई गई थी.

शराब घोटाले में दोषियों की याचिका खारिज: मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति रवींद्र कुमार अग्रवाल की खंडपीठ ने 10 जुलाई को याचिकाओं पर सुनवाई पूरी कर ली थी. अतिरिक्त महाधिवक्ता विवेक शर्मा ने बताया कि "सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा, व्यवसायी अनवर देभर, छत्तीसगढ़ राज्य विपणन निगम लिमिटेड के पूर्व प्रबंध निदेशक अरुणपति त्रिपाठी, आईएएस अधिकारी और पूर्व आबकारी आयुक्त निरंजन दास, नोएडा स्थित व्यवसायी विधु गुप्ता और शराब घोटाले के अन्य आरोपियों ने ईडी द्वारा दर्ज ईसीआईआर और एसीबी/ईओडब्ल्यू द्वारा दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग करते हुए अलग-अलग याचिकाएं दायर की थीं."

अतिरिक्त एजी शर्मा ने कहा कि "याचिकाकर्ताओं को दी गई अंतरिम राहत के पिछले आदेश भी रद्द कर दिए गए हैं. "एफआईआर और ईसीआईआर को देखने से यह नहीं कहा जा सकता है कि याचिकाकर्ताओं के खिलाफ कोई भी प्रथम दृष्टया अपराध सामने नहीं आया है. इसके अलावा, जांच के दौरान एकत्र की गई सामग्री से पता चलता है कि आरोपियों/याचिकाकर्ताओं द्वारा किए गए अपराधों की प्रकृति ने राज्य के खजाने को भारी वित्तीय नुकसान पहुंचाया है. अपराध की अनुमानित आय लगभग 2,161 करोड़ रुपये है."

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अतिरिक्त एजी शर्मा ने कहा कि "याचिकाकर्ताओं को दी गई अंतरिम राहत के पिछले आदेश भी रद्द कर दिए गए हैं. "एफआईआर और ईसीआईआर को देखने से यह नहीं कहा जा सकता है कि याचिकाकर्ताओं के खिलाफ कोई भी प्रथम दृष्टया अपराध सामने नहीं आया है. इसके अलावा, जांच के दौरान एकत्र की गई सामग्री से पता चलता है कि आरोपियों/याचिकाकर्ताओं द्वारा किए गए अपराधों की प्रकृति ने राज्य के खजाने को भारी वित्तीय नुकसान पहुंचाया है. अपराध की अनुमानित आय लगभग 2,161 करोड़ रुपये है."

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